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आपात पैरोल पर छूटे 19 प्रतिशत कैदी अभी तक जेलों में नहीं लौटे: रिपोर्ट

Admin Delhi 1
22 Sep 2022 6:56 AM GMT
आपात पैरोल पर छूटे 19 प्रतिशत कैदी अभी तक जेलों में नहीं लौटे: रिपोर्ट
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दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न जेलों में पिछले दो वर्षों में अंतरिम जमानत या आपात पैरोल पर रिहा किए गए कैदियों में से करीब 19 प्रतिशत अभी तक वापस नहीं आए हैं। सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत अधिकारियों द्वारा साझा किए गए आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। कोविड-19 महामारी के दौरान 2020 और 2021 में दिल्ली की तीन जेलों - तिहाड़, रोहिणी और मंडोली - से कैदियों को रिहा किया गया था। इन कैदियों को जेलों में भीड़ कम करने के उपायों के तहत उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद रिहा किया गया था। जेल अधिकारियों से मिल आंकड़ों के अनुसार, पिछले दो वर्षों में 5,525 कैदियों को अंतरिम जमानत और आपात पैरोल पर रिहा किया गया था और उनमें से 1,063 (19.23 प्रतिशत) कैदी अपनी शेष सजा काटने के लिए वापस नहीं आए हैं।

दिल्ली जेल विभाग के एक वरिष्ठ जेल अधिकारी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने आदेश दिया था कि 2021 में दूसरी लहर के दौरान रिहा किए गए कैदियों को अगले आदेश तक आत्मसमर्पण करने के लिए नहीं कहा जाएगा। उन्होंने कहा कि यह आदेश अभी कायम है। दिल्ली के तीन जेल परिसरों में कई जेलें हैं। एक अप्रैल 2020 से कैदियों की रिहाई के बारे में इस संवाददाता द्वारा दायर किए गए एक आरटीआई आवेदन के जवाब में, जेल अधीक्षक कार्यालय (तिहाड़ सेंट्रल जेल नंबर 3) ने 24 अगस्त को बताया कि इस जेल से 1,359 कैदियों को अंतरिम जमानत या आपात पैरोल पर रिहा किया गया था। जवाब के अनुसार Þअंतरिम जमानत व आपात पैरोल के बाद अब तक कुल 376 कैदियों ने आत्मसमर्पण नहीं किया है। दिल्ली की अन्य जेलों में दायर इसी तरह के आरटीआई आवेदनों से पता चलता है कि सैकड़ों कैदियों ने अभी तक आत्मसमर्पण नहीं किया है।

जेल अधीक्षक कार्यालय (तिहाड़ सेंट्रल जेल नंबर 4) ने नौ सितंबर को कहा कि 2,358 कैदियों को अंतरिम जमानत या आपात पैरोल पर रिहा किया गया था और उनमें से 389 कैदियों ने अभी तक आत्मसमर्पण नहीं किया है। जेल अधीक्षक कार्यालय (तिहाड़ सेंट्रल जेल नंबर 5) ने बताया कि 2020 और 2021 में क्रमश: 315 और 236 कैदियों को रिहा किया गया था। 2020 में रिहा किए गए 315 कैदियों में से 160 ने अब तक आत्मसमर्पण नहीं किया है। पिछले महीने एक आरटीआई जवाब में, जेल महानिदेशक, तिहाड़ के कार्यालय ने कहा था कि इसमें 5,200 कैदियों की क्षमता है, लेकिन इसकी विभिन्न केंद्रीय जेलों में 13,183 कैदी बंद थे। तिहाड़ को दुनिया के सबसे बड़े जेल परिसरों में से एक माना जाता है और इसमें नौ केंद्रीय जेल हैं। मंडोली जेल में छह केंद्रीय जेल हैं और उसकी क्षमता 1,050 कैदियों की है, लेकिन 2,037 कैदियों को वहां रखा गया था। रोहिणी जेल में केवल एक केंद्रीय जेल है और उसकी क्षमता 3,776 कैदियों की है, लेकिन विभिन्न मामलों में 4,355 कैदी वहां बंद थे।

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