COVID-19

COVID-19: अमेरिका में हर सेकंड मिल रहे हैं संक्रमित, वहीं ताइवान में 12 अप्रैल के बाद से एक भी मामला सामने नहीं आए

Nilmani Pal
30 Oct 2020 1:36 PM GMT
COVID-19: अमेरिका में हर सेकंड मिल रहे हैं संक्रमित, वहीं ताइवान में 12 अप्रैल के बाद से एक भी मामला सामने नहीं आए
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भारत की तुलना में यह रफ्तार दोगुनी है भारत में 24 घंटे में 45 से 50 हजार नए केस सामने आ रहे हैं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दुनिया में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 4.54 करोड़ से ज्यादा हो गया है। 3 करोड़ 30 लाख 64 हजार 809 मरीज रिकवर हो चुके हैं। अब तक 11.88 लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। ये आंकड़े www.worldometers.info/coronavirus के मुताबिक हैं।

जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी और न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, अमेरिका में हर सेकंड एक से ज्यादा लोग संक्रमित हो रहे हैं। यहां 24 घंटे में यानी 86,400 सेकंड में 90 हजार से ज्यादा नए मरीज मिले। भारत की तुलना में यह रफ्तार दोगुनी है। भारत में 24 घंटे में 45 से 50 हजार नए केस सामने आ रहे हैं। दूसरी तरफ ताइवान में 200 दिन (12 अप्रैल के बाद) से कोई नया मामला सामने नहीं आया है।


मुश्किल में अमेरिका

शुक्रवार सुबह जारी बयान में जॉन हॉपकिन्स ने बताया- अमेरिका में गुरुवार को 90 हजार नए केस मिले। महामारी शुरू होने के बाद एक दिन में पाए जाने वाले कोरोना संक्रमितों का यह सबसे बड़ा आंकड़ा है। हालांकि, न्यूयॉर्क टाइम्स ने यह संख्या करीब 86 हजार बताई। गुरुवार को कुल 91, 530 नए केस सामने आए। यहां मरने वालों की संख्या अब 2 लाख 28 हजार 626 हो चुकी है। अमेरिका में सबसे ज्यादा मामले और सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं। बुधवार को करीब 88 हजार संक्रमित मिले थे। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प का दावा है कि ज्यादा टेस्टिंग की वजह से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। 50 में से 48 राज्यों में केस बढ़ रहे हैं।


ताइवान: 200 दिन से लोकल ट्रांसमिशन का केस नहीं

ताइवान ने संक्रमण पर तेजी से काबू पाने की कोशिश की थी। इसके नतीजे भी साफ तौर पर नजर आने लगे हैं। अमेरिका से जारी एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि ताइवान में 200 दिन से लोकल ट्रांसमिशन का कोई मामला सामने नहीं आया है। यहां अब तक 550 केस मिले हैं और कुल सात मौतें हुई हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, ताइवान में आखिरी लोकल केस 12 अप्रैल को आया था। इसके बाद से यहां संक्रमण का कोई लोकल केस नहीं मिला। ऑस्ट्रेलियन मेडिकल सेंटर ने कहा- न्यूजीलैंड और ताइवान ने वायरस को सबसे बेहतर तरीके से कंट्रोल किया है।

रूस: दूसरी लहर खतरनाक हुई

रूस में गुरुवार को संक्रमण के करीब 18 हजार नए मामले सामने आए। इसके बाद हेल्थ डिपार्टमेंट ने देश के सभी हॉस्पिटल्स और मेडिकल केयर सेंटर्स को अलर्ट पर रहने को कहा। खास बात ये है कि इसी दौरान 366 लोगों की जान गई। हालांकि, इसी दौरान 14 हजार मरीज ठीक भी हुए। हेल्थ मिनिस्ट्री ने कहा- बढ़ती सर्दी की वजह से संक्रमण और तेजी से फैल सकता है और हमने इसके मद्देनजर तैयारियां की हैं। देश में अब तक 11 लाख से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं।


यूरोपीय देशों की पहल

यूरोपीय देशों में एक देश के मरीज दूसरे देश के अस्पतालों में शिफ्ट किए जा सकेंगे। इसके लिए स्पेशल फंड ट्रांसफर स्कीम भी लॉन्च की गई है। इसे बारे में यूरोपीय देशों ने एक समझौता किया है। फ्रांस और जर्मनी के अलावा स्पेन में भी नए मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और इसकी वजह से यहां सरकारें अलर्ट पर हैं। मरीजों को ट्रांसफर करना यूरोपीय देशों में मुश्किल भी नहीं होगा क्योंकि ज्यादातर देश छोटे हैं और इनकी ओपन बॉर्डर हैं। सड़क के रास्ते भी आसानी से एक देश से दूसरे देश में जाया जा सकता है। यूरोपियन यूनियन कमीशन की हेड वॉन डेर लेन ने कहा- वायरस तेजी से बढ़ रहा है और इससे निपटने के लिए सहयोग जरूरी है। हमारी कोशिश है कि हेल्थ केयर सिस्टम पहले की तरह मजबूती से काम करता रहे।

अमेरिका में एक हफ्ते में 5600 संक्रमितों की मौत

अमेरिका में चुनाव बिल्कुल सिर पर है, लेकिन यहां कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। एक हफ्ते में पांच लाख से ज्यादा नए संक्रमित मिले हैं। इसी दौरान 5600 संक्रमितों की मौत हो गई। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने यह जानकारी दी है। कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य इलिनॉय है। 31 हजार मामले इसी राज्य में सामने आए। पेनसिलवेनिया और विस्कॉन्सिन में भी हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं। विस्कॉन्सिन के हेल्थ इंचार्ज आंद्रे पॉम ने कहा- हम चाहते हैं कि चुनाव के लिए मतदान के दौरान कोरोना दिक्कत न बने। इसके लिए हर जरूरी व्यवस्था की जा रही है।

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