- Home
- /
- दिल्ली-एनसीआर
- /
- इस प्रदेश में चलेंगी...
दिल्ली-एनसीआर
इस प्रदेश में चलेंगी 1,500 नई इलेक्ट्रिक बसें, महंगे ईंधन की समस्या से परेशान सरकारें कर रही ईवी का रुख
Renuka Sahu
14 May 2022 5:13 AM GMT
x
फाइल फोटो
ईंधन की बढ़ती कीमतों ने आम लोगों के साथ-साथ सरकारों को भी परेशानी में डाल दिया है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ईंधन की बढ़ती कीमतों ने आम लोगों के साथ-साथ सरकारों को भी परेशानी में डाल दिया है. इसलिए सरकारें अब नए विकल्पों की ओर रुख कर रही हैं. इसी नए विकल्प को तलाशते हुए दिल्ली सरकार ने डीटीसी में 1500 इलेक्ट्रिक बसों को शामिल किए जाने की अनुमति दे दी है. सरकार ने बैट्री स्वैपिंग और चार्जिंग के लिए 10 स्थान आवंटित करने की भी घोषणा की है.
गौरतलब है कि ये बसें पहले से चल रही लो फ्लोर सीएनजी बसों से अलग होंगी. सरकार दिल्ली इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी 2020 के तहत यह कदम उठा रही है. सरकार ने 75 अंतर-राज्यीय बसों को भी अनुमति दी है. ये बसें 5 राज्य व एक केंद्रीय शासित प्रदेश में 11 रूटों पर चलेंगी.
महिला चालकों का स्टाइपेंड बढ़ेगा
सरकार ने एचएमवी (हेवी मोटर व्हीकल) लाइसेंसधारी ट्रेनी महिला बस चालकों के स्टाइपेंड को 6000 रुपये से बढ़ाकर 12,000 रुपये कर दिया है. वहीं, सरकार ने चालक बनने की इच्छुक महिलाओं के लिए 3 साल तक एचएमवी लाइसेंस को लेकर छूट दे दी थी. यानी वे बिना लाइसेंस के भी 3 साल तक बस ड्राइवर की ट्रेनिंग ले सकती हैं.
कहां लगेंगे चार्जिंग स्टेशन
दिल्ली सरकार बैट्री चार्जिंग व स्वैपिंग के लिए 10 स्थानों को चिह्नित किया है. यह स्थान हैं- अंबेडकर नगर डिपो, जलविहार टर्मिनल, दिलशाद गार्डन टर्मिनल, करावल नगर टर्मिनल, शादीपुर डिपो, मायापुरी डिपो, बिंदुपुर टर्मिनल, ईस्ट विनोद नगर, पंजाबी बाग, और रोहिणी डिपो-1.
किन 11 रूट्स पर चलेंगी बसें
डीटीसी की बसें उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ के 11 रूट्स पर चलेंगी. यह रूट्स हैं- दिल्ली-ऋषिकेश, दिल्ली-हरिद्वार, दिल्ली-देहरादून, दिल्ली-हल्दवानी, दिल्ली-आगरा, दिल्ली-बरेली, दिल्ली-लखनऊ, दिल्ली-जयपुर, दिल्ली-चंडीगढ़, दिल्ली-पानीपत, दिल्ली-पटियाला.
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में तेजी से हो रहा ईवी को ओर पलायन
पिछले कुछ समय में पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों को चलाने का खर्च बहुत बढ़ गया है. महंगे ईंधन से केवल आम इंसान नहीं सरकारें भी जूझ रही हैं. इसके अलावा इन वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर लगाम के लिए भी सरकारें अब इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन आधारित वाहनों को अधिक तवज्जो दी जा रही है. हालांकि, इनका प्रोडक्शन फिलहाल भारत में कम है और इस वजह से इनकी कीमतें भी अधिक हैं. लेकिन, जैसे-जैसे भारत में इनकी मांग बढ़ेगी प्रोडक्शन में भी वृद्धि होगी और दाम नीचे आने लगेंगे.
Next Story