जिनेवा. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एंटी वायरल ड्रग रेमडेसिविर को लेकर बड़ा कदम उठाया है. डब्ल्युएचओ ने अपनी कथित प्रीक्वालिफिकेशन लिस्ट से गिलियड की रेमडेसिविर को हटा दिया है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के ईमेल के जवाब में तारिक जसरविच ने इस बात की पुष्टि की है. उन्होंने बताया 'हां हमने पीक्यू से इसे हटा दिया है.' इससे पहले डब्ल्युएचो ने शुक्रवार को ही कहा था कि रेमडेसिविर का उपयोग कोविड-19 मरीजों के इलाज में नहीं किया जाना चाहिए. क्योंकि इससे मरीज के बचने की संभावना पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ रहा है.
खास बात है कि कोरोना के इलाज के लिए रेमडेसिविर को बड़ा हथियार माना जा रहा था. इतना ही नहीं रेमडेसिविर को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इलाज के लिए भी इस्तेमाल किया गया था. पुरानी कई स्टडीज में दावा किया गया था कि यह दवा मरीजों के इलाज का समय कम कर रही है. कोविड-19 के इलाज के लिए रेमडेसिविर को 50 से ज्यादा देशों में अनुमति मिली थी. अमेरिका, यूरोपियन संघ और अन्य देशों ने रेमडेसिविर के उपयोग को अस्थाई तौर पर अनुमति दे दी थी. शुक्रवार को आई डब्ल्युएचओ की सिफारिश चार अंतराराष्ट्रीय रेंडम ट्रायल्स पर आधारित थी. इन ट्रायल्स में अस्पताल में भर्ती 7 हजार मरीज शामिल थे.
वैक्सीन की रेस में बढ़त बनाए हुए उम्मीदवारों में से एक फाइजर ने अमेरिकी सरकार से दवा के आपातकालीन उपयोग की अनुमति मांगी है. फाइजर ने अपनी वैक्सीन को कोरोना वायरस के खिलाफ 95 फीसदी तक असरदार बताया था. कंपनी का कहना है कि इमरजेंसी उपयोग की अनुमति से प्रक्रिया में तेजी आ सकती है और कोरोना वायरस वैक्सीन के डोज अगले महीने तक उपलब्ध हो सकते हैं.