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स्कूल-कॉलेज के सामने से ठेला-होटल कब हटाएगें?

8 Jan 2024 1:00 AM GMT
स्कूल-कॉलेज के सामने से ठेला-होटल कब हटाएगें?
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विद्यार्थियों को अब लिखकर देना होगा नशा नहीं करेंगे   बिना शपथ नहीं मिलेगा एडमिशन लेकिन स्कूल-कालेज के सामने से पान ठेला कब हटेगा   रायपुर। तम्बाखू मुक्त भारत जैसे सरकारी स्लोगन का स्कूल और कालेज के प्रबंधन खिल्ली उड़ाने मजबूर दिखाई दे रहा है। क्योंकि पुलिस प्रशासन और नगरीय निकाय प्रशासन की उदासीनता और …

विद्यार्थियों को अब लिखकर देना होगा नशा नहीं करेंगे

बिना शपथ नहीं मिलेगा एडमिशन लेकिन स्कूल-कालेज के सामने से पान ठेला कब हटेगा

रायपुर। तम्बाखू मुक्त भारत जैसे सरकारी स्लोगन का स्कूल और कालेज के प्रबंधन खिल्ली उड़ाने मजबूर दिखाई दे रहा है। क्योंकि पुलिस प्रशासन और नगरीय निकाय प्रशासन की उदासीनता और अनदेखी के चलते स्कूल प्रबंधन चाह कर भी बच्चों को नशा से मुक्त नहीं कर पा रहा है। प्रदेश में भाजपा की नई सरकार बनने के बाद दबंग शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल से स्कूल और कालेज प्रबंधनों को उम्मीद जगी है कि इस दिशा में शिक्षा मंत्री ठोस कदम उठाएंगे। बृजमोहन की कार्यशैली से सभी परिचित है, वो शिक्षा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ को पूरे देश में अग्रिम पंक्ति में रखने की बात कई बार अपने अधिकृत बयानों में कह चुके है। सरकारी फरमान का आज तक स्कूल और कालेज के प्रबंधन ने गंभीरता से पालन करने का मन ही नहीं बनाया है जिसका खामियाजा पालकों और अभिभावकों को उठाना पड़ रहा है। पालक और अभिभावक तो लाखों रुपए खर्च कर बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल करना चाहते है लेकिन जिस स्कूल -कालेज में बच्चे पढ़ते है वहां तो मार्डन कल्चर का बोलबाला है। जिससे वहां पढऩे वाले बच्चे मोह भंग नहीं कर पा रहे है। क्योंकि कैंपस के सामने और उसके आसपास चल रहे होटल और पान ठेले बच्चों को रिलेक्स के नाम पर धीमा जहर पीला रहे है जिसका सीधा असर उनके भविष्य पर पड़ रहा है। वो नशेड़ी बच्चे स्कूल-कालेज तो जाते है पर पढ़ाई के लिए नहीं बल्कि नशा करने के लिए या दोस्तों के साथ मौज करने के लिए ।

नशे का सामान आसानी से उपलब्ध

प्रदेश के विश्वविद्यालयों में अब एडमिशन के लिए शपथ पत्र देना होगा। स्टूडेंट्स को लिखकर देना होगा कि वे तंबाकू, सिगरेट, शराब समेत किसी भी तरह का नशा नहीं करेंगे। शपथ पत्र देने के बाद ही स्टूडेंट्स को विश्वविद्यालयों या कॉलेजों में एडमिशन मिलेगा। लेकिन सरकार स्कूल कालेजों के सामने से पान ठेला और होटल हटाने की दिशा में खामोश है। जहां छात्रों को आसानी से नशे का सामान स्कूल-कालेज के गेट पर ही मिल जाता है। यूजीसी नई दिल्ली ने देशभर के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को नशा मुक्त भारत अभियान (एनएमबीए) के तहत एक गाइडलाइन जारी की है कि विश्वविद्यालयों में तंबाकू, शराब और नशीली दवाइयों जैसी लत को रोकने के लिए छात्र-छात्राओं को एडमिशन के समय नशा नहीं करने का शपथ पत्र भी देना पड़ेगा। वहीं दूसरी ओर अधिकारिता मंत्रालय के सहयोग से नशा मुक्त भारत अभियान के तहत विश्वविद्यालय परिसर में नशीली दवाओं के सेवन को रोकने जागरूकता कार्यक्रम, कार्यशाला और गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। यूजीसी ने विश्वविद्यालय और कॉलेजों को मादक पदार्थ मुक्त वातावरण बनाने के लिए सामान्य क्लब बनाने की सलाह भी दी है। सीसीपीसीआर के अध्ययन में पाया गया है कि 50 प्रतिशत छात्र गांजा,तम्बाखू और कोकीन जैसे नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं। छात्र एक दूसरे को देखकर नशा करते हैं। शुरू में ये एक शौक की तरह उपयोग में लेते हैं बाद में इसकी लत लग जाती है। स्कूल-कालेजों के सामने खुले हुए पनवाड़ी की दुकान, होटल इसके प्रमुख स्रोत होते हैं जहाँ छात्रों को आसानी से नशे के सामान उपलब्ध हो जाते हैं। इकानॉमिक रिसर्च एजेंसी और लॉ कंसल्टिंग फर्म की सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक देश में करीब 16 करोड़ लोग शराब पीने वाले हैं। वहीं भांग और गांजे का सेवन करने वाले 3 करोड़ से भी ज्यादा लोग हैं।

ब्यूरो ऑफ इंटरनेशनल नारकोटिक्स एंड ला एन्फोर्सम्मेंट के मुताबिक देश के प्रति 4 करोड़ की आबादी में लगभाग 35 लाख लोग ड्रग्स के आदी हैं। साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि दुनिया में 30 लाख करोड़ का नशे का कारोबार हर साल होता है। और भारत के लगभग 20 प्रतिशत आबादी इसके गिरफ्त में हैं। इसमें 10 से लेकर 75 साल के बीच के लोग शामिल हैं, विद्यार्थियों की तादात 50 प्रतिशत है बॉलीवुड भी इससे अछूता नहीं है। कई बॉलीवुड हस्तियां भी इसके चक्कर में जान गंवा चुके हैं। शराब और ड्रग्स के अलावा भी करीब 4.6 लाख बच्चे और 18 लाख वयस्क सर्दी-जुकाम में दवा के तौर पर नशीली दवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं। दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने भी कहा कि विश्वविद्यालयों में प्रवेश लेने से पहले हर छात्र को अब शपथपत्र देना होगा कि वह नशा नहीं करेगा। राज्यपाल ने कहा कहा कि विवि के कुलाधिपति होने के नाते मैंने अपने सचिव को कहा है कि वह सभी विवि को निर्देश जारी करें कि वह हर छात्र से शपथ पत्र लें। यदि कोई नशा करता है तो उसे दंडित करने पर भी विचार किया जा रहा है। लेकिन राज्य सरकारें स्कूल और कालेज के सामने से नशे के प्रमुख केंद्र पान ठेलों को सख्ती से हटाने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रही हैं इस मामले में उनका रवैया उदासीन रहता है। अगर छात्रों को नशे से दूर रखना है तो हर हाल में स्कूल कालेज के सामने से इनको हटाना ही पड़ ेगा तभी नशा पर रोक लगाई जा सकती है।

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