COVID-19

COVID-19: कोरोना से इंसानी दांतों में बुरा असर, कुछ लोगों में देखी गई कमजोर मसूड़ों व दांत झड़ने की समस्या

Nilmani Pal
29 Nov 2020 1:11 PM GMT
COVID-19: कोरोना से इंसानी दांतों में बुरा असर, कुछ लोगों में देखी गई कमजोर मसूड़ों व दांत झड़ने की समस्या
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ऐसी घटनाओं से वैज्ञानिक ये जानने में जुट गए हैं कि क्या वाकई कोरोना वायरस दातों की सॉकेट को कमजोर करता है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना वायरस का इंसान के दांतों (Corona virus new symptoms) पर भी बुरा असर देखने को मिल रहा है. न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड-19 (Covid-19) की चपेट में आए कुछ लोगों में कमजोर मसूड़ों और दांत झड़ने की समस्या देखी गई है. ऐसी घटनाओं के बाद वैज्ञानिक ये जानने में जुट गए हैं कि क्या वाकई कोरोना वायरस दातों की सॉकेट को कमजोर करता है.

न्यूयॉर्क में रहने वाली 43 वर्षीय फराह खेमिली ने बताया कि उन्होंने जैसे ही एक विंटरग्रीन ब्रेथ मिंट अपने मुंह में दबाई, उन्हें नीचे के दांतों में अजीब सी झनझनाहट महसूस हुई. उन्होंने छूकर देखा तो पता लगा वो दांत हिल रहा था. शुरुआत में खैमिली को लगा कि ब्रेथ मिंट की वजह से ऐसा हुआ है, लेकिन वजह कुछ और ही थी.
अगले दिन सुबह वही दांत टूटकर खैमिली के हाथ में आ गया. दांत टूटने पर न तो खून निकला और न ही दर्द हुआ. बता दें कि कुछ दिन पहले ही खैमिली कोविड-19 के चपेट में आई थीं और तभी से वह एक ऐसे ऑनलाइन सपोर्ट ग्रुप को फॉलो करने लगीं, जहां लोगों ने इस बीमारी के लक्षण और अनुभव साझा किए हैं.
अभी तक इसके कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिले हैं कि संक्रमण से दांतों के झड़ने या टूटने की समस्या होती है. लेकिन उस सपोर्ट ग्रुप पर उन्हें ऐसे कई लोग मिले जिन्होंने संक्रमण के बाद दांत टूटने और मसूड़ों में सेंसटिविटी का अनुभव साझा किया था. कुछ डेंटिस्ट पर्याप्त डेटा न होने के बावजूद ऐसा मानते हैं कि कोविड-19 दांत से जुड़े लक्षणों का कारण बन सकता है.
यूनिवर्सिटी ऑफ उटाह के पीरियडॉन्टिस डॉ. डेविड ओकानो कहते हैं, 'किसी व्यक्ति के दांत का अचानक से सॉकेट से बाहर आ जाना बेहद आश्चार्यजनक है. दांतों से जुड़ी ये समस्या और भी भयंकर हो सकती है. इस बीमारी से रिकवर होने के बाद भी लोगों में लंबे समय तक इसका असर रहता है.'
हालांकि कुछ डेंटिस्ट और एक्सपर्ट इस विषय पर शोध की जरूरत महसूस करते हैं. सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन की साल 2012 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 30 साल या उससे ज्यादा उम्र के 47 प्रतिशत लोगों को पीरियडॉन्टल डिसीज, मसूड़ों में इंफेक्शन-इनफ्लेमेशन और दांतों के आस-पास हड्डियां कमजोर होने की समस्या हो सकती है.
रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना की चपेट में आने से पहले भी खैमिली को दांतों में दिक्कत होती थी. दांत झड़ने के अगले दिन जब वह डेंटिस्ट के पास गईं तो उन्हें बताया गया कि उनके मसूड़ों में कोई इंफेक्शन नहीं हुआ है, बल्कि स्मोकिंग की वजह से दांतों के आस-पास की हड्डियां कमजोर हो गई हैं. इसके बाद उन्हें किसी बड़े स्पेशलिस्ट से मिलने की सलाह दी गई.
हालांकि ये समस्या यहीं तक सीमित नहीं थी. खैमिली के पार्टनर ने सोशल मीडिया पर सर्वाइवर कॉर्प नाम के एक पेज को फॉलो किया. यहां उन्हें पता चला कि इस पेज की फाउंडर डायना बैरेंट के 12 साल के बेटे को भी हू-ब-हू ऐसी ही दिक्कतें हुई हैं. बच्चे में कोविड-19 के हल्के लक्षण दिखे थे, जिसके बाद उसका एक दांत टूट गया था. ऑर्थोडॉन्टिस्ट का कहना है कि बच्चा एकदम सेहतमंद था और उसके दांतों में पहले ऐसी कोई समस्या भी नहीं थी.


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