COVID-19
COVID-19: बिहार के निजी लैब में कोरोना की RTPCR जांच 800 रुपये में होगी, स्वास्थ्य विभाग जारी किया आदेश
Nilmani Pal
2 Dec 2020 11:15 AM GMT
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स्वास्थ्य विभाग ने बिहार में कुछ माह पहले निजी लैब में RTPCR जांच की दर निर्धारित करने का आदेश जारी किया था
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिहार के निजी लैब में भी अन्य राज्यों की तरह कोरोना महामारी की आरटीपीसीआर जांच 800 रुपये में होगी। स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रमुख (रोग नियंत्रण, लोक स्वास्थ्य, पारा मेडिकल) स्वास्थ्य सेवाएं ने मंगलवार को इस संबंध में आदेश जारी किया। स्वास्थ्य विभाग ने बिहार में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार को देखते हुए कुछ माह पहले निजी लैब में आरटीपीसीआर जांच की दर निर्धारित करने का आदेश जारी किया था।
इसके अनुसार निजी लैब में आरटीपीसीआर जांच 1500 रुपये की दर से करने की अनुमति दी गई थी। अन्य राज्यों में निर्धारित शुल्क में कमी को देखते हुए अब बिहार में भी 800 रुपये प्रति जांच संशोधित दर निर्धारित की गई है। मरीज के निवास से सैंपल को लैब ले जाने हेतु 300 रुपये की राशि पूर्ववत निर्धारित रखी गयी है। रैपिड एंटीजन टेस्ट किट की कीमत अभी 150 रुपये से कम हो गई है, इसलिए रैपिड एंटीजन किट से जांच की निर्धारित दर 250 रुपये प्रति जांच निर्धारित की गई है। पूर्व में एंटीजन किट से जांच के लिए 600 रुपये प्रति जांच की दर निर्धारित थी।
जांच रिपोर्ट की जानकारी आईसीएमआर पोर्टल पर देना अनिवार्य
आईसीएमआर के पोर्टल पर जांच की रिपोर्ट दर्ज कराना अनिवार्य होगा। जांच से संबंधित सूचना स्टेट सर्विलांस अधिकारी के ई-मेल पर रोज संध्या पांच बजे तक देना अनिवार्य होगा। सभी पॉजिटिव केस की सूचना तत्काल संबंधित जिला के सिविल सर्जन तथा जिला सर्विलांस अधिकारी को देना अनिवार्य किया गया है।
800 से अधिक राशि लेना प्रावधानों का उल्लंघन
आरटीपीसीआर जांच के लिए 800 रुपये से अधिक राशि लिए जाने और अन्य प्रावधानों का उल्लंघन करना एपीडेमिक डिजीज एक्ट और बिहार महामारी कोविड 19 नियमावली, 2020 के प्रावधानों का उल्लंघन माना जाएगा।
देश में सबको टीके की जरूरत नहीं
नई दिल्ली। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने मंगलवार को कहा कि देश में सबको कोरोना वैक्सीन की जरूरत नहीं है। आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने प्रेसवार्ता में कहा, अगर हम आबादी के कुछ हिस्से का टीकाकरण करने और संक्रमण के प्रसार की शृंखला तोड़ने में सक्षम हैं तो देश की पूरी आबादी के टीकाकरण की जरूरत नहीं होगी
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