उत्तर प्रदेश के सिर्फ 34 जिले ऐसे हैं, जहां कोरोना के एक्टिव केस 10 या इससे कम हैं। बाकी के 41 जिलों में संक्रमण फैल रहा है। इसमें भी चार जिले गाजियाबाद, नोएडा, लखनऊ और मेरठ में तीसरी लहर की तेजी से शुरुआत हो चुकी है। गाजियाबाद-नोएडा में जिम, स्वीमिंग पूल बंद कर दिए गए हैं। आईटी कंपनियों को वर्क फ्रॉम होम के लिए कह दिया गया है। 10वीं तक के स्कूल भी फिलहाल बंद किए गए हैं।
गाजियाबाद में एक्टिव केस हुए 1167
6 जनवरी की सुबह जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार, जिला गाजियाबाद में कोरोना के 360 नए केस मिले हैं। यहां अब एक्टिव केस की संख्या एक हजार पार करते हुए 1167 पहुंच गई है। यूपी के दो जिलों गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद में अब वे नियम लागू हो गए हैं जो एक हजार से ज्यादा एक्टिव केस होने की स्थिति में बनाए गए थे।
गाजियाबाद-नोएडा में लागू हुए ये नियम
- स्वीमिंग पूल, वाटर पार्क, जिम बंद रहेंगे
- रेस्टोरेंट, फूड पॉइंट्स, सिनेमा हॉल में 50% लोग होंगे
- दसवीं तक के स्कूल 14 जनवरी तक बंद रहेंगे
- IT कंपनियां वर्क फ्रॉम होम लागू करेंगी
- शादियों में बंद स्थानों पर 100 लोग रहेंगे। खुले स्थान पर क्षमता के 50% लोग ही रहेंगे
- 15 से 18 उम्र के छात्रों को वैक्सीन के बाद दो दिन छुट्टी
- धार्मिक स्थलों, चिड़ियाघर, क्लबों में कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना
- बाजारों में मास्क नहीं तो सामान नहीं का पालन
- राशन व अन्य दुकानों के बाहर दो गज दूरी के गोले बनाए जाएं
साढ़े आठ हजार बेड स्टैंडबाय पर
गाजियाबाद सीएमओ डॉक्टर भवतोष शंखधर ने बताया कि 58 अस्पतालों में 3459 कोविड बेड को स्टैंडबाय पर रखा है। अगर जरूरत पड़ी तो हम जिले में उपलब्ध कुल 10 हजार बेड में से 6 हजार तक बेड बढ़ाएंगे। गाजियाबाद में 5 जनवरी तक कोरोना के 815 एक्टिव केस हैं, लेकिन अस्पतालों में सिर्फ 8 मरीज ही भर्ती हैं। सीएमओ के अनुसार, ये मरीज कोरोना के अलावा कई अन्य बीमारियों से ग्रसित हैं, इसलिए इन्हें भर्ती करना पड़ा। नोएडा में भी पांच हजार से ज्यादा कोविड बेड स्टैंडबाई पर हैं।
कोरोना बढ़ा पर अस्पताल जाने जैसी नौबत नहीं
कोरोना मरीज बेशक रोजाना दोगुना गति से बढ़ रहे हों, लेकिन अभी तक उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की नौबत काफी कम आ रही है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, 99.99 मरीज होम आइसोलेट हैं। इसमें भी मामूली रूप से बुखार वालों की संख्या न के बराबर है। मंडलीय सर्विलांस ऑफिसर डॉक्टर अशोक तालियान का कहना है कि यह कोविड की दोनों डोज लेने का नतीजा है कि मरीज तीसरी लहर में संक्रमित होने के बावजूद अस्पताल नहीं जा रहे। वे होम आइसोलेशन में ही ठीक हो रहे हैं।