दिल्ली-एनसीआर

दिल्ली रेलवे स्टेशनों पर 15 दिनों से ड्यूटी कर रहे 11 फर्जी टीटीई गिरफ्तार, फर्जी नियुक्ति पत्र और आईकार्ड बरामद

Renuka Sahu
1 Sep 2022 1:19 AM GMT
11 Fake TTE arrested for 15 days at Delhi Railway Stations, Fake appointment letter and Icard recovered
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फाइल फोटो 

दिल्ली में रेलवे स्टेशन पर 15 दिनों से 11 फर्जी टीटीई ड्यूटी कर रहे थे। उन्हें बाकायदा प्लेटफॉर्म पर ड्यूटी दी गई थी।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दिल्ली में रेलवे स्टेशन पर 15 दिनों से 11 फर्जी टीटीई ड्यूटी कर रहे थे। उन्हें बाकायदा प्लेटफॉर्म पर ड्यूटी दी गई थी। वे सफेद शर्ट और काली पैंट पहनकर जांच कर रहे थे। रेलवे अधिकारी के शक से इसका खुलासा हुआ और तीन युवकों को गिरफ्तार किया गया है। आरपीएफ एवं रेलवे कर्मचारयों ने इन 11 फर्जी टिकट चेकर को रेलवे पुलिस के हवाले कर दिया है।

रेलवे डीसीपी हरेंद्र सिंह ने बताया कि मामले में अभी तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं अन्य की भूमिका को लेकर छानबीन चल रही है। सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को रेलवे के अधिकारी रितेश वाधवा कानपुर शताब्दी से सफर कर रहे थे। ट्रेन जब गाजियाबाद पहुंची तो उन्होंने एक शख्स को टिकट जांच करते देखा। पूछताछ में उन्हें शक हो गया। बाद में उसे नई दिल्ली स्टेशन पर दबोच लिया। उसकी पहचान गोरखपुर के भूपेंद्र चौरसिया के रूप में हुई। उससे पूछताछ के बाद ऐसे ही 10 अन्य युवकों को पकड़ लिया। कुछ के पास फर्जी नियुक्ति पत्र थे।
15 दिन तक नहीं गई किसी की नजर
अति सुरक्षित नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एक साथ 11 फर्जी टीटीई के पकड़े जाने से यहां की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। पकड़े गए आरोपी 15 दिन से रेलवे स्टेशन पर आकर ड्यूटी करते और वापस चले जाते थे। लेकिन रेलवे प्रशासन या सुरक्षा एजेंसियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। राजधानी में ऐसा पहली बार हुआ है जब रेलवे स्टेशन से इतनी बड़ी संख्या में फर्जी टीटीई पकड़े गए हैं।
आरपीएफ के सीनियर डिविजनल सिक्योरिटी कमिश्नर अपूर्व अग्निहोत्री के अनुसार आरपीएफ की नई दिल्ली क्राइम टीम और कमर्शियल स्टाफ की संयुक्त टीम ने इस फर्जीवाड़े को स्टेशन पर पकड़ा है। स्टेशन से कुल 11 लोगों को पकड़ा गया, जिनमें से पांच के पास फर्जी नियुक्ति पत्र और आई कार्ड मिले हैं। इस मामले को लेकर आईपीसी की धारा 419,420,468,471 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस का कहना है कि मास्टरमाइंड ने पकड़े गए लोगों को शक नहीं होने दिया कि उन्हें दिए गए दस्तावेज फर्जी हैं। उसने जान बूझकर इन्हें ऐसी ड्यूटी दी जिससे वे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पकड़े न जाएं। उन्हें टिकट जांच की जिम्मेदारी नहीं दी गई थी। उन्हें केवल ट्रेन से संबंधित जानकारी नोट करने के लिए कहा गया था। पुलिस गिरोह के मास्टरमाइंड की तलाश में जुटी है।
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