केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बताया- समाचार पत्रों से नहीं फैलता कोरोना संक्रमण, ये वायरस के प्रसार का स्रोत नहीं
सुबह की चाय के साथ समाचार पत्र पढ़ने का अवसर नहीं मिलने के कारण आनंद की अनुभूति नहीं होने से संबंधित एक सवाल पर डॉ. हर्षवर्धन ने भरोसा दिलाया कि कोई ऐसा वैज्ञानिक प्रमाण नहीं, जो साबित कर सके कि समाचार पत्रों से कोरोना वायरस का प्रसार होता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि समाचार पत्र पढ़ना कोविड-19 महामारी के दौरान भी पूरी तरह सुरक्षित है।
डॉ. हर्षवर्धन ने हाल ही में केरल में कोरोना मामलों में उछाल को लेकर अपने विचार साझा किए। केरल ओणम त्योहार के दौरान हुई घोर लापरवाही की कीमत भुगत रहा है। जब राज्य में अनलॉक अवधि के दौरान गतिविधियों जैसे व्यापार और पर्यटन के लिए अंतरराज्यीय यात्रा को शुरू किया जा रहा था, तब राज्य के विभिन्न जिलों में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी हुई।
केरल की तस्वीर पूरी तरह बदल गई और दैनिक मामले दोगुना हो गए। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इससे उन सभी राज्यों को सबक लेना चाहिए, जो त्योहारों के मौसम के दिशा-निर्देश जारी करने में लापरवाह रहते हैं।
चीन के इस दावे पर कि पिछले वर्ष कई देशों में एक साथ कोरोना वायरस का फैलाव हुआ था, डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि इस बात का कोई प्रमाण नहीं है, जिससे इस दावे की वैधता साबित हो सके। हालांकि, चीन के वुहान को विश्व में कोरोना के पहले मामले की रिपोर्ट करने के लिए अब भी माना जाता है।
एफडीआई स्वीकृत पल्स ऑक्सीमीटर खरीदने की सलाह
बाजारों में चीन द्वारा निर्मित ऑक्सीमीटर की भरमार होने के एक प्रश्न के उत्तर में डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि उपभोक्ताओं को बाजार से या ऑनलाइन विक्रेताओं से पल्स ऑक्सीमीटर खरीदते समय एफडीए/सीई स्वीकृत उत्पादों और उनके साथ आईएसओ/आईईसी विनिर्दिष्टताओं को देखना चाहिए।
यद्यपि उन्होंने स्पष्ट किया कि ऑक्सीजन स्तर में कमी कोविड-19 का लक्षण नहीं है, क्योंकि ऐसा कुछ अन्य चिकित्सीय स्थितियों के कारण भी हो सकता है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि राज्यों को दूसरे चरण का कोरोना पैकेज जारी कर दिया गया है। कुल 1352 करोड़ दिए गए हैं।