COVID-19

शोधकर्ताओं ने दी जानकारी, COVID-19 मरीजों में एंटी बॉडीज इम्यून सिस्टम को करता है प्रभावित

Nilmani Pal
18 Oct 2020 10:24 AM GMT
शोधकर्ताओं ने दी जानकारी, COVID-19 मरीजों में एंटी बॉडीज इम्यून सिस्टम को करता है प्रभावित
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कोविड-19 के चलते गंभीर रूप से बीमार लोगों में होनेवाली एंटी बॉडीज इंटरफेरॉन को ब्लॉक करती है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। शोधकर्ताओं ने कहा है कि गंभीर रूप से कोविड-19 के मरीजों का एंटी बॉडीज इम्यून सिस्टम को प्रभावित करता है. उन्होंने बताया कि कोविड-19 के चलते गंभीर रूप से बीमार लोगों में होनेवाली एंटी बॉडीज इंटरफेरॉन को ब्लॉक करती है. इंटरफेरॉन शरीर के इम्यून तंत्र का एक अहम हिस्सा होता है. शोध को साइंस पत्रिका में प्रकाशित किया गया है.

गंभीर रूप से कोविड-19 के मरीजों पर खुलासा


रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादातर कोविड-19 से मरनेवालों में बुजुर्ग हैं. 5-10 फीसद तक युवा और बच्चों को भी कोरोना वायरस गंभीर रूप से संक्रमित कर सकता है. दुनिया भर के शोधकर्ताओं ने ये जानने की कोशिश की है कि आखिर क्यों कुछ लोग गंभीर रूप से बीमार पड़ जाते हैं जबकि कुछ लोग मुश्किल से ही कोविड-19 के चलते प्रभावित होते हैं.


नार्वे के बरगेन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता आएसटीन हुसेबेयी ने कहा, "मौत और गंभीर कोविड-19 का जोखिम महिलाओं की तुलना में पुरुषों में ज्यादा है. हमारे शोध से पता चला है कि पुरुषों के पास ज्यादा एंटी बॉडीज होती है." आएसटीन हुसेबेयी शोध में इसलिए शामिल थे क्योंकि उन्हें इम्यून बीमारी APS1 से पीड़ित होनेवाले मरीजों का लंबा अनुभव था. APS1 इम्यून की गंभीर मगर कभी-कभी होनेवाली बीमारी है.


एंटी बॉडीज इम्यून सिस्टम को करता है प्रभावित


APS1 के मरीजों में इंटरफेरॉन के खिलाफ एंटी बॉडीज का ज्यादा घनत्व होता है. अगर ये मरीज कोविड-19 से संक्रमित हो जाते हैं, तो उनका एंटी बॉडीज खुद उनके ही इम्यून सिस्टम के खिलाफ काम करने लगेगा. इसके अलावा, इम्यून रिस्पॉंस मामूली इम्यून की बीमारी वाले मरीजों में देखा जाता है. आएसटीन हुसेबेयी ने बताया कि तुलनात्मक रूप से समझना आसान है कि क्या कोविड-19 के युवा में ये एंटी बॉडीज उनके शरीर में होती है. अगर ऐसा होता है, तो संभव है कि इलाज के तौर पर उनकी आपूर्ति अतिरिक्त इंटरफेरॉन के साथ हो.


APS1 के ज्यादातर मरीजों की पहचान उनके बचपन में होती है, और ज्यादातर लोगों में इम्यून की विफलता का पता पहले ही चल चुका होता है. शोधकर्ताओं का कहना है कि जब कोविड-19 के चलते युवाओं की मौत को समझने की बारी आती है, तो इम्यून की विफलता हैरान कर देती है. बुजुर्ग लोग आम तौर पर ज्यादा पेचीदगी या जटिल कारणों के चलते मरते हैं.

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