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कुल बजट का खर्च होगा 27.5 प्रतिशत हिस्सा, देगी बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं

Admin4
29 July 2022 2:00 PM GMT
कुल बजट का खर्च होगा 27.5 प्रतिशत हिस्सा, देगी बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं
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नई दिल्ली: दिल्ली में एमसीडी के एकीकरण के बाद प्रशासनिक स्तर में बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं. एमसीडी के द्वारा वर्तमान वित्तीय वर्ष में शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधाएं बेहतर करने के ऊपर अतिरिक्त जोर दिया गया है. वहीं निगम के अंतर्गत आने वाले स्कूलों और अस्पतालों के साथ डिस्पेंसरी के हालात को सुधारने के मद्देनजर पिछले सालों की तुलना के मुकाबले इस साल एमसीडी ने बजट में अधिक राशि निर्धारित की है. जिसमें शिक्षा के क्षेत्र में 2632.8 करोड़ और स्वास्थ्य के क्षेत्र में 1570.3 करोड़ खर्च किया जाना निर्धारित किया गया है, जो एमसीडी के बजट का 27.5% हिस्सा है.

शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा फैसला निगम के अंतर्गत आने वाले प्राथमिक विद्यालयों में से कुछ विद्यालयों को इंग्लिश मीडियम में अपडेट करना भी शामिल है. साथ ही निगम के सभी विद्यालयों में मॉडर्न टेक्नोलॉजी से लैस क्लासरूम उपलब्ध कराने के ऊपर भी काम शुरू हो गया है. इसमें से कई स्कूलों में मॉडर्न क्लास रूम तैयार भी कर दिए गए हैं. इसी कड़ी में आगे बढ़ते हुए एकीकृत नगर निगम के द्वारा इस वित्तीय वर्ष पिछले वर्षों की तुलना में सबसे अधिक शिक्षा के बजट को निर्धारित किया गया है जो कि 2632.8 करोड रुपये है. पिछले कुछ सालों में कभी भी एमसीडी के बजट में इतनी बड़ी राशि कभी निर्धारित नहीं की गई थी.

निगम के अंतर्गत आने वाले स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे ओर बच्चों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए हेड वाश सिस्टम भी इनस्टॉल करवा दिया गया है. स्कूलों में विशेष तौर पर स्पेशल एजुकेटर की भी नियुक्ति की जा रही है. वह दिव्यांग बच्चों को न सिर्फ बढ़ाएंगे बल्कि उन बच्चों को सक्षम बनाने में महत्वपूर्ण काम भी करेंगे. निगम के द्वारा अपने प्राथमिक विद्यालय में पढ़ रहे बच्चों को डिजिटल एजुकेशन से पहले ही वाकिफ कराया जा चुका है. इस कड़ी में अब निगम के द्वारा अपने स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए मोबाइल टेबलेट्स दिए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. ताकि प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ रहे गरीब बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ रहे बच्चों के बराबर लाया जा सके और बच्चों के स्कूल बैग में बढ़ रहे किताबों के बोझ भी कम हो सके.

निगम के द्वारा इस वित्तीय वर्ष में स्वास्थ्य के क्षेत्र में 1570.3 करोड़ की राशि निर्धारित की गई है. इसके माध्यम से न सिर्फ निगम के अंतर्गत आने वाले अस्पतालों में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर को डेवलप किया जाएगा बल्कि हिंदू राव और कस्तूरबा जैसे बड़े अस्पतालों में बदहाल हो चुकी इमारतों को भी रिपेयर कराया जाएगा. साथ ही निगम के अंतर्गत आने वाली जितनी भी पॉलीक्लिनिक्स और डिस्पेंसरी है, जहां इमारतों की स्थिति ठीक नहीं है. उन्हें भी रिपेयर करवाया जाएगा.

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