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12वां विश्व हिन्दी सम्मेलन फिजी में होगा आयोजित

Admin Delhi 1
17 Oct 2022 2:52 PM GMT
12वां विश्व हिन्दी सम्मेलन फिजी में होगा आयोजित
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नई दिल्ली: अगले विश्व हिन्दी सम्मेलन का आयोजन 2023 में फरवरी माह में फिजी में होगा, हालांकि अभी इसकी तारीख तय नहीं हुई है। भारत में फिजी के उच्चायुक्त कमलेश शशि प्रकाश ने यह जानकारी दी। इस बारे में विदेश मंत्रालय में सचिव (ईस्ट) सौरभ कुमार ने मीडिया को बताया कि अब तक 11 विश्व हिन्दी सम्मेलन आयोजित हो चुके हैं। 12वें विश्व हिन्दी सम्मेलन का आयोजन फिजी में होगा। उन्होंने कहा कि इसका आयोजन 2023 की शुरुआत में होगा, लेकिन अभी तरीख तय नहीं हुई है। वहीं, भारत में फिजी के उच्चायुक्त कमलेश प्रकाश ने बताया कि अगला विश्व हिन्दी सम्मेलन फरवरी में फिजी में होगा। विश्व हिन्दी सम्मेलन की तैयारियों के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) कुमार ने बताया कि आयोजन की तैयारियों को लेकर प्रारंभिक काम शुरू हो गया है और जल्द ही उच्च स्तरीय बैठकें प्रारंभ होंगी। उन्होंने कहा कि फिजी में तीन भाषाओं को सरकारी स्तर पर मान्यता है जिनमें से हिन्दी एक है।

कुमार ने बताया कि इस वर्ष जुलाई में भारत और फिजी के बीच विदेश कार्यालय स्तर की पांचवें दौर की वार्ता हुई थी जिसमें राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, लोगों के बीच सम्पर्क सहित द्विपक्षीय संबंधों के सभी आयामों पर चर्चा हुई थी । उन्होंने कहा जब मैं फिजी गया था तब इन विषयों पर अपने समकक्ष के साथ अच्छी चर्चा हुई थी। इस दौरान वहां मंत्रियों से भी चर्चा हुई थी। उन्होंने कहा कि फिजी और भारत घनिष्ट मित्र देश हैं और दोनों देशों के बीच संबंध काफी प्रगाढ़ हो रहे हैं, खास तौर पर 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के बाद से दूसरी ओर, फिजी में भारतीय उच्चायुक्त पी. एस. कार्तिकेयन ने कहा है कि फिजी अगले साल पहली बार विश्व हिन्दी सम्मेलन की मेजबानी करेगा। कार्तिकेयन के हवाले से 'द फिजी टाइम्स' की खबर में कहा गया है कि तीन दिवसीय सम्मेलन फिजी के शहर नाडी में आयोजित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसमें विद्वानों, लेखकों और पुरस्कार विजेताओं सहित भारतीय भाषा के 1,000 से अधिक विशेषज्ञों की भागीदारी होगी। इस आयोजन की भारतीय और फिजी दोनों सरकारों द्वारा सह-मेजबानी की जाएगी। संयुक्त राष्ट्र (2020) के अनुसार, फिजी की जनसंख्या 8,96,000 से अधिक है और जिसमें से 30 प्रतिशत से अधिक भारतीय मूल के हैं।

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