जनता से रिस्ता वेबडेसक | पंजाब की सियासत में पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह कल बड़ा धमाका कर सकते हैं। बुधवार को बुलाई प्रेस कान्फ्रेंस में कैप्टन नई पार्टी के नाम की घोषणा करेंगे। साथ ही अरूसा आलम, बीएसएफ और कृषि आंदोलन जैसे गंभीर मुद्दों पर भी वह बड़ी घोषणा कर सकते हैं। उनकी इस घोषणा से पंजाब कांग्रेस में भी हलचल तेज हो गई है। आलाकमान सहित दिग्गज कांग्रेसियों ने पार्टी विधायकों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है।
पंजाब विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे सियासी घमासान भी बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस पार्टी के अंदरूनी विवाद को सुलझाना अभी बाकी है। कैप्टन और कांग्रेसियों के बीच अरूसा को लेकर जुबानी जंग छिड़ी हुई है। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह लगातार कांग्रेस पर हमले कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस के मंत्री और नेता कैप्टन पर तरह-तरह के मामलों को लेकर कैप्टन के हमलों का जवाब दे रहे हैं। कप्तान पर उनकी महिला मित्र अरूसा आलम को लेकर भी लगातार निशाने साधे जा रहे हैं। इन सबके बीच कैप्टन ने मंगलवार को ट्विटर पर एक पोस्ट शेयर कर 27 तारीख बुधवार को चंडीगढ़ में प्रेस कांफ्रेंस बुला ली है। इस प्रेस कांफ्रेंस का मुख्य मुद्दा नई पार्टी का गठन होगा। चर्चा यह भी है कि इसमें अरूसा आलम, बीएसएफ और कृषि कानूनों के मुद्दों को भी कैप्टन उठा सकते हैं। साथ ही कांग्रेस छोड़ने के मुद्दे पर कैप्टन अमरिंदर सिंह पहले ही कह चुके हैं कि सिद्धू के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी।
भाजपा के साथ बागी अकालियों को लेंगे साथ
चर्चा यह भी है कि कैप्टन नई पार्टी की घोषणा के साथ ही भाजपा और बागी अकालियों को साथ लेंगे। 2022 में होने वाले चुनाव से पहले कैप्टन केंद्र और आंदोलनरत किसानों के बीच सेतु का काम करेंगे और कृषि कानूनों को लेकर दोनों के बीच विवाद को सुलझाने का काम करेंगे।
पार्टी में जोड़ेंगे कांग्रेस
नई पार्टी को लेकर कैप्टन के करीबी सांसद जसबीर सिंह डिंपा ने ट्वीट किया है। जिसमें उन्होंने साफ संकेत दिए हैं कि कैप्टन की नई पार्टी के नाम में कांग्रेस शामिल रहेगा। कैप्टन के करीबियों का कहना है कि जिस प्रकार ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस और शरद पवार ने नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी बनाई है, उसी प्रकार से कैप्टन भी अपनी पार्टी के नाम में कांग्रेस शब्द को शामिल करेंगे।
कैप्टन की होगी दूसरी पार्टी
52 वर्ष के राजनीतिक सफर में 79 वर्षीय कैप्टन के लिए यह दूसरा मौका होगा, जब वह अपनी राजनीतिक पार्टी का गठन करेंगे। 1992 में शिरोमणि अकाली दल से अलग होकर उन्होंने शिरोमणि अकाली दल (पंथक) पार्टी का गठन किया था। हालांकि वह इसमें सफल नहीं हो पाए, 1998 के चुनाव में दो सीटों पटियाला और तलवंडी साबो पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद उन्होंने वापस कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी।
पत्नी का भी मिलेगा साथ
कैप्टन की पत्नी और पटियाला से सांसद परनीत कौर नई पार्टी की सदस्यता लेंगी। चर्चा यह भी है कि कैप्टन की नई पार्टी के गठन पर 10 से अधिक कांग्रेस के विधायक भी कैप्टन के साथ मंच साझा करेंगे। जानकारी यह भी है कि उनके कार्यकाल में मंत्री रह चुके कई दिग्गज कांग्रेसी भी अलग-अलग रूप में कैप्टन का साथ देने का आने वाले समय में एलान करेंगे।