COVID-19

भयानक चेतावनी! Omicron से हो सकती हैं 75,000 मौतें, पढ़े पूरी स्टडी

jantaserishta.com
13 Dec 2021 7:09 AM GMT
भयानक चेतावनी! Omicron से हो सकती हैं 75,000 मौतें, पढ़े पूरी स्टडी
x

नई दिल्ली: कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के मामले पूरी दुनिया में बढ़ रहे हैं. दुनिया भर के वैज्ञानिकों को ये डर है कि कहीं कोविड का ये नया वैरिएंट दुनिया में एक बार फिर से महामारी को खतरनाक ना बना दे. विश्व स्वास्थ्य संगठन भी ओमिक्रॉन को वैरिएंट ऑफ कंसर्न की श्रेणी में डाल चुका है. नए वैरिएंट पर अब UK के वैज्ञानिकों की एक नई स्टडी आई है जिसके निष्कर्ष डराने वाले हैं.

स्टडी में चेतावनी दी गई है कि अगर सुरक्षा के अतिरिक्त उपाय नहीं किए गए तो अगले साल अप्रैल तक UK में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट से 25,000 से 75,000 मौतें हो सकती हैं. ये स्टडी लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन और दक्षिण अफ्रीका के स्टेलनबोश यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने की है.
क्या कहती है स्टडी- अन्य देशों की तुलना UK में ओमिक्रॉन ज्यादा तेजी से फैल रहा है. यहां हर दिन इस वैरिएंट के 600 से भी ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. आशंका जताई जा रही है कि ये मामले इससे कहीं और ज्यादा हो सकते हैं. स्टडीज के मुताबिक, सबसे अच्छी स्थिति में अगर हम मान लें कि इम्यून से ओमिक्रॉन के बचने की क्षमता कमजोर हो और बूस्टर की हाई डोज प्रभावी हो तो उसके बाद अस्पताल में लोगों के भर्ती होने की दर 60 प्रतिशत तक पहुंचने की संभावना है.
स्टडी में कहा गया है, 'साक्ष्यों से पता चलता है कि इंग्लैंड में Omicron B.1.1.1.529 वैरिएंट की वजह से SARS-CoV2 तेजी से फैलेगा. अगर सख्त उपाय नहीं किए गए तो अल्फा की तुलना में इसके मामले अधिक क्षमता के साथ बढ़ेंगे. ऐसा अंदाजा ओमिक्रॉन की तेजी से फैलने की क्षमता और इम्यूनिटी से बचने की वजह से लगाया जा रहा है.
ओमिक्रॉन वैरिएंट यूरोप में तेजी से फैल गया है, विशेष रूप से UK और डेनमार्क में. हालांकि, अभी इसके कोई संकेत नहीं हैं कि इसकी वजह से अधिक गंभीर बीमारी हो सकती हैं. अब तक के सभी डेटा के मुताबिक डेल्टा की तुलना इस वैरिएंट के लक्षण काफी हल्के रहते हैं. लेकिन जैसे-जैसे इसके मामले बढ़ रहे हैं, अंदाजा लगाया जा रहा है कि अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो सकता है. भारत में भी ओमिक्रॉन कई बड़े शहरों में फैलता जा रहा है. देश में अब तक इसके 38 मामले सामने आ चुके हैं.
Next Story