COVID-19

फर्जी कोरोना वैक्सीन: प्राइवेट क्लिनिक का कारनामा, हजारों लोगों को लगाई गई फर्जी वैक्सीन, वीडियो हुआ लीक

jantaserishta.com
30 Jan 2021 8:41 AM GMT
फर्जी कोरोना वैक्सीन: प्राइवेट क्लिनिक का कारनामा, हजारों लोगों को लगाई गई फर्जी वैक्सीन, वीडियो हुआ लीक
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प्रति खुराक करीब 1100 रुपये वसूल रहा था.

दक्षिण अमेरिका के इक्वाडोर में कम से कम 70 हजार लोगों को फर्जी कोरोना वैक्सीन लगा दी गई. एक प्राइवेट क्लिनिक कोरोना की वैक्सीन लगाने के नाम पर मरीजों से प्रति खुराक करीब 1100 रुपये वसूल रहा था. कोरोना से पूरी तरह सुरक्षित होने के लिए लोगों को तीन खुराक लगवाने को कहा जा रहा था. यानी सभी खुराक के लिए लोगों को 3300 रुपये देने पड़ रहे थे.

सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि फर्जी कोरोना वैक्सीन लगाने वाले क्लिनिक के स्टाफ लोगों से कहते थे कि तीन खुराक लेने के बाद ही लोग कोरोना से पूरी तरह इम्यून होंगे. अब तक स्वास्थ्य अधिकारियों को इस बात की जानकारी नहीं मिल पाई है कि वैक्सीन के नाम से दिए जा रहे इंजेक्शन में कौन से पदार्थ का इस्तेमाल किया जा रहा था.
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, अंडरकवर एजेंट ने क्लिनिक का एक वीडियो रिकॉर्ड कर लिया. वीडियो में क्लिनिक चलाने वालीं महिला डॉक्टर लुसिया पेनाफील बिना मास्क के दिखती हैं और वह बताती हैं और क्लिनिक के स्टाफ कोरोना से सुरक्षित हैं. उन्होंने यह भी बताया कि 70 हजार लोगों को यहां ट्रीटमेंट दिया गया है. इसके बाद पुलिस और स्वास्थ्य अधिकारियों ने क्लिनिक पर छापा मारा.
हालांकि, छापे की कार्रवाई के बाद डॉक्टर लुसिया ने एक अखबार से कहा कि वे वैक्सीन नहीं लगा रही थीं और मरीजों को विटामिन और सीरम की खुराक दे रही थीं ताकि उनकी इम्यूनिटी बेहतर हो सके. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वह कोरोना से बीमार मरीजों का इलाज लेजर ट्रीटमेंट और इन्फ्रारेड लाइट्स से करती थीं.
रिपोर्ट के मुताबिक, फर्जी वैक्सीन लगाने वाले क्लिनिक के मरीजों में पुलिसकर्मी, सैनिक और राष्ट्रपति लेनिन मोरेनो के स्टाफ भी शामिल थे. वहीं, स्थानीय लोगों ने क्लिनिक चलाने वालीं डॉक्टर का बचाव किया है और कहा है कि वह लोगों की जिंदगी बचाने का काम कर रही थीं. बता दें कि पुलिस की ओर छापा मारे जाने के बाद क्लिनिक बंद है और आगे की जांच की जा रही है.

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