दिल्ली-एनसीआर

दिल्ली में छाई धुंध की चादर, हवा की गुणवत्ता अभी भी 'बेहद खराब'

jantaserishta.com
12 Nov 2021 5:47 AM GMT
दिल्ली में छाई धुंध की चादर, हवा की गुणवत्ता अभी भी बेहद खराब
x

Delhi Pollution Level Latest Update: राजधानी दिल्ली में खराब हुई फिजा ठीक होने का नाम ही नहीं ले रही है. आसपास के राज्यों में जलने वाली पराली और दिवाली के मौके पर हुई आतिशबाजी की वजह राजधानी में प्रदूषण (Delhi AQI Level) अधिक बढ़ गया. शुक्रवार को दो इलाकों में एयर क्वालिटी 700 से अधिक दर्ज की गई. हालांकि, औसत तौर पर यह आंकड़ा 360 है. इसके अलावा, राजधानी के कई इलाके रेड जोन में बने हुए हैं.

सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फॉरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, ''दिल्ली की ओवरऑल एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 360 पाई गई है.'' यह एयर क्वालिटी 'बहुत खराब' श्रेणी में आती है. इससे पहले बीते दिन भी एयर क्वालिटी 'बहुत खराब' दर्ज की गई थी.
दिल्ली एनसीआर में पिछले कई दिनों से पॉल्यूशन की वजह से विजिबिलिटी पर भी असर पड़ा है. हवा में स्मॉग की मोटी चादरें दिखाई दे रही हैं. कुतुब मीनार, लोटस टैंपल, अक्षरधाम मंदिर के आसपास के इलाकों में स्मॉग और लो विजिबिलिटी दर्ज की गई. साथ ही 'खराब हवा' की वजह से लोगों को सांस लेने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
यूं तो दिल्ली का औसत एक्यूआई 360 दर्ज किया गया है, लेकिन कुछ ऐसे इलाके हैं, जहां पर पॉल्यूशन में काफी इजाफा देखने को मिला है. राजधानी के दो इलाकों- वजीरपुर और जहांगीरपुरी में शुक्रवार को एक्यूआई 700 से अधिक दर्ज किया गया. इससे पता चलता है कि दिल्ली के कुछ इलाकों में प्रदूषण अन्य की तुलना में कहीं अधिक है. वहीं, एक्यूआई लेवल का डेटा उपलब्ध करवाने वाले सभी स्टेशंस भी रेड कैटेगरी में है. मंदिर मार्ग में सुबह एक्यूआई लेवल 485 दर्ज किया गया. दिल्ली के पूसा में 359, नई दिल्ली अमेरिकी दूतावास के पास 452 एक्यूआई का आंकड़ा पाया गया.
पिछले कई दिनों से दिल्ली की हवा में 'जहर' घुला हुआ है, जिसकी वजह से लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. एक्सपर्ट रॉय चौधरी ने बताया कि दिल्ली की हवा में जारी स्मॉग एक पब्लिक इमरजेंसी है. इसके लिए धूल वाले सोर्सेज जैसे-कारें, इंडस्ट्रीज, वेस्ट बर्निंग और डस्ट सोर्सेज जैसे कंस्ट्रक्शन और सड़कों पर तुरंत इमरजेंसी एक्शन लेने की जरूरत है, ताकि प्रदूषण को और अधिक फैलने से रोक जा सके. साथ ही, हमें प्रदूषण-सोर्स वाइस और हॉटस्पॉट वाइस स्टेटस पर काम करने की भी जरूरत है. वहीं, दिल्ली में मौसमी धुंध काफी घनी है. अक्टूबर के मध्य से 8 नवंबर तक पराली दैनिक योगदान पिछले चार वर्षों में सबसे कम रहा है. दिल्ली की इस स्थिति को लेकर एक्सपर्ट ने इसे इमरजेंसी करार दिया और तुरंत एक्शन लेने की जरूरत बताई.


Next Story