COVID-19

CORONA BREAKING: जहां हुआ सर्वाधिक कोरोना वैक्सीनेशन, वहीं वायरस ने मचाया कहर

jantaserishta.com
13 Nov 2021 4:18 AM GMT
CORONA BREAKING: जहां हुआ सर्वाधिक कोरोना वैक्सीनेशन, वहीं वायरस ने मचाया कहर
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Coronavirus News Updates: विश्‍व स्‍वास्‍थ संगठन (World Health Organization) ने ताजा ब्रीफिंग में जानकारी दी है कि यूरोप में पिछले एक सप्‍ताह में कोरोनावायरस के 20 लाख मामले सामने आए हैं. ये एक सप्‍ताह के अंदर यूरोप में कोरोना महामारी शुरू होने के बाद आए सर्वाधिक मामले हैं. वहीं 27,000 लोगों की जान भी कोविड-19 के कारण गई है.

ये पूरी दुनिया में पिछले सप्‍ताह हुईं मौतों की आधी संख्‍या है. खास बात ये है कि पूर्वी यूरोप के उन देशों में कोरोना वायरस के मामले बढ़े हैं, जहां वैक्‍सीनेशन कम हुआ है. वहीं पश्चिमी यूरोप के उन देशों में भी केस बढ़ रहे हैं जहां वैक्‍सीनेशन की दर सर्वाधिक है. यानि साफ है कि यूरोप एक बार फिर से कोरोना वायरस का एपिक सेंटर बनता हुआ नजर आ रहा है. वहीं कई यूरोपीय देशों ने एक बार फिर से कोविड-19 से संबंधित बाध्‍यताएं लगानी शुरू कर दी है.
विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) ने अपनी ब्रीफिंग में कहा कि कोरोना की बूस्‍टर डोज, खासकर स्‍वस्‍थ्‍य लोगों को देने का कोई औचित्‍य नहीं हैं. न ही बच्‍चों को. WHO ने कहा कि आज भी दुनिया के कई देशों में स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों, बुजुर्ग और हाई रिस्‍क कैटगरी वालो लोगों को वैक्‍सीन की पहली डोज नहीं लगाी है. अगर वैक्‍सीन किसी को दोबारा लगती है जिनको इसकी जरूरत ही नहीं है तो ये स्‍कैंडल होगा. इस स्‍कैंडल को रोकने की जरूरत है.
50 करोड़ कोवैक्‍स वैक्‍सीन 144 देशों तक पहुंच गई हैं. हमारा लक्ष्‍य है कि दुनिया की 40 फीसदी आबादी को इस साल के अंत तक वैक्‍सीन लगा दिया जाए. इसके लिए कुल मिलाकर 55 करोड़ वैक्‍सीन की जरूरत अगले 10 दिनों के अंदर पड़ने वाली है. WHO की इस ब्रीफिंग में एक बात और बताई गई कि 22 मिलियन से ज्‍यादा बच्‍चों को पिछले साल खसरा का टीका नहीं लग सका.
जो 2019 के मुकाबले 30 लाख से अधिक संख्‍या था. कोरोना महामारी के कारण 23 देशों में 24 खसरा टीकाकरण कार्यक्रम पर भी असर नजर आया है. ऐसे में दुनिया मे इस समय 9 करोड़ 30 लाख बच्‍चें अब भी खतरे में हैं. कुल मिलाकर विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने साफ कर दिया कि कई तरह के टीकाकरण कार्यक्रमों पर भी कोरोना का असर पड़ा है. वही WHO रूस के स्‍पूतनिक वी वैक्‍सीन को इमरजेंसी उपयोग देने की मंजूरी पर भी चर्चा हुई.
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