COVID-19: दिल्ली में बढ़ते मामलें को देखते हुए CM केजरीवाल ने इसके पीछे की वजह 'प्रदूषण' को बताया
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दिल्ली में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. देश में कम हो रहे कोरोना से संक्रमण के मामले दिल्ली में तेजी से बढ़ रहे हैं. इसने सरकार की चिंता भी बढ़ा दिया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना के बढ़ते मामलों के पीछे प्रदूषण को वजह बताया है. मुख्यमंत्री केजरीवाल ने शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि कोरोना को कंट्रोल करने के लिए सरकार हर जरूरी कदम उठा रही है.
उन्होंने कहा कि अगले हफ्ते कई कदम उठाए जाएंगे. सीएम केजरीवाल ने उम्मीद जताई कि हफ्ते या 10 दिन में कोरोना काबू में आ जाएगा. उन्होंने 14 नवंबर को 7.39 बजे मंत्रियों के साथ अक्षरधाम मंदिर में दिवाली पूजन करने की जानकारी देते हुए लोगों से उसी समय अपने-अपने घर में पूजन करने की अपील की. केजरीवाल ने कहा कि दिवाली पर पूजन से दृश्य-अदृश्य शक्तियों का आशीर्वाद दिल्ली के लोगों को मिलेगा.
सीएम केजरीवाल ने कहा कि पिछले 10-12 साल से पराली जलाए जाने का धुंआ दिल्ली में आता है. एक माह तक उत्तर भारत में धुंआ ही धुंआ रहता है. उन्होंने कहा कि हर साल अक्टूबर और नवंबर के महीने में पूरा उत्तर भारत और यहां के किसान परेशान रहते हैं. किसान पराली जलाना नहीं चाहते. जहां पराली जलाई जाती है, वहां गांव वालों का जीना मुश्किल हो जाता है. पंजाब और हरियाणा के लोग धुंए से दुखी हैं. उन्होंने पराली को खाद में तब्दील करने वाला बायो डिकम्पोजर बनाने के लिए पूसा इंस्टिट्यूट का आभार व्यक्त किया.
केजरीवाल ने कहा कि किसानों के पराली जलाने पर मिट्टी खराब होती है और धुंआ भी होता है. बायो डिकम्पोजर से मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ती है और धुंआ भी नहीं होता. दिल्ली सरकार ने पूसा इंस्टीट्यूट के बायो डिकम्पोजर का दिल्ली में खेती के करीब 2000 एकड़ भूभाग पर मुफ्त में छिड़काव कराया था. बायो डिकम्पोजर के 24 गांव के नतीजे आए हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि 95 फीसदी पराली खाद में बदल गई है.
उन्होंने कहा कि बायो डिकम्पोजर पर 30 रुपये प्रति एकड़ का खर्च है. यह राज्य सरकारें भी आसानी से उठा सकती हैं. सीएम केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार यह रिपोर्ट एयर क्वालिटी कमीशन के सामने रखेगी.