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मानसिक रूप से अस्वस्थ शख्स के पास मिला 2 साल का बच्चा
उत्तरी दिल्ली के सदर बाजार इलाके के सिंगाड़ा चौक में 1 दिसंबर 2021 को पुलिस को एक कॉल मिली थी. जिसमें कहा गया था कि "कोई अज्ञात शख्स जिसकी मानसिक हालत ठीक नहीं है. उसके पास 2 साल का बच्चा है. ऐसा लगता है वो बच्चे को कहीं से उठाकर लाया है. उसने उस बच्चे को अपनी चादर के अंदर छुपाया हुआ है." सूचना मिलते ही सदर बाजार थाने से जांच अधिकारी ASI देवेंदर मौके पर पहुंचे. मौके पर देखा की एक शख्स बच्चे को अपने से लिपटाये हुए था और उसे छोड़ ही नहीं रहा था. पुलिस बड़ी मुश्किल से उसे थाने लेकर आई.
पुलिस ने इस शख्स से बच्चे के बारे में जानकारी लेनी चाही. लेकिन शख्स न अपने बारे में बता पाया और न ही उस बच्चे के बारे में. इसी बीच पुलिस ने बच्चे को शिशु गृह 'पालना' में भेज दिया और उस शख्स को उत्तर पूर्वी दिल्ली के इहबास अस्पताल में भर्ती करावा दिया गया. ताकि उसका मानसिक रोग का इलाज हो सके.
इस पूरे मामले की जानकारी उत्तरी जिला के डीसीपी सागर सिंह कलसी के पास पहुंची. इस केस की आगे की जांच की जिम्मेदारी कम्प्यूटर सेल के इंचार्च ASI विनोद वालिया को सौंप दी गई है. विनोद वालिया और हवलदार आशीष इहबास ने डॉक्टरों से बातचीत की. दरअसल पुलिस उस 2 साल के बच्चे के बारे में जानकारी हासिल करना चाहती थी, जो मनोविकार से पीड़ित शख्स से ही मिल सकती थी.
12 दिनों के इलाज के बाद उस शख्स की मानसिक स्थिति में सुधार आना शुरू हुआ है. उसने टुकड़ों में कुछ शब्द इहबास अस्पताल के डॉक्टरों को बताए. जब इन शब्दों को मिलाया गया तो उससे पता चला कि इस व्यक्ति का नाम श्रवण मंडल है, पिता का नाम रामेश्वर मंडल है और ये शख्स गांव बेहला जिला मधुबनी का रहने वाला है. ये जानकारी डॉक्टरों द्वारा पुलिस को दे दी गई. पुलिस ने भी जब इससे पूछताछ की तो इसने अपने घर की लोकेशन कीर्तन भवन मंदिर के आसपास बताई.
ये जानकारी मिलने के बाद 13 दिसंबर को दिल्ली पुलिस की टीम ने बिहार पुलिस से सम्पर्क किया. उस गांव के थाना फूलप्राश इंचार्ज को मदद के लिए साथ लेकर चुनाव आयोग की वेब साइट से उस गांव की वोटर लिस्ट निकाल कर श्रवण मंडल के नाम को देखा गया. उस वोटर लिस्ट में श्रवण मंडल नाम के तीन लोग जो लगभग एक ही उम्र के थे. बिहार में दिल्ली पुलिस की टीम ने दिल्ली के इहबास अस्पताल से इसकी बिना दाड़ी की फ़ोटो मंगाई. दिल्ली से इसकी शेव बनवाकर फ़ोटो भेज दी. श्रवण मंडल नाम के व्यक्ति जिन थानों के अंतर्गत आते थे. उस इलाके के तीनों ब्लॉक डवलपमेंट ऑफिसर से बात की गई. काफी मेहनत के बाद घोघडिया नगर, गांव बथना चौलाही के रहने वाले कामथ नाम ने श्रवण मंडल को पहचान लिया. उसने बताया कि तस्वीर वाला शख्स उसके गांव का रहने वाला हैं और 8 साल पहले गांव छोड़ कर चला गया था. कामथ ने बताया कि श्रवण मंडल की शादी भारती नाम की महिला से हुई थी और उसकी दो 8 और 10 वर्ष की बेटियां हैं.
इसके बाद श्रवण मंडल के भाई जयप्रकाश और जीजा अरुण जो अम्बाला में रहते थे. पुलिस ने फोटो भेजकर पहचान करवाई. पुलिस ने श्रवण मंडल के परिवार के पुराने फोटोग्राफ भी मंगवा लिए. श्रवण मंडल का भाई और जीजा भी दिल्ली आए और उन्होंने पुलिस के सामने एक चौकाने वाला खुलासा किया. उन्होंने बताया कि श्रवण मंडल ने दिल्ली के मादीपुर में किसी बंगाल की महिला से शादी कर ली थी. वो महिला उसे छोड़कर किसी दूसरे व्यक्ति के साथ चली गई. जो बच्चे पुलिस को इसके साथ मिला था वो शायद इसी का है. जिसको उस बंगाली महिला ने जन्म दिया था.उस महिला के जाने के बाद ये मानसिक संतुलन खो बैठा है.
पुलिस ने DNA टेस्ट के लिए बच्चे के और श्रवण के लिए सैंपल लैब भेजे है ,जिसका बेसब्री से इंतज़ार है. उधर दिल्ली के इहबास अस्पताल में श्रवण मंडल की मानसिक स्तिथि में सुधार के बाद पुलिस ने कोर्ट से इजाजत के बाद उसे उसके परिवार के लोगों से मिलवाया और बाद में उनके सुपुर्द कर दिया है. अब पुलिस की जांच की DNA की रिपोर्ट पर टिकी है.
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