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दिल्ली सरकार के खजाने में 12 महीने में आए 41,216 करोड़, राजस्व संग्रह में 35 प्रतिशत की वृद्धि
दिल्ली: कोरोना संकट के कारण उपजी आर्थिक तंगी से जूझने के बाद अब दिल्ली सरकार को आर्थिक मोर्चे पर राहत मिलती नजर आ रही है। 31 मार्च को समाप्त हुए वित्त वर्ष 2021-22 में जीएसटी और वैट वसूली 28 हजार करोड़ को पार कर गई है। यह राजस्व पिछले वित्तीय वर्ष यानी 2020-21 की तुलना में 35 प्रतिशत अधिक है। वहीं, पिछले वित्त वर्ष में दिल्ली सरकार को केंद्र से क्षतिपूर्ति के रूप में 12637 करोड़ रूपए प्राप्त हुए हैं। इस तरह पिछले वित्त वर्ष में सरकार के खजाने में 41,216 करोड़ रूपए आए हैं। माना जा रहा है कि चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में राजस्व अधिक बढ़ने की उम्मीद है। जिससे दिल्ली के ढांचागत विकास से संबंधित परियोजनाओं को और गति मिल सकेगी। आंकड़ों पर नजर डालें तो वित्त वर्ष 2021-22 में जीएसटी और वैट वसूली से कुल 28,573 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है। इसमें 5250 करोड़ वैट व 23327 करोड़ का जीएसटी आया है। पिछले वित्तीय वर्ष यानी 2020-21 में 18572.45 और वित्त वर्ष 2019-20 में 25715 करोड़ का राजस्व आया था। वित्त वर्ष के 2021-22 के जनवरी में कुल राजस्व 3338 करोड़ आया था। जिसमें 378 करोड़ वैट व 2960 करोड़ जीएसटी शामिल है। इसी तरह फरवरी में कुल 1323 करोड़ राजस्व आया। इसमें 273 करोड़ वैट व 1056 करोड़ जीएसटी का था। वहीं, मार्च में कुल राजस्व 3100 करोड़ आया। इसमें 490 करोड़ वैट व 2610 करोड़ जीएसटी का है।
अब माना जा रहा है कि धीरे-धीरे दिल्ली सरकार का राजस्व बढ़ना शुरू हो गया है। मगर अब राजस्व एकत्रित करने की रफ्तार सरकार को और बढ़ानी होगी। सरकार को बहुत बड़े स्तर पर राजस्व की जरूरत है। पैसा न होने से सरकार की तमाम विकास की योजनाएं पिछले साल रुक चुकी हैं। नई योजनाएं ठंडे बस्ते में चली गई थीं। अब इन सब पर काम होना है। बता दें कि लॉकडाउन और कोरोना संकट ने 2020-21 में दिल्ली की अर्थव्यवस्था के साथ ही सरकारी खजाने को भी बुरी तरह प्रभावित किया था। सभी बाजार, मॉल्स व शराब आदि की दुकानों को खोलने का असर कुछ दिखाई दे रहा था। एक समय लॉकडाउन के चलते अप्रैल में दिल्ली सरकार के टैक्स वसूली में 90 प्रतिशत तक की गिरावट आ गई थी। जीएसटी,वैट,आबकारी,स्टांप ड्यूटी,रजिस्ट्रेशन व मोटर वाहन टैक्स समेत सभी मदों में राजस्व प्रभावित हुआ था।
बगैर पुलिस की मदद से अपराधियों को भेजा जाएगा जेल: बिक्री एवं कर विभाग से जुड़े आधिकारिक सूत्रों की मानें तो वित्त वर्ष 2021-22 में इससे पिछले साल की अपेक्षा तीन गुना अधिक छापेमारी हुई है। करीब 200 लोगों पर कार्रवाई की गई है। जानकारों का कहना है कि अब छापेमारी का तरीका बदला गया है। ऑनलाइइन तरीके से ही पहले पूरी तरह से छानबीन कर ली जाती है कि कर चोरी की जा रही है उसके बाद ही उसी कंपनी पर छापेमारी होती है जो गड़बड़ी करते पाया जाता है। इसी क्रम में जनवरी में एक कंपनी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई थी। यह पहला मौका था जब बिक्री एवं कर विभाग ने घपले के मामले में बगैर पुलिस की मदद लिए एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया है और उसे जेल भेजा है। विभाग की योजना है कि भविष्य में होने वाली बड़ी कार्रवाई वह स्वयं अपने स्तर पर करे, इसके लिए पुलिस की मदद न ली जाए। इसके लिए 12 अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम बनाई गई है। जिन्हें प्रशिक्षित किया गया है।
जीएसटी व वैट संग्रह (करोड़ में )
वित्त वर्ष धनरशि
2021-22 28,573
2020-21 18,572
2019-20 25,715