COVID-19

शोध में हुआ दावा, इस एंडीबॉडी से बच्चों में नहीं हुआ कोरोना वायरस

Nilmani Pal
7 Nov 2020 3:34 PM GMT
शोध में हुआ दावा, इस एंडीबॉडी से बच्चों में नहीं हुआ कोरोना वायरस
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एक नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने 16 साल से कम उम्र के उन 44 फीसदी बच्चों में इस बहुमुखी एंडीबॉडी की मौजूदगी दर्ज की

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सामान्य सर्दी से लड़ने के लिए बनी कुछ एंटीबॉडी कोविड-19 के लिए जिम्मेदार वायरस को बेअसर कर सकती है। एक नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने 16 साल से कम उम्र के उन 44 फीसदी बच्चों में इस बहुमुखी एंडीबॉडी की मौजूदगी दर्ज की, जो कोविड-19 से संक्रमित नहीं हुए थे। उन्होंने पाया कि इस एंटीबॉडी के कारण उन पर कोरोना वायरस प्रभावी नहीं हो पाया। हालांकि केवल पांच फीसदी बुजुर्गों में यह एंटीबॉडी पाई गई।

फ्रांसिस क्रिक इंस्टीट्यूट और यूसीएल के शोधकर्ताओं ने कोरोना महामारी शुरू से होने से काफी पहले एकत्र किए गए रक्त के नमूनों में मौजूद एंटीबॉडी का अध्ययन कर यह दावा किया है। उनका जोर एंटीबाडी के उन प्रकारों का पता लगाने पर था जो अन्य अध्ययनों में नहीं देखी गई हों। उनका मकसद कोविड-19 के प्रति अत्यधिक संवेदनशील एंटीबाडी विकसित करना था, ले्किन इसी दौरान उन्हें इस खास एंटीबॉडी का पता चला।

शोधकर्ताओं ने अपने प्रायोगिक परीक्षण के प्रदर्शन की गुणवत्ता की जांच करने के लिए कोविड-19 के मरीजों के रक्त की तुलना उन लोगों के रक्त से की जिन्हें यह बीमारी नहीं थी। उन्होंने कुछ लोगों के रक्त में ऐसी एंटीबॉडी की मौजूदगी देखी जो कोविड-19 के लिए जिम्मेदार सार्स-सीओवी-2 वायरस को पहचानने में सक्षम थीं। हालांकि ये लोग इस वायरस के संपर्क में कभी नहीं आए थे।

अपने नतीजों की पुष्टि करने के लिए उन्हें बाद में भी कई परीक्षण किए। उन सबमें उन्होंने पाया कि वयस्कों के बीच सिर्फ 5.3 प्रतिशत लोग ऐसे थे जिनमें यह विशेष एंटीबॉडी थी। लेकिन बच्चों के मामले में यह प्रतिशत 44 रहा। फिलहाल शोधकर्ता यह स्पष्ट नहीं कर सके हैं कि इन िवशेष एंटीबॉडी की उपस्थिति वयस्कों और बच्चों में किन वजहों से भिन्न होती है।

इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने रक्त के जिन नमूनों का इस्तेमाल किया वे वर्ष 2011 से 2018 के बीच लिए गए थे। ये सभी नमूने वुहान में पिछले साल नवंबर में कोरोना वायरस के सामने आने से काफी पहले के थे। शोधकर्ताओं ने अनुमान जताया कि इन नमूनों में जिस विशेष एंटीबॉडी की पहचान की गई वह पूर्व में सामान्य सर्दी (कॉमन कोल्ड) के संक्रमण के बाद बना होगा। कॉमन कोल्ड खुद एक प्रकार का कोरोना वायरस है। शोधकर्ताओं ने कहा कि इस संबंध में व्यापक अध्ययन किए जाने की आवश्यकता है। यह अध्ययन साइंस जरनल में प्रकाशित हुआ है।

300 से अधिक व्यक्तियों पर किया गया यह अध्ययन-

-16 साल से कम के 44 फीसदी बच्चों में पाई गई विशेष एंटीबॉडी

-05 फीसदी वयस्कों में भी इस विशेष एंटीबॉडी की मौजूदगी दिखी

-यह शोध 2011 से 2018 के बीच लिए गए रक्त नमूनों पर आधारित है

संभावना-

कॉमन कोल्ड से लड़ने वाली एंडीबॉडी की मौजूदगी उन्हें बना सकती है कोरोना प्रतिरोधी

कॉमन कोल्ड जिस वायरस के कारण होता है वह खुद एक प्रकार का कोरोना वायरस है

हमारे अध्ययन के परिणामों ने दिखाया कि कोरोना को बेअसर करने वाली क्रॉस-रिएक्टिव एंटीबॉडी के बच्चों में होने की उम्मीद वयस्कों के मुकाबले अधिक हो सकती है।

- केविन एनजी, प्रमुख शोधकर्ता्, रेट्रोवायरल इन्यूनोलॉजी लैबोरेट्री, क्रिक

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