कर्मचारियों और पेंशनरों को डीए डीआर देने साय सरकार कर रही विचार
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से अस्थायी निवास पहुना में प्रत्यक्ष भेट कर छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर फेडरेशन रायपुर के प्रदेश संयोजक वीरेन्द्र नामदेव ने राज्य कर्मचारी संघ छत्तीसगढ़ के 2024 के कलेंडर विमोचन कार्यक्रम के समय प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व करते हुए ज्ञापन देकर मुख्यमंत्री से पूछा कि सरकार बनने के एक माह बीत जाने …
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से अस्थायी निवास पहुना में प्रत्यक्ष भेट कर छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर फेडरेशन रायपुर के प्रदेश संयोजक वीरेन्द्र नामदेव ने राज्य कर्मचारी संघ छत्तीसगढ़ के 2024 के कलेंडर विमोचन कार्यक्रम के समय प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व करते हुए ज्ञापन देकर मुख्यमंत्री से पूछा कि सरकार बनने के एक माह बीत जाने के बाद भाजपा के घोषणा पत्र में केन्द्र के समान डीए देने का मोदी के गारंटी का क्या हुआ? आखिर कब तक मिलेगा कर्मचारियों और पेंशनरों को डीए डीआर। इंतहा हो गई इंतजार की। *इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विचार चल रहा है।* इतना बोलकर आगे निकल गए। जारी विज्ञप्ति में उन्होंने आगे बताया है कि भाजपा या कांग्रेस दोनों ही सरकार को देर सबेर केन्द्र सरकार द्वारा घोषित डीए डीआर देना ही पड़ता है अर्थात आज नही तो कल हर हाल में देना ही है,फिर विलम्ब करने का कोई औचित्य नहीं है। पहले कांग्रेस सरकार में विलम्ब करने का कारण एरियर हजम करना था परन्तु भाजपा सरकार में मोदी की गारंटी में खुलासा किया हुआ है कि केन्द्र के समान डीए दिया जाएगा। इसका मतलब केन्द्र के देय तिथि 1 जनवरी 24 से 4% डीए डीआर राज्य के कर्मचारियों को मोदी की गारंटी के तहत देना ही होगा। ऐसी स्थिति में विलम्ब करने का कोई मतलब नही है।
जारी विज्ञप्ति में वरिष्ठ कर्मचारी नेता व भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ के प्रांताध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने आगे बताया है कि भाजपा के सभी नेता, मुख्यमंत्री,मंत्री हर कोई *"मोदी की गारंटी"* की बात करते नहीं थक रहे है परन्तु मोदी की गारंटी में केवल किसान और सिर्फ किसान उनकी प्राथमिकता में है बाकी मोदी की गारंटी के बिंदुओं पर सब चुप क्यों हैं समझ से परे है। पेंशनरों ने विधानसभा चुनाव में खुलेआम कांग्रेस खिलाफ *"एक पेंशनर दस परिवार*" का नारा दिया था और सेवारत अधिकारी कर्मचारी भी दबे पांव यही किए हैं जिसका खामियाजा भूपेश सरकार को सत्ता खोकर चुकाना पड़ा है। भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद *"मोदी की गारंटी"* पर भाजपा सरकार के लेटलतीफी से कर्मचारियों और पेंशनरों का भरोसा टूट रहा है।