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दिल्ली में स्लम बस्तियों में रहने वाले 20 लाख लोगों को जल्द मिलेंगे घर, जहां झुग्गी वहां मकान के तहत डीडीए ने शुरू किया दूसरे दौर का सर्वे

Renuka Sahu
18 March 2022 3:17 AM GMT
दिल्ली में स्लम बस्तियों में रहने वाले 20 लाख लोगों को जल्द मिलेंगे घर, जहां झुग्गी वहां मकान के तहत डीडीए ने शुरू किया दूसरे दौर का सर्वे
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फाइल फोटो 

दिल्ली में जहां झुग्गी वहां मकान योजना के तहत मकान देने के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण की ओर से दूसरे दौर की सर्वे प्रक्रिया शुरू हो गई है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दिल्ली में जहां झुग्गी वहां मकान योजना के तहत मकान देने के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की ओर से दूसरे दौर की सर्वे प्रक्रिया शुरू हो गई है। पुनर्वास के लिए पात्र लाभार्थियों की संख्या जुटाने के लिए यह सर्वे किया जा रहा है। दिल्ली में आखिरी बार ऐसा सर्वे 2015 में हुआ था। अब सात साल बाद सर्वे किया जा रहा है। यह ऐसे समय में हो रहा है जब प्राधिकरण की तरफ से स्लम पुनर्वास परियोजनाओं के तहत कठपुतली कॉलोनी और कालकाजी एक्सटेंशन में फ्लैटों की पहली खेप तैयार है और आवंटन की तैयारी चल रही है। इसके तहत एक लाख से ज्यादा लोग और 24 हजार घर शामिल किए जाएंगे।

झुग्गियों में 20 लाख लोग
दिल्ली के 677 स्लम बस्तियों में करीब 20 लाख लोग रहते हैं, जिसमें से 490 झुग्गी बस्तियां डीडीए की जमीन पर हैं। कठपुतली कॉलोनी और कालकाजी एक्सटेंशन में एक दशक पहले से काम चल रहा है। उम्मीद की जा रही है कि बहुत जल्द ईडब्ल्यूएस फ्लैटों की पहली खेप झुग्गी में रहने वालों को सौंपी जा सकती है।
कहां कितने फ्लैट
कठपुतली कॉलोनी के लिए 2800 फ्लैट, कालकाजी एक्सटेंशन में 3024 फ्लैट, जेलरवाला बाग में 1675 फ्लैटों के अलावा दिलशाद गार्डन, शालीमार बाग, हैदरपुर और रोहिणी के अलग-अलग सेक्टरों की 10 झुग्गी बस्तियों में काम जल्द शुरू होने वाला है। इसके तहत 10,337 ईडब्ल्यूएस फ्लैट बनने हैं। इसके अलावा 15,086 ईडब्ल्यूएस फ्लैटों के लिए कालकाजी एक्सटेंशन, कुसुमपुर पहाड़ी और ओखला इंडस्ट्रियल एरिया में आठ झुग्गी बस्तियों के लिए विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार हो रही है।
डीडीए के एक अधिकारी ने बताया कि डीडीए और केंद्र की जमीनों पर बसी झुग्गी बस्तियों के संदर्भ में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत पुनर्वास कार्यक्रम के लिए डीडीए नोडल एजेंसी है। अधिकारी ने कहा कि पीएम आवास योजना की जरूरतों के हिसाब से डीडीए पुनर्वास के लिए झुग्गी में रहने वाले लोगों और क्लस्टर का व्यापक डेटाबेस तैयार करना चाहता है। डीडीए सर्वे निजी एजेंसियों की मदद लेगा और जानकारी इकट्ठा करेगा।
सर्वे में क्या होगा
सर्वे में हितधारकों की राय भी शामिल की जाएगी, जिससे लोगों की समस्याओं और आकांक्षाओं को समझा जा सके। इससे जो इनपुट मिलेंगे वह हाउसिंग प्लानिंग में उपयोगी साबित हो सकता है। सर्वे में यह भी समझा जाएगा कि हाउसिंग फाइनेंस को लेकर लोग कितने समर्थ हैं। 87 झुग्गी बस्तियों में घर-घर सर्वे किया जाएगा। बाद में डेटा को समुदाय के स्तर पर सामने भी रखा जाएगा, जिससे सुनिश्चित हो सके कि कोई भी परिवार छूटा नहीं है और जुटाई गई सभी सूचनाएं सही हैं।
अधिकारी बोले
डीडीए के एक अधिकारी ने बताया कि झुग्गियों में घरों की स्थिति बहुत खराब है। वहां रहने वाले लोगों के लिए सामान्य सुविधाएं भी पर्याप्त नहीं हैं। डीडीए ऐसी आवासीय इकाइयों की योजना बना रही है जिसमें दो कमरे, किचन, बाथरूम, बालकनी के साथ सामान्य सुविधाएं उपलब्ध हों। प्राधिकरण झुग्गी में रहने वाले लोगों को एक स्वच्छ, स्वस्थ और सम्मानजनक जीवनशैली मुहैया कराना चाहता है।
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