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आठ साल में दर्ज हुए 125 आपराधिक मामले, हिस्ट्रीशीटर बदमाश को किया गिरफ्तार
न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
बदमाश वसीम अकरम उर्फ लंबू को 15 नए मामलों समेत करीब 20 केसों में भगोड़ा घोषित करने की प्रक्रिया चल रही थी। इसके पास से .315 बोर की सिंगल सूट पिस्टल व तीन कारतूस बरामद किए गए हैं। आरोपी इलाके में गरीब लोगों का रॉबिनहुड बना हुआ था। वह गरीब लोगों को पैसा बांटता था।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ताबड़तोड़ वारदात कर रहे एक ऐसे बदमाश को गिरफ्तार किया है जिसके खिलाफ आठ सालों में 125 अपराधिक मामर्ल दर्ज हो गए। कोटला मुबारकपुर थानाध्यक्ष पर फायरिंग समेत 35 अपराधिक वारदातों में पुलिस को उसकी तलाश थी।
बदमाश वसीम अकरम उर्फ लंबू को 15 नए मामलों समेत करीब 20 केसों में भगोड़ा घोषित करने की प्रक्रिया चल रही थी। इसके पास से .315 बोर की सिंगल सूट पिस्टल व तीन कारतूस बरामद किए गए हैं। आरोपी इलाके में गरीब लोगों का रॉबिनहुड बना हुआ था। वह गरीब लोगों को पैसा बांटता था।
स्पेशल सेल के पुलिस अधिकारियों के अनुसार, स्पेशल सेल में तैनात इंस्पेक्टर शिव कुमार की टीम चार महीने से वसीम की तलाश कर रही थी। वह दिल्ली, पश्चिमी बंगाल, बिहार व हरियाणा में बार-बार ठिकाना बदल रहा था। करीब चार महीने की जांच के बाद इंस्पेक्टर शिवकुमार को 19 अगस्त की सुबह सूचना मिली थी कि वसीम उर्फ लंबू आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर किसी से मिलने आएगा। एसीपी अत्तर सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर शिवकुमार व एसआई राजेश शर्मा की टीम ने यहां घेराबंदी कर सीडी पार्क, जहांगीरपुरी निवासी हिस्ट्रीशीटर वसीम अकरम उर्फ लंबू (27) को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में पता लगा कि उसके खिलाफ पिछले आठ सालों में हत्या का प्रयास, रॉबरी, झपटमारी, दुष्कर्म, घर में चोरी, सेंधमारी, चोरी, पुलिस टीम पर हमला, चोट पहुंचाने और आर्म्स एक्ट आदि के 125 से अधिक मामले दर्ज हैं। कोटला मुबारकरपुर थानाध्यक्ष विनय त्यागी पर 30 जून, 21 को फायरिंग के मामले समेत 35 मामलों में पुलिस को उसकी तलाश थी।
वसीम 30 जून को अपने चार साथियों समेत वैगन आर कार में भीष्म पितामह मार्ग पर घूम रहा था। कोटला मुबारकपुर थानाध्यक्ष ने कश्मीरी गेट तक इनका पीछा किया। वसीम व उसके साथी ने थानाध्यक्ष पर गोलियां चला दी थीं। पुलिस ने आरोपी के तीन साथियों को पकड़ लिया था, जबकि वसीम फरार होने में कामयाब हो गया था।
इलाके में गरीब लोगों को पैसे बांटता था
आरोपी वसीम सेंधमारी करने वाले गिरोह का सरगना है। उसके सेंधमारी करने वाले गिरोह में 25 सदस्य हैं। ये रेकी कर पॉश एरिया में बंद पड़ी कोठियों को निशाना बनाता था। ये दिन में रेकी करते थे और रात को वारदात करते थे। गिरोह के एक-दो सदस्य आसपास के मकानों पर नजर रखते थे।
एक साथ चार से पांच वारदात कर ये दिल्ली से कोलकाता चला जाता था। ये हवाईजहाज या फिर ट्रेन से कोलकाता जाता था। ये सीडी ब्लाक, जहांगीरपुरी के लोगों का रॉबिनहुड बना हुआ था। ये गरीब लोगों की सहायता करता था। इस कारण इलाके में उसके चहाने वाले काफी थे। जब कभी पुलिस उसे गिरफ्तार करने जाती थी तो लोग उसे सूचना दे देते थे और वह फरार हो जाता था।