कोरोना संक्रमण से उबरे तमाम लोगों की सोचने-समझने की क्षमता पर किया असर: रिपोर्ट
स्पेशल रिपोर्ट: कोरोना संक्रमण ने दिमाग की गति को धीमा कर दिया है। संक्रमण से उबरे तमाम लोगों की सोचने-समझने की क्षमता पर असर पड़ा है। मनोचिकित्सक इसे स्लो मेन्टेशन कह रहे हैं। गोरखपुर जिला अस्पताल के मानसिक रोग विभाग की ओपीडी में इलाज करा रहे स्लो मेन्टेशन के मरीजों की संख्या करीब 200 है। इन्हें दवा के साथ दिमागी कसरत की भी सलाह दी जा रही है। गोरखपुर जिला अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. अमित शाही ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण का असर सिर्फ फेफड़े तक नहीं रहा। कुछ मरीजों में संक्रमण का असर दिमाग की झिल्लियों तक पहुंच गया। इस संक्रमण ने दिमाग पर इंसेफलाइटिस जैसा असर किया है, इसके कारण दिमाग के न्यूरॉन्स में बदलाव हुए। न्यूरॉन्स के अलावा दिमाग में होने वाले शार्ट सर्किट की गति धीमी हो गई। इससे निर्णय लेने की व्यक्ति की क्षमता प्रभावित हुई है। डॉ. अमित शाही ने बताया कि कोरोना की दोनों लहरों में करीब 450 से अधिक मरीज इस बीमारी के इलाज कराने के लिए पहुंचे। इनमें से अभी भी 188 मरीजों का इलाज चल रहा है। इन मरीजों में त्वरित निर्णय लेने की क्षमता पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है। वे अपने करीबियों के मोबाइल नंबर, बैंक अकाउंट नंबर, एटीएम पासवर्ड जैसे आवश्यक जरूरत के नंबर भूल जा रहे हैं। इसके अलावा जोड़, घटाना, गुणा और भाग के छोटे सवाल भी दिमाग में हल नहीं कर पा रहे। इन्हें दवाएं देने के साथ दिमागी कसरत भी कराई जा रही है।
-मानसिक सक्रियता कम होना
-बैंक अकाउंट नंबर व एटीएम पासवर्ड भूल जाना
-पढ़ने के बाद विषय का याद न होना, गाड़ी चलाने में कठिनाई
-कार्यालय के रूटीन काम में दिक्कत, त्वरित जवाब न देना।
-गणित के छोटे सवाल दिमाग में हल करें
-मोबाइल नंबर याद करने की कोशिश करें
-शतरंज खेलें, सुडोको, पजल्स खेलें और योग करें
-पोषक तत्व वाले भोजन करें।