COVID-19

COVID-19: शोध में हुआ दावा, जड़ी बूटियों से बनी दवा कोरोना से लड़ने में काफी असरदार

Nilmani Pal
1 Nov 2020 4:36 PM GMT
COVID-19: शोध में हुआ दावा, जड़ी बूटियों से बनी दवा कोरोना से लड़ने में काफी असरदार
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नई दिल्ली स्थित एआईआईए के डॉक्टरों ने फीफाट्रोल दवा पर शोध किया

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना वायरस के खिलाफ रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए लोग कई तरह के घरेलु नुस्खें आजमा रहे हैं. वहीं, बाजार में भी इम्युनिटी बढ़ाने के लिए कई दवाइयां भी मार्केट में आ गई है. इस बीच एक शोध सामने आया है जिसमें यह दावा किया गया है कि जड़ी बूटियों से बनी दवा कोरोना से लड़ने में काफी असरदार साबित हो रही है.

दरअसल, नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) के डॉक्टरों ने फीफाट्रोल दवा पर शोध किया. इसके तहत उन्होंने के कोरोना संक्रमित मरीज को न सिर्फ स्वस्थ्य कर दिया. महज छह दिन के अंदर कोरोना पॉजिटिव मरीज निगेटिव हो गया. डॉक्टरों ने बताया कि मरीजों को फीफाट्रोल के साथ-साथ आयुष क्वाथ, शेषमणि वटी और लक्ष्मीविलासा रस भी दिया गया.

गौरतलब है की फीफाट्रोल को लेकर पहले भी कई अध्ययन हो चुके हैं. इसके पहले भोपाल एम्स के डॉक्टरों ने एमिल फॉर्मास्युटिकल की दवा फीफाट्रोल पर अध्ययन किया था जिसमें उन्होंने उसे बेहतर एंटीबॉयोटिक की पुष्टि की थी. साथ ही बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ इस दवा को डेंगू उपचार में भी इस्तेमाल कर चुके हैं. बताया जा रहा है कि बीएचयू के प्रो केएन द्विवेदी इस दवा का कोरोना के उपचार के लिए अध्ययन के लिए आवेदन भी कर चुके हैं. आयुष मंत्रालय की निगरानी में गठित टास्क फोर्स में इस संदर्भ में काम किया जाएगा.

वहीं, नई दिल्ली के आयुर्वेद एम्स के नाम से जाना जाने वाले अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में 30 वर्षीय कोरोना संक्रमित मरीज को भर्ती कराया गया था. उसमें कोरोना के एक से ज्यादा लक्षण थे. उस मरीज को फीफाट्रोल की दवा दी गई. इसके बाद वह आश्चर्यजनक रूप से महज छह दिन में ही मरीज के अंदर मौजूद कोरोना के विषाणु खत्म हो गए.


एआईआईए के जर्नल में प्रकाशित हुई रिसर्च...

एंटीजन जांच में रिपोर्ट निगेटिव आने और लक्षण न होने के चलते मरीज को डिस्चॉर्ज कर दिया. इसके बाद डॉक्टरों ने इस अध्ययन को प्रकाशित भी किया है. अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) के जर्नल ऑफ आयुर्वेद केस रिपोर्ट में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार रोग निदान एवं विकृति विज्ञान विभाग के डॉ. शिशिर कुमार मंडल ने बताया है कि फीफाट्रोल सहित उपचार देने से कोरोना का संक्रमित मरीज ठीक हो गया.

उनका कहना है कि इस तरह के मरीजों के अध्ययन की जरूरत है. बताया जा रहा है कि फीफाट्रोल पांच प्रमुख जड़ी-बूटियों सुदर्शन घन वटी, संजीवनी वटी, गोदांती भस्म, त्रिभुवन कीर्ति रस तथा मत्युंजय रस से निर्मित है. वहीं आठ अन्य बूटियां तुलसी, दारुहरिद्रा, कुटकी, चिरायता, गुडुची, अपामार्ग, करंज तथा मोथा के अंश भी शामिल हैं. एमिल फार्मास्युटिकल ने लंबे शोध एवं अनुसंधान से इस फार्मूले को तैयार किया है.

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