COVID-19
कोरोना की दूसरी लहर के काम देखने के बाद लोगों के मन में कई सवाल हैं, जानिए कोरोना वैक्सीनेशन के बाद से जुड़े कुछ सवाल का जवाब
Nilmani Pal
3 Jun 2021 3:39 PM GMT
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इन सवालों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और लोगों के बीच फैल रही कई अफवाहों ने और पेचीदा बना दिया है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देश में कोरोना की दूसरी लहर के हल्की पड़ने के साथ वैक्सीनेशन धीरे-धीरे जोर पकड़ रहा है। ऐसे में लोगों के मन में कई सवाल हैं। जैसे-वैक्सीन लगवाने के बाद क्या होगा? क्या इसके कोई साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं? अगर साइड इफेक्ट हुए तो उनसे कैसे निपटा जाए? वैक्सीन लगने के बाद घर पर क्या सावधानी बरतनी चाहिए? इसके अलावा एक चर्चा ये भी है कि वैक्सीन लगवाने के बाद भी कई लोगों को कोरोना हो रहा है तो वैक्सीन लगवाने की जरूरत ही क्या है?
इन सवालों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और लोगों के बीच फैल रही कई अफवाहों ने और पेचीदा बना दिया है। तो आइए जानते हैं कोरोना वैक्सीनेशन के बाद यानी पोस्ट वैक्सीनेशन मैनेजमेंट से जुड़े आपके हर जरूरी सवाल का जवाब...
Q. मुझे कोवीशील्ड वैक्सीन लगी है तो क्या-क्या साइड इफेक्ट हो सकते हैं?
कोवीशील्ड वैक्सीन लगवाने के बाद सामान्य साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। कोई एक या एक से ज्यादा लक्षण होना सामान्य बात है। ऐसे लक्षण वैक्सीन लगवाने वाले 10 में से एक शख्स में होते हैं...
इंजेक्शन लगने की जगह पर हल्की सूजन, लालिमा, खुजली या चोट लगने जैसा अहसास, गांठ बनना।
बुखार, आमतौर पर बीमार जैसा महसूस करना।
थकान महसूस होना।
ठंड लगना या बुखार जैसा लगना।
सिरदर्द
मितली होना या उल्टी जैसा लगना।
जोड़ों या मांसपेशियों में दर्द।
कुछ लोगों में फ्लू जैसे लक्षण जैसे तेज बुखार, गले में खराश, नाक बहना, खांसी और ठंड लगने जैसे लक्षण भी हो सकते हैं।
कोवीशील्ड से कुछ और लक्षण भी हो सकते हैं। 100 लोगों में से किसी 1 में कुछ असामान्य लक्षण भी देखे गए हैं। जैसे...
चक्कर आना।
भूख कम होना।
पेट में दर्द।
लिम्फ नोड बढ़ना।*
बहुत ज्यादा पसीना आना।
त्वचा में खुजली या रैशेज। * लिम्फ नोड शरीर के विभिन्न हिस्सों, खासतौर पर गर्दन, कान के नीचे और बगल में पाई जाने वाली विशेष ग्रंथियां होती है। इनमें लिम्फ यानी व्हाइट ब्लड सेल्स भरे होते हैं। यह किसी इन्फेक्शन के दौरान हमारी रक्षा करते हैं।
Q. कोवैक्सिन लगवाने पर क्या साइडइ फेक्ट हो सकते हैं?
भारत बायोटेक की कोवैक्सिन लगवाने पर होने वाले साइड इफेक्ट्स...
इंजेक्शन लगने की जगह दर्द, सूजन, लालिमा या खुजली।
सिरदर्द।
बुखार।
बीमार होने जैसा अहसास।
शरीर में दर्द।
मितली होना।
उल्टी।
चकत्ते (रैशेज)।
अनपेक्षित साइड इफेक्ट्स भी मुमकिन...
भारत बायोटेक कंपनी का कहना है कि कोवैक्सिन के कुछ गंभीर और अनपेक्षित साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं।
इनमें बेहद कम होने वाले एलर्जिक रिएक्शन भी शामिल हैं। ऐसा होने पर फौरन डॉक्टर या वैक्सीनेटर से संपर्क करें।
Q. जब वैक्सीन लगने से साइड इफेक्ट्स होते ही हैं तो क्या हम पहले से ही दवा ले सकते हैं?
अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल (CDC) का कहना है कि संभावित साइड इफेक्ट्स की दवा, वैक्सीन लगने से पहले नहीं लेनी चाहिए। हो सकता है आपको वह साइड इफेक्ट ही न हो, जिसकी आपने दवा ली है।
Q. कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट कितने दिनों तक रहते हैं?
आमतौर पर कोरोना वैक्सीन के सामान्य साइड इफेक्ट्स 24 से 48 घंटे तक रहते हैं। अगर किसी में यह लक्षण इससे ज्यादा समय तक बने रहें तो उन्हें डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
Q. वैक्सीन लगवाने से पहले इंजेक्शन लगवाने के डर को कैसे दूर करें?
अगर वैक्सीन की सिरिंज (सुई) देखकर नर्वस हो रहे हों तो..
याद रखें कि यह सिर्फ एक छोटी सी चुभन है जो आपकी जान बचा सकती है।
धीमी गहरी सांस लें।
सुई की तरफ न देखें।
Q. वैक्सीन लगने के तुरंत बाद वैक्सीन सेंटर पर क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
वैक्सीनेटर आपको वैक्सीन लगाने के बाद 15 मिनट रुकने को कहेंगे, जिससे फौरन होने वाले किसी एलर्जिक रिएक्शन से आपको बचाया जा सके। इस निर्देश को मानें और 15 मिनट तक सेंटर पर जरूर रुकें।
सेंटर पर भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। मास्क पहनकर ही वैक्सीन लगवाएं।
ध्यान दें कि इंजेक्शन लगवाने की जगह से खून तो नहीं बह रहा। अगर खून बहे तो तुरंत वैक्सीनेटर को बताएं।
वैक्सीनेटर आपको संभावित साइड इफेक्ट्स के बारे में बताएंगे, उसे ध्यान से सुनें।
ज्यादातर वैक्सीन सेंटर पर पेरासिटामॉल की गोली दी जा रही हैं। बुखार या बदन दर्द होने पर वैक्सीनेटर की बताई डोज के मुताबिक अपने घर पर गोली लें।
Q. वैक्सीन लगवाने के बाद खाने-पीने में किन बातों का ध्यान रखें?
वैक्सीन लगवाने के 3 से 4 दिनों तक भारी मेहनत वाले काम न करें। इस दौरान शराब और सिगरेट से बचे रहें तो अच्छा है। इससे वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स गंभीर होने की संभावना कम होगी।
यदि आप वैक्सीन से पहले किसी तरह के परहेज पर हैं तो उसका पालन करें। वैसे वैक्सीन के बाद आप सामान्य खाना ले सकते हैं। ज्यादा से ज्यादा लिक्विड जैसे नारियल पानी, जूस आदि लें।
भारत में फिलहाल उपलब्ध दोनों वैक्सीन की दो-दो डोज लगाई जा रही हैं। एस्ट्राजेनेका की कोवीशील्ड की पहली डोज के 12 सप्ताह बाद दूसरी डोज लगती है, वहीं भारत बायोटेक की कोवैक्सिन की पहली और दूसरी डोज के बीच 4 से 6 सप्ताह का अंतर रखा जाता है। ऐसे में किसी भी शख्स को वैक्सीन की दोनों डोज लगने के दो सप्ताह बाद ही पूरी तरह वैक्सीनेटेड या fully vaccinated माना जाता है।
Q. मुझे कोरोना वैक्सीन की एक डोज लग चुकी है तो क्या अब मुझे कोरोना नहीं होगा?
कोरोना की एक डोज लगवाने के बाद भी आपको कोरोना हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि आप कोरोना से बचने के लिए मास्क, सोशल डिस्टेंसिग, हैंड सैनिटाइजेशन, बेहद जरूरी होने पर ही घर से निकलना, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर न जाने जैसे बचाव के तरीकों को अपनाते रहें।
Q. मैं वैक्सीन के दोनों डोज लगवा चुका हूं, तो क्या मुझे कोरोना नहीं होगा?
कोरोना वैक्सीन हमारे इम्यून सिस्टम को वायरस की पहचान कर उससे लड़ने के लिए तैयार रहना सिखाती है। वैक्सीन की दोनों डोज लगने के कम से कम दो सप्ताह बाद शरीर में वायरस के खिलाफ इम्युनिटी यानी प्रतिरोध विकसित होता है। दुनिया की किसी भी वैक्सीन की एफिकेसी 100% नहीं है। इसलिए दोनों डोज के बाद भी कोरोना हो सकता है।
सरकार की ओर से निर्देश हैं कि वैक्सीन की दोनों डोज लगने के बाद भी मास्क, सोशल डिस्टेंसिग, हैंड सैनिटाइजेशन, बेहद जरूरी होने पर ही घर से निकलना, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर न जाना जैसे बचाव के तरीकों को अपनाते रहें।
Q. क्या कोवीशील्ड या कोवैक्सिन से कोरोना हो सकता है?
एस्ट्राजेनेका की कोवीशील्ड (COVISHIELD) वैक्सीन में कोरोना वायरस यानी SARS-CoV-2 नहीं हैं। इसी तरह भारत बायोटेक की कोवैक्सिन (COVAXIN) एक inactivated यानी मार दिए गए कोरोना वायरस से बनी वैक्सीन है। साफ है कि भारत में फिलहाल उपलब्ध दोनों में से किसी भी वैक्सीन से कोरोना होने की कोई आशंका नहीं।
Q. मेरे दोस्त ने कहा कि वैक्सीन लगवाने के एक हफ्ते तक अकेले कमरे में मास्क पहनकर रहना चाहिए, क्या यह सही है?
ऐसी अफवाह यह कहते हुए फैलाई जा रही है कि वैक्सीन में कोरोना के वायरस होते हैं, ऐसे में वैक्सीन लगवाने के बाद मास्क पहनकर दूसरे कमरे में रहना चाहिए, जिससे परिवार के बाकी लोगों को कोरोना न हो।
Q. लोग कहते हैं कि जिसे वैक्सीन लगने के बाद बुखार नहीं आया, मतलब उस पर वैक्सीन का असर नहीं हुआ, क्या ऐसा है?
बुखार आना कोरोना वैक्सीन लगने से होने वाले सामान्य साइड इफेक्ट्स में से एक है।
वैक्सीन लगने के बाद जरूरी नहीं कि सभी लोगों को सभी तरह के साइड इफेक्ट्स हों। ऐसे में वैक्सीन के बाद किसी को बुखार न आने का मतलब यह नहीं कि उस पर वैक्सीन का असर नहीं होगा।
Q. फ्रेंच नोबेल विजेता लुक मोन्टाग्नियर के दावे वाली पोस्ट वायरल हो रही है कि वैक्सीन लगवाने वालों का दो सालों में मरना तय है, ये कितना सच है?
दरअसल, यह पोस्ट एक इंटरव्यू का हिस्सा है। जिसमें मोन्टाग्नियर ने कहा था कि बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन एक 'वैज्ञानिक त्रुटि के साथ एक चिकित्सा त्रुटि' है। यह एक अस्वीकार्य गलती है। कोरोना वैक्सीन से ही नए वैरिएंट बन रहे हैं। इंटरव्यू में मोन्टाग्नियर ने कहीं भी ये नहीं कहा कि कोरोना वैक्सीन लगवा चुके लोगों का दो सालों में मरना तय है। उनका कहना है कि कोरोना वैक्सीन से ही नए वैरिएंट बन रहे हैं। यह फेक न्यूज है। ऐसी अफवाहों से दूर रहें और कोरोना से बचने के लिए वैक्सीनेशन अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें।
Q. वैक्सीन लगवाने के बाद भी कई लोगों को कोरोना हो रहा है, ऐसे में वैक्सीन लगवाने से क्या फायदा?
कोरोना ही नहीं, दुनिया में किसी भी बीमारी की कोई भी वैक्सीन 100% असरदार नहीं है। यूके और ब्राजील में हुई स्टडी में एस्ट्राजेनेका की कोवीशील्ड वैक्सीन की दूसरी डोज के 14 दिन बाद उसकी एफिकेसी 66.7% साबित हुई। वहीं, अमेरिका में यह आंकड़ा 100% था। उधर, भारत बायोटेक का कहना है कि तीसरे चरण के ट्रायल में कोवैक्सिन की एफिकेसी 81% निकली। साफ है, बेहद कम लोगों को वैक्सीनेशन के बाद भी कोरोना हो सकता है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि वैक्सीन लगवाने से कोई फायदा नहीं। वैक्सीन कोरोना से बचाव तो करती है, लेकिन अगर कोरोना हो जाए तो गंभीर रूप से बीमार होने से भी बचाती है।
Nilmani Pal
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