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होलसेल कारिडोर नहीं होलसेल कालाडोर

1 Feb 2024 2:16 AM GMT
होलसेल कारिडोर नहीं होलसेल कालाडोर
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कांग्रेसी नेताओं और कारोबारियों ने तिजोरी भरने बनाया प्रोजेक्ट प्रोजेक्ट के आसपास तथा सडक़ के फ्रंट वाली जमीन कांग्रेसी और अधिकारियों के खास लोगों  ने खरीदी रायपुर। नया रायपुर में प्रस्तावित एशिया का सबसे बड़ा होलसेल कारिडोर की मंजूर के बाद ही विरोध को स्वर उठ रहे थे। यह प्रोजेक्ट तथाकथित व्यापारी और नेताओं की …

कांग्रेसी नेताओं और कारोबारियों ने तिजोरी भरने बनाया प्रोजेक्ट

प्रोजेक्ट के आसपास तथा सडक़ के फ्रंट वाली जमीन कांग्रेसी और अधिकारियों के खास लोगों ने खरीदी

रायपुर। नया रायपुर में प्रस्तावित एशिया का सबसे बड़ा होलसेल कारिडोर की मंजूर के बाद ही विरोध को स्वर उठ रहे थे। यह प्रोजेक्ट तथाकथित व्यापारी और नेताओं की षड्यंत्र का जीता जागता प्रमाण है जिसमें सिर्फ अपने खास लोगों को ही जमीन देकर उपकृत करने के साथ तत्कालीन सरकार के मंत्रियों के करीबियों और रिश्तेदारों को होलसेल कारिडोर को आसपास की जमीन को कौड़ी के दाम बेचकर अरबपति बना दिया गया है। सरकार की वो सभी जमीन जो होलसेल कारिडोर से लगी है जिसे न्यूनतम दर पर कांग्रेसियों को बेची गई है। वो ऐसे कांग्रेसी है जिनका कांग्रेस सरकार में सीधा दखल था। यदि उन्हें इंद्रावती भवन और महानदी भवन भी पसंद आता तो दे दिया जाता। वो व्यापारी और नेता कांग्रेस सरकार के इतने खास थे। जिसके भरोसे ही सरकार चलती थी ऐसा कहा जाता था। यहां सोना भी मिट्टी के भाव बिका और खरीदने वाले अरबों में खेलने लगे। अब तो इस प्रोजेक्टड के आसपास दो किमी तक जमीन ही नहीं बची है।

एक पक्ष को फायदा पहुंचाने की सोची समझी साजिश

नया रायपुर में बनने वाला एशिया का सबसे बड़ा होलसेल कारिडोर पूर्ववर्ती सरकार के कुछ खास लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार ने फैसला लेकर पूर्व मंत्री के भाई और निगम के सबसे बड़े ओहदे पर बैठे राजनेता के परिवार को उपकृत करने की एक सोची समझी षड्यंत्र का हिस्सा है। जिसमें कुछ खास व्यापारियों को फायदा पहुचाने के नाम पर होलसेल कारिडोर का प्रोपोगंडा किया गया। होलसेल कारिडोर में व्यापारियों को जमीन मिलने से पहले ही चिन्हित जमीन के आसपास के सैकड़ों एकड़ जमीन को नेताओं और अफसरों ने अपनो करीबियों को आवंटित कर दिया। जिसमें पूर्व सीएम भूपेश बघेल और अधिकारियों को साथ व्यापारियों के तथाकथित करीबियों को फायदा पहुंचाया गया। होलसेल कारिडोर को अस्तित्व में आने में पांच साल लगेंगे उससे पहले नया रायपुर की जमीन का बंदरबाट कर दिया गया। जिसमें पूर्व सीएम, पूर्व मंत्री के परिवार और भाई के अलावा बड़े व्यापारियों फायदा पहुंचाया गया। अब सरकार बदलने के बाद भाजपा सरकार की क्या रूख होता है स्पष्ट नहीं हो पाया है। जिस तरह से पूरे प्रदेश में ईडी और आईटी, के साथ सीबीआई की कार्रवाई चल रही ये संकेत है कि आने वाले दिनों में नया रायपुर के होलसेल कारिडोर की भ्रष्टाचार की कुंडली में इंद्राज नेता, व्यापारी, आईएएस-आईपीएस अधिकारियों के नामों को लेकर बड़ी कार्रवाई हो सकती है।

और कारोबारी, मचा हडक़ंप

छत्तीसगढ़ चैंबर आफ कामर्स की मांग के बाद जिला प्रशासन द्वारा इसका प्रस्ताव नवा रायपुर विकास प्राधिकरण (एनआरडीए) को भेज दिया गया है। एनआरडीए द्वारा भी जमीनों का लैंडयूज बदलने की तैयारी की जा रही है। अभी तक 85 व्यापारिक संगठनों ने छत्तीसगढ़ चेंबर आफ कामर्स को अपना समर्थन भी दिया है और यहां 8000 से अधिक दुकानें बनाई जाएंगी। बताया जा रहा है कि सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद जल्द ही रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी और अनुमति मिलने के बाद चेंबर आफ कामर्स को तय कीमत पर जमीन दी जाएगी। एनआरडीए के सीईओ किरण कौशल ने बतायाकि प्रोजेक्ट को सैद्धांतिक मंजूरी भी मिल चुकी है।

सात राज्यों से बढ़ेगा व्यापार

नवा रायपुर में बनने वाले इस होलसेल कारीडोर से प्रदेश का कारोबार एक साथ सात राज्यों से जड़ेगा। इनमें प्रमुख रूप से उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड, ओडिशा, मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना से व्यापार और बढ़ेगा। छत्तीसगढञ चैंबर आफ कामर्स के अध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि होलसेल कारीडोर के बनने के बाद से प्रदेश के व्यापार में और बढ़ोतरी होगी। यह एशिया का सबसे बड़ा होलसेल बाजार होगा।

ये होंगी सुविधाएं

चार हजार ट्रकों के पार्किंग की व्यवस्था
पेट्रोल पंप
धर्मकांटा
होटल-रेस्टारेंट
वाइफाइ सिस्टम, रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
गार्बेज डिस्पोजल प्लांट
सालिड वेस्ट मैनेजमेंट
बैंक-एटीएम

ये व्यापारिक प्रतिष्ठान होंगे शामिल

बताया जा रहा है कि इस होलसेल बाजार में एमजी रोड व्यापारी संघ, छत्तीसगढ़ किराना मेवा, थोक बर्तन, कंफेक्शनरी, रायपुर दाल मिल, मालवीय रोड व शारदा चौक, रायपुर इलेक्ट्रिकल मर्चेंट, शारदा चौक-गुरुनानक चौक, छत्तीसगढ़ प्लास्टिक निर्माता, छत्तीसगढ़ मापतौल निर्माता सहित बहुत से व्यापारी संघ है।

होलसेल कॉरिडोर के लिए एनआरडीए ने बदला लैंडयूज

नवा रायपुर में 1000 एकड़ जमीन पर दक्षिण पूर्व एशिया का सबसे बड़ा होलसेल कॉरिडोर बनने जा रहा है। इसके लिए एनआरडीए ने लैंडयूज भी चेंज कर दिया है। कॉरिडोर को आकार देने के लिए गुरुवार को छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इसमें कॉरिडोर को जल्द से जल्द बनाने पर जोर दिया गया।

चैंबर अध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया, होलसेल कॉरिडोर में जगह लेने एनआरडीए द्वारा जारी प्रारूप के अनुसार व्यवसायिक संघों को आवेदन प्रस्तुत करने कहा गया है। इसी संबंध में ये बैठक रखी गई थी। जिन व्यापारी संगठनों ने होलसेल कॉरिडोर में जगह के लिए आवेदन दिया है, उनसे एनआरडीए द्वारा जारी प्रपत्र भरवाया गया। इससे जुड़ी दूसरी महत्वपूर्ण जानकारियां भी साझा की गई। इस दौरान मनीष पल्लीवार ने कॉरिडोर मॉडल को प्रेजेंटेशन के जरिए पेश किया। उन्होंने बताया कि प्रस्तावित होलसेल कॉरिडोर उपरोक्त अंतरराष्ट्रीय बाजारों जैसा विशाल और व्यवस्थित होगा।

रायपुर में बनेगा एशिया का सबसे बड़ा थोक बाजार, सात राज्यों से सीधे व्यापार से जुड़ेगा

शहर के लोगों को जल्द ही ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिलने वाली है। यहां का पूरा थोक बाजार नवा रायपुर में शिफ्ट होने वाला है। बताया जा रहा है कि नवा रायपुर के सेक्टर-35 के अलावा आसपास के क्षेत्रों में होलसेल बाजार का निर्माण किया जा रहा है, जो एशिया का सबसे बड़ा बाजार होगा। होलसेल कारीडोर बनने से प्रदेश में करीब डेढ़ लाख नए रोजगार मिलेंगे। होलसेल कारीडोर में विभिन्न सेक्टर एक छत के नीचे आ जाएंगे और इसके चलते यहां सभी सेक्टरों में नए रोजगार पैदा होंगे।

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