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16 पिस्तौल बरामद, काला जठेड़ी गैंग को हथियार सप्लाई करने वाले गिरफ्तार
नई दिल्ली: गैंगस्टर काला जठेड़ी के गैंग को हथियार सप्लाई करने वाले दो तस्करों को स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया है. इनकी पहचान ब्रिज और जितेंद्र के रूप में हुई है. पुलिस ने इनके पास से 16 पिस्तौल बरामद की है. वह 20 हजार में मध्य प्रदेश से पिस्तौल खरीदकर उसे बदमाशों को 25 से 35 हजार रुपये में बेच देते थे.डीसीपी राजीव रंजन के अनुसार दिल्ली एनसीआर में अवैध हथियार के इस्तेमाल को लेकर स्पेशल सेल काम कर रही थी. बीते कुछ समय में कई ऐसे गैंग पकड़े भी गए हैं. इस दौरान पुलिस को पता चला कि इस तरह के अवैध हथियार मध्य-प्रदेश के खरगोन, बुरहानपुर, धार आदि जगह से सप्लाई किए जा रहे हैं. 15 जुलाई को स्पेशल सेल की टीम को सूचना मिली कि काला जठेड़ी गैंग को हथियार सप्लाई करने वाले संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर के पास आएंगे. इस जानकारी पर स्पेशल सेल की टीम ने छापा मारकर दो लोगों को पकड़ लिया. उनके पास मौजूद बैग से 8-8 अवैध पिस्तौल बरामद हुई. इसे लेकर मामला दर्ज किया गया है.गिरफ्तार किया गया आरोपी ब्रिज धौलपुर का रहने वाला है. वह दसवीं कक्षा तक पढ़ा है. पहले वह मार्बल मिस्त्री का काम करता था. लेकिन वह जल्दी रुपये कमाने के लिए अवैध हथियार के धंधे में शामिल हो गया. वह 6 महीने पहले प्रशांत के संपर्क में आया जो अवैध हथियारों की तस्करी करता है. बीते 6 महीने से वह उसके लिए काम कर रहा था. उसने भगवान दास को भी प्रशांत से मिलवाया था. उसके साथ वह दो बार हथियार तस्करी कर चुका है. एक बार में उसे 5 हजार रुपये मिलते थे. अपनी शादी के लिए उसे रुपयों की आवश्यकता थी. इसलिए वह लगातार अवैध हथियार की तस्करी कर रहा था. 4 महीने पहले राजस्थान पुलिस ने भगवान दास, श्री कृष्ण और प्रशांत को गिरफ्तार कर लिया था. जेल से भगवान दास ने उसे खरगोन से हथियार लाकर उसे दिल्ली में सप्लाई करने के लिए कहा था.ब्रिज को बताया गया था कि यह हथियार काला जठेड़ी गैंग को जाएंगे. उसके साथी जेल में रहते थे. इसलिए वह जितेंद्र को अपने साथ लेकर आया था. आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह एक पिस्तौल को 20 हजार रुपये में खरीदते थे. इसे आगे वह 25 से 35 हजार में बेचते थे. दूसरा आरोपी जितेंद्र 12वीं कक्षा तक पढ़ा है. उसकी कोई खास कमाई नहीं थी. इस दौरान वह ब्रिज के संपर्क में आया और उसके साथ अवैध हथियारों की तस्करी करने लगा. शुरू में वह भगवान दास के साथ छोटे अपराधियों को हथियार सप्लाई करता था. लेकिन बाद में वह बड़े गैंग के संपर्क में आ गया और उन्हें हथियार देने लगा.