COVID-19

कोरोना में केस बढ़ने से कई युवा भी लिखवा रहे वसीयतनामा, जिनमें आईफोन, आईपेड समेत कई अन्य महंगे चीजें है शामिल

Nilmani Pal
28 May 2021 11:41 AM GMT
कोरोना में केस बढ़ने से कई युवा भी लिखवा रहे वसीयतनामा, जिनमें आईफोन, आईपेड समेत कई अन्य महंगे चीजें है शामिल
x
वसीयत करवाने वाले वकीलों और युवाओं से बात करने के बाद पता चला कि अब वे सारी चीजें, जो उन्होंने अपनी कम उम्र में कमाई है, वे वसीयत में लिखवा रहे हैं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना के कारण अब कई युवा भी वसीयतनामा लिखवा रहे हैं। 2019-20 में जहां वकीलों के पास 25 से 40 की उम्र वाले औसतन 2 लोग ही हर महीने वसीयत करवाने आते थे। 2020-21 में यह संख्या बढ़कर 10 के ज्यादा हो गई है। यानि इनमें 5 गुना की बढ़ोतरी हुई है।


नई बातें जुड़वाते हैं युवा
वकीलों के पास एक महीने में औसतन ऐसे 20 कॉल आ रहे हैं। युवा वसीयत में कई नई बातें भी जुड़वाते हैं। वसीयत करवाने वाले वकीलों और युवाओं से बात करने के बाद पता चला कि अब वे सारी चीजें, जो उन्होंने अपनी कम उम्र में कमाई है, वे वसीयत में लिखवा रहे हैं। इनमें आईफोन, आईपेड समेत दूसरे महंगे गैजेट, कारें, सेविंग और प्राॅपर्टी शामिल है।

दोस्त की अचानक मौत ने किया मजबूर
28 साल के दिव्यांश ने दो दोस्तों के साथ तीन जगहों पर फूड आउटलेट शुरू किए। दूसरी लहर में दिव्यांश संक्रमित हुए। उनके एक दोस्त की मौत हो गई। तब दिव्यांश ने वसीयत बनवाई। इसमें एक आउटलेट दिवंगत मित्र के परिवार और एक पार्टनर मित्र को दिया।

जमा राशि में से जो हिस्सा दिव्यांश को मिला वो पिता के नाम पर लिखा। दुकान मां और आईफोन, आईपेड बहन के नाम पर लिख दिया। दिव्यांश ने बताया कि दोस्त की मौत ने सोचने पर विवश कर दिया कि यदि उनके साथ हादसा हाेता है तो उनके परिवार काे दिक्कत न हो।

भाइयों का भविष्य देखकर कराई वसीयत
बैरागढ़ के 45 वर्षीय कैलाश का खुद का कारोबार है। पिता के जाने के बाद उन्होंने छोटे भाइयों को भी इसमें शामिल किया। दो महीने पहले वसीयत तैयार करवाई। उन्होंने बताया कि संक्रमण के कारण सोच बदल गई है। यदि मुझे कुछ हो जाता है तो भाइयों को व्यापार में कितना मिलेगा या मेरी पत्नी व बच्चों को कितनी राशि मिलेगी? यह विवाद होता ही है। वसीयत में मैंने लिख दिया है कि किसके हिस्से में क्या है यह सबको पता होना चाहिए, ताकि कल से किसी को भ्रम न रहे।

जीवनभर माता-पिता को 30 फीसदी राशि मिलती रहेगी
45 वर्षीय रामशरण यादव ने बताया कि मेरे पिता ने भोपाल में कंस्ट्रक्शन का व्यवसाय शुरू किया। उन्होंने 3 साल पहले व्यापार मेरे नाम कर दिया। कोरोनाकाल में मैं बीमार पड़ गया। मैं उनका एकलौता बेटा हूं और मेरे तीन बच्चे हैं। अभी कई बार विवाद हो जाते हैं। ऐसे में मुझे कुछ हो जाता है तो माता-पिता और पत्नी सभी के पास कुछ न कुछ होना चाहिए। इसलिए पत्नी को समझाकर वसीयत की। इसमें व्यवसाय से होने वाली आय में से जीवनभर माता-पिता को 30%राशि मिलती रहेगी।

एडवोकेट बोले - वसीयत कराने में बुराई नहीं

एडवोकेट ने माना कि कम उम्र के युवक वसीयत करवाने आ रहे हैं, लेकिन यह गोपनीयता रखना चाहते हैं।
वसीयत वही करवा सकता है, जिसने संपत्ति खुद बनाई हो। पैतृक संपत्ति की वसीयत करने का अधिकार नहीं है।
वसीयत रजिर्स्ड होनी चाहिए। वसीयत बनवाने वाला इसे कभी भी निरस्त कर सकता है। वसीयत में अचल संपत्ति जैसे जमीन, मकान, दुकान आदि के साथ चल संपत्ति जैसे सोना, चांदी व अन्य जेवर के साथ गैजेट भी शामिल कर सकते हैं।


Next Story