- Home
- /
- दिल्ली-एनसीआर
- /
- दिल्ली नगर निगम के...
दिल्ली नगर निगम के ठेकेदार से मांगी 10 लाख की रंगदारी, आरोपी गिरफ्तार
दिल्ली क्राइम न्यूज़: नगर निगम में मशीनों की सप्लाई का ठेका लेने वाले ठेकेदार से दुर्दांत अपराधी हासिम बाबा गैंग के नाम से 10 लाख रुपए की रंगदारी मांगने वाले आरोपी को साहिबाबाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस का कहना है कि ठेकेदार से किसी गैंग के बदमाश ने नहीं बल्कि, उनकी ही कंपनी में बतौर कंप्यूटर ऑपरेटर काम करने वाले कर्मचारी ने रंगदारी मांगी थी। आरोपी के पास से पुलिस ने घटना में इस्तेमाल किया गया मोबाइल फोन बरामद किया है। पुलिस का कहना है कि आरोपी ने कंपनी मालिक को चार बार धमकी भरे ई.मेल भेजे थे। जिसमें उन्हें 10 लाख रुपए की रंगदारी न देने पर हत्या की धमकी दी गई थी।
सीओ/एसएचओ साहिबाबाद नागेन्द्र चौबे ने बताया कि पीडि़त आरके श्रीवास्तव नगर निगम में ठेकेदारी करते हैं। राजेन्द्र नगर में उनकी कंपनी का दफ्तर है। आरके श्रीवास्तव ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि हासिम बाबा गैंग के नाम से ई.मेल भेजकर उनसे 10 लाख रुपए की रंगदारी मांगी जा रही है। रंगदारी की रकम न देने पर उन्हें हत्या की धमकी दी गई है। पीडि़त की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर पुलिस ने जिले की साइबर सेल की मदद से पूरे मामले की गहनता से जांच.पड़ताल की। जांच और सबूतों के आधार पर पुलिस ने आरके श्रीवास्तव की कंपनी में बतौर कंप्यूटर ऑपरेटर कार्य करने वाले अनिल कुमार निवासी गरिमा गार्डन, टीलामोड़ को गिरफ्तार कर लिया।
जीटीबी में भर्ती पत्नी के इलाज की खातिर कर्मचारी ने रची साजिश: सीओ/एसएचओ साहिबाबाद नागेन्द्र चौबे की मानें तो पूछताछ में आरोपी अनिल ने बताया कि उसे आरके श्रीवास्तव साढ़े 13 हजार रुपए सैलरी देते हैं। जिससे उसके घर का खर्च नहीं चल पा रहा था। उधर, बीमारी के चलते दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में भर्ती पत्नी के इलाज के लिए उसे पैसों की जरुरत थी। पत्नी का इलाज कराने के लिए अनिल ने कंपनी मालिक आरके श्रीवास्तव से 40 हजार रुपए एडवांस की मांग की थी। मालिक ने एडवांस रकम देने से इन्कार कर दिया था। जिसके बाद आरोपी ने मालिक से पैसे वसूलने की नई साजिश रच दी।
आरोपी को थी मालिक के खाते में मोटी रकम आने की जानकारी: पुलिस पूछताछ में आरोपी अनिल ने बताया कि बीते मार्च माह में कंपनी के बैंक खाते से 5.60 लाख रुपए निकल गए थे। जिसको लेकर आरके श्रीवास्तव ने साहिबाबाद थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद यह रकम वापस कंपनी के खाते में आ गई थी। बैंक खाते में मोटी रकम आने की जानकारी आरोपी ऑपरेटर को थी। इसी का फायदा उठाकर उसने कंपनी मालिक से पैसे हड़पने का प्लान तैयार किया और दिल्ली.एनसीआर के दुर्दांत अपराधी हासिम बाबा गैंग के नाम से मेल आईडी बनाकर कंपनी की आईडी पर मेल भेजकर 10 लाख रुपए की रंगदारी की मांग की।
गूगल से जाना हासिम बाबा का इतिहास, प्ले स्टोर से डाउनलोड किया एप: सीओ/ एसएचओ ने बताया कि आरोपी ने रंगदारी वसूलने और पुलिस से बचने के लिए बड़ा ही फुलपू्रफ प्लान तैयार किया था। आरोपी ने सबसे पहले गूगल से दुर्दांत अपराधी हासिम बाबा गैंग के बारे में जानकारी जुटाई। वहां से उसे पता चला कि रंगदारी वसूलने के धंधे में हासिम बाबा बड़ा नाम है। वह रंगदारी न देने पर लोगों की हत्या करने से भी गुरेज नहीं करता। इसके बाद उसने प्ले स्टोर के माध्यम से सिक्योर वीपीएन नाम का सॉफ्टवेयर अपने मोबाइल में डाउनलोड किया। इस ऐप के जरिए आरोपी अनिल ने बीती 11 जून को कंपनी की आईडी पर पहली मेल भेजी। जिसमें उसने कंपनी मालिक आरके श्रीवास्तव से 10 लाख रुपए की रंगदारी मांगी और रकम न देने पर उनकी हत्या की धमकी दी। मेल पर आरोपी ने आरके श्रीवास्तव का फोटो भी भेजा। इसके बाद आरोपी ने 12 जून, 14 जून और 16 जून को भी मेल भेजकर रंगदारी मांगी व धमकी दी।
आरोपी ने ही टाइप की थी एफआईआर के लिए तहरीर: पुलिस की मानें तो कंपनी के दफ्तर में आरोपी अनिल मालिक आरके श्रीवास्तव की सीट के बराबर में ही बैठता था। जिसकी वजह से वह कंपनी मालिक की हर एक गतिविधि पर नजर बनाए हुए था। यहां तक कि धमकी भरी मेल आने के बाद मालिक के कहने पर उसने ही एफआईआर कराने के लिए तहरीर टाइप की थी। इसके अलावा वह तहरीर देने भी मालिक के साथ साहिबाबाद थाने पहुंचा था। मालिक को थाने से सुरक्षाकर्मी मुहैया कराए जाने पर आरोपी सतर्क रहने लगा था। पुलिस का कहना है कि आरोपी के बरामद मोबाइल में ठेकेदार को भेजे गए सभी मेल सुरक्षित मिले हैं।