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नॉएडा के ट्विंस टावर को गिराते समय पुलिस और फायर डिपार्टमेंट के 500 जवान रहेंगे मौजुद
एनसीआर नॉएडा न्यूज़: नोएडा के सेक्टर-93ए में सुपरटेक बिल्डर के अवैध ट्विंस टावर (Supertech Twins Towers) को जब गिराया जाएगा तो उससे दो दिन पहले नेशनल डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स (NDRF) मोर्चा संभाल लेगी। इतना ही नहीं गौतमबुद्ध नगर पुलिस और फायर डिपार्टमेंट के करीब 500 जवान दोनों टॉवरों को गिराने के दौरान मौके पर रहेंगे। आपको बता दें कि सियान और एपेक्स को गिराने की तारीख और वक्त मुकर्रर कर दिया गया है। नोएडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु महेश्वरी ने बताया कि 21 अगस्त की दोपहर यह दोनों टॉवर 2:30 बजे गिराए जाएंगे। दोनों इमारत भारी-भरकम हैं और गिरने से बड़ा कम्पन होगा। लिहाजा, किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के पूरे इंतजाम किए जा रहे हैं।
34 एमएम प्रति सेकेंड का कम्पन जमीन में पैदा होगा: दोनों अवैध टॉवर के ध्वस्तीकरण का काम कर रही कंपनी एडिफाईस इंजीनियरिंग ने बताया है कि वाइब्रेशन प्रेडिक्शन रिपोर्ट मिल गई है। इस रिपोर्ट के अनुसार अधिकतम कम्पन 34 मिलीमीटर प्रति सेकेण्ड होने की सम्भावना है। इन दोनों टॉवर के नजदीक दो हाऊसिंग सोसायटी एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज हाउसिंग सोसायटी हैं। इन दोनों सोसायटी को सबसे ज्यादा खतरा है। किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए एनडीआरएफ, गौतमबुद्ध नगर पुलिस और फायर डिपार्टमेंट को मौके पर तैनात रखा जाएगा। एनडीआरएफ की गाजियाबाद आइटीबीपी में मौजूद बटालियन को सूचना दे दी गई है। धमाके से 2 दिन पहले एनडीआरएफ की कंपनी नोएडा आ जाएगी।
नोएडा में 300 एमएम प्रति सेकेंड का कम्पन सहन कर सकती हैं इमारतें: पिछले सप्ताह हुई बैठक के दौरान नोएडा की सीईओ रितु महेश्वरी ने एडिफाईस इंजीनियरिंग कम्पनी से पूछा कि वाइब्रेशन प्रेडिक्शन क्या है? कम्पनी ने बताया कि रिपोर्ट मिल गई है। इस रिपोर्ट के अनुसार अधिकतम वाइब्रेशन 34 मिलीमीटर प्रति सेकेण्ड की सम्भावना है। नोएडा शहर सिस्मिक जोन-5 में है। इस जोन में बनाए गए सभी स्ट्रक्चर 300 एमएम प्रति सेकेण्ड के मानकों के हिसाब से डिजाईन किए जाते हैं। इसलिए आसपास की इमारतों का स्ट्रक्चरल ऑडिट करवाने की आवश्यकता है।
अब सीबीआरई देगी कम्पन पर रिपोर्ट: सीईओ रितु महेश्वरी ने एडिफाईस इंजीनियरिंग कंपनी के अधिकारियों को आदेश दिया है कि भले ही रिपोर्ट में वाइब्रेशन प्रेडिक्शन केवल 34 मिलीमीटर प्रति सेकेण्ड आया है लेकिन सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई) से स्ट्रक्चरल ऑडिट करवा लें। सीबीआरआई से वाइब्रेशन प्रेडिक्शन रिपोर्ट प्राप्त कर ली जाये। यदि सीबीआरआई की ओर से वाइब्रेशन प्रेडिक्शन रिपोर्ट में स्ट्रक्चरल ऑडिट करवाने का सुझाव दिया जाता है तो सुपरटेक तत्काल ऑडिट करवाए। सीबीआरआई रुड़की ने 70 लाख रुपये मांगे हैं। सुपरटेक बिल्डर तीन दिनों में भुगतान करेगा।
मंगलवार को नोएडा अथॉरिटी में हुई बैठक: पिछले सप्ताह मंगलवार को नोएडा अथॉरिटी के बोर्ड रूम में बैठक हुई। बैठक में नोएडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु महेश्वरी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, अग्निशमन विभाग, सुपरटेक बिल्डर, ध्वस्तीकरण का काम कर रही कंपनी एडिफाईस इंजीनियरिंग, एमराल्ड कोर्ट ओनर्स वेलफेयर एसोसिएशन और एटीएस विलेज अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी शामिल हुए।
21 अगस्त की दोपहर 2:30 बजे गिराए जाएंगे दोनों टॉवर: नोएडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु महेश्वरी ने बताया कि ध्वस्तीकरण का काम कर रही कंपनी एडिफाईस इंजीनियरिंग ने मंगलवार को अपनी स्टेटस रिपोर्ट पेश की है। उन्होंने बताया है कि ध्वस्तीकरण की कार्यवाही 21 अगस्त की दोपहर 2:30 बजे की जाएगी। एजेंसी ने प्रत्येक टावर के 11 प्राइमरी और 7 सेकेंडरी फ्लोर के पिलर्स में सुराख किए हैं। इन सुराखों में बारूद लगाया जाएगा। सभी पिलर्स की फाइबर क्लॉथ से रैपिंग की जा चुकी है। केवल 9 पिलर्स बाकी बचे हैं। इनकी रैपिंग अगले 3 दिनों में कर ली जाएगी।
धमाके से पहले मलबा निस्तारण की योजना बनाई जाएगी: सीईओ ने कहा, "इस ध्वस्तीकरण की वजह से भारी मात्रा में मलबा पैदा होगा। इसके निस्तारण से जुड़ी कार्य योजना 31 जुलाई तक एडिफाईस इंजीनियरिंग कंपनी पेश करेगी। जिसका अध्ययन नोएडा अथॉरिटी और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड करेंगे।" रितु माहेश्वरी ने आगे कहा, "ध्वस्तीकरण के कारण धूल से लोन और छोटे पौधों को बचाने के लिए प्लास्टिक शीट से कवर किया जाएगा। यह काम नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधक (सिविल) और विशेष कार्य अधिकारी (उद्यान) करवाएंगे। 31 जुलाई तक यह कार्य योजना भी तैयार कर ली जाएगी।"
2 अगस्त से विस्फोटक भरा जाएगा: दोनों टावरों के पिलर्स में सुराख किए गए हैं। इन सुराखों में विस्फोटक सामग्री रखी जाएगी। एडिफाईस इंजीनियरिंग कंपनी के कर्मचारी 2 अगस्त से 20 अगस्त तक विस्फोटक सामग्री पिलर्स में लगाएंगे। इस दौरान ट्विंस टावर के परिसर में प्रवेश पूरी तरह निषेध कर दिया जाएगा। कंपनी ने गौतमबुद्ध नगर पुलिस से को-आर्डिनेशन कर लिया है। 2 अगस्त के बाद यह पूरा परिसर पुलिस के हवाले कर दिया जाएगा।
सीसीटीवी से 24 घंटे निगरानी होगी: रितु महेश्वरी ने एडिफाईस कंपनी को आदेश दिया है कि विस्फोटक लगाने के कारण ट्विंस टावर का पूरा परिसर संवेदनशील हो जाएगा। परिसर की निगरानी करने के लिए 31 जुलाई तक पूरे परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगा दिए जाएं। सीईओ ने बताया कि ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण की वजह से एमराल्ड कोर्ट हाउसिंग सोसायटी और एटीएस विलेज हाउसिंग सोसायटी को धूल से बचाने का विशेष इंतजाम किया जाएगा। इन दोनों हाउसिंग सोसायटी की तरफ आयरन शीट लगाई जाएंगी। 31 जुलाई तक इन आयरन शीट की ऊंचाई निर्धारित कर ली जाएगी।
पुलिस-फायर की एनओसी 7 दिन में मिलेगी: कंपनी ने सीईओ को बताया कि पुलिस डिपार्टमेंट से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने के लिए सभी जरूरी दस्तावेज दाखिल कर दिए गए हैं। संभावना है कि पुलिस अगले एक सप्ताह में अनापत्ति प्रमाण पत्र दे देगी। इस पर महेश्वरी ने कहा कि अगले एक सप्ताह में पुलिस विभाग से एनओसी ले ली जाए। साथ ही पुलिस और फायर डिपार्टमेंट से को-आर्डिनेशन करके इवैक्युएशन जोन का निर्धारण अगले एक सप्ताह में कर लिया जाए।