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संक्रमण बढ़ते ही हर दिन कम होने लगी कोरोना जांच

abhishek gahlot
29 Dec 2021 4:55 PM GMT
संक्रमण बढ़ते ही हर दिन कम होने लगी कोरोना जांच
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नई दिल्ली : सफदरजंग अस्पताल के डॉ. जुगल किशोर का कहना है कि कोरोना महामारी की निगरानी बढ़ाने के लिए जांच सबसे बेहतर विकल्प है। सही संख्या पता चलने से मरीजों को क्वारंटीन समय रहते किया जा सकता है और संक्रमण स्त्रोत तक पहुंचा भी जा सकता है। इसलिए जांच बढ़ाना ही सबसे बेहतर विकल्प है।

ओमिक्रॉन की वजह से दिल्ली में कोरोना संक्रमण बढ़ने लगा है, लेकिन बीमारी की जांच इसके साथ कम हुई है। 22 से 28 दिसंबर के बीच राजधानी में कोरोना की दैनिक जांच का आंकड़ा 15 हजार तक कम दर्ज किया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली में सरकारी आंकड़ों से कहीं अधिक कोरोना है। अगर एक दिन में 80 हजार से एक लाख सैंपल तक की जांच की जाए तो तस्वीर साफ पता चलेगी। दिल्ली में मौजूदा जांच क्षमता एक लाख सैंपल से भी कहीं अधिक है।

22 दिसंबर को जब दिल्ली में कोरोना की दैनिक संक्रमण दर 0.29 फीसदी दर्ज की गई उस दौरान 63,313 सैंपल की जांच हुई थी। इसके बाद दो दिन 23 और 24 दिसंबर तक रोजाना 60 हजार से अधिक सैंपल की जांच होती रही जिसके चलते कोरोना मरीजों की संख्या में उछाल आया लेकिन इसके बाद 25 से 27 दिसंबर तक लगातार जांच का ग्राफ नीचे आता चला गया।

स्थिति यह रही कि इन सात दिन में 27 दिसंबर को सबसे कम जांच 48,589 दर्ज की गई। 27 दिसंबर को ही संक्रमण दर 0.68 फीसदी रही और दैनिक मामले 331 दर्ज किए गए थे। हालांकि 28 दिसंबर को जांच के आंकड़ों में थोड़ा बहुत सुधार आया और यह संख्या फिर से 55,865 तक पहुंची। महज सात हजार सैंपल बढ़ते ही संक्रमण दर भी 0.68 से बढ़कर 0.89 फीसदी तक पहुंची और दैनिक मामले 331 से बढ़कर 496 तक पहुंच गए।

अभी केवल 50 फीसदी जांच हो रही

स्वास्थ्य विभाग के ही अनुसार दिल्ली के पास एक दिन में एक लाख से भी कहीं अधिक सैंपल की जांच करने की क्षमता है। इसी साल अप्रैल से मई के बीच दिल्ली ने 1.14 लाख से भी अधिक सैंपल की जांच एक दिन में की थी। 29 सितंबर को पहली बार दिल्ली में सबसे अधिक 1.37 लाख सैंपल की जांच हुई लेकिन वर्तमान में यह संख्या 60 हजार से भी नीचे है।

जांच बढ़ाना ही सबसे बेहतर विकल्प

सफदरजंग अस्पताल के डॉ. जुगल किशोर का कहना है कि कोरोना महामारी की निगरानी बढ़ाने के लिए जांच सबसे बेहतर विकल्प है। सही संख्या पता चलने से मरीजों को क्वारंटीन समय रहते किया जा सकता है और संक्रमण स्त्रोत तक पहुंचा भी जा सकता है। इसलिए जांच बढ़ाना ही सबसे बेहतर विकल्प है।

गुणवत्ता पर बेहतर काम कर रही सरकार

स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि दिल्ली में अभी 90 फीसदी तक सैंपल की जांच आरटी पीसीआर के जरिए की जा रही है। केंद्र सरकार ने आरटी पीसीआर और एंटीजन जांच के बीच 60:40 का अनुपात रखा है।

यानी एक दिन में 60 फीसदी सैंपल की जांच आरटी पीसीआर से होनी चाहिए और बाकी 40 फीसदी एंटीजन से कर सकते हैं लेकिन दिल्ली इस समय 90:10 तक का अनुपात रख रही है।ऐसा इसलिए क्योंकि आरटी पीसीआर गोल्डन जांच है और सरकार गुणवत्ता पर बेहतर काम कर रही है।



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