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सीआरपीएफ अल्फा बटालियन के जवानों को बताए गए तनाव प्रबंधन के तरीके
कोण्डागांव। जिले में अर्द्धसैनिक बलों एवं विभिन्न सेनाओं के जवानों में लगातार घर से दूर विषम परिस्थितियों में रहकर जिले में शांति व्यवस्था स्थापित करने का कार्य किया जाता है। जिससे वे स्वयं कई बार अवसादों से घिर जाते है। जिनसे उन्हें बचाने व उनमें तनाव को कम करने के लिए जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य …
कोण्डागांव। जिले में अर्द्धसैनिक बलों एवं विभिन्न सेनाओं के जवानों में लगातार घर से दूर विषम परिस्थितियों में रहकर जिले में शांति व्यवस्था स्थापित करने का कार्य किया जाता है। जिससे वे स्वयं कई बार अवसादों से घिर जाते है। जिनसे उन्हें बचाने व उनमें तनाव को कम करने के लिए जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत उनके शिविरों में जा कर मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता एवं प्रबंधन कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। जिसके तहत जिले में कलेक्टर कुणाल दुदावत एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आरके सिंह के निर्देशानुसार जिला नोडल अधिकारी मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम डॉ0 दिव्या तिवारी एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ0 भावना महलवार के मार्गदर्शन में सीआरपीएफ अल्फा 188वी बटालियन् के जवानो के लिए जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम द्वारा मानसिक तनाव प्रबंधन कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें जवानों को रोजाना की दिनचर्या में आने वाली मानसिक समस्याओं से मुकाबला कैसे करें और तनाव के स्तर को कैसे कम करें, इस संबंध में सोशल वर्कर वीरेंद्र केला एवं कम्युनिटी नर्स निधि साहू द्वारा विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई एवं साथ ही विभन्न गतिविधिया कराई गई।
इसके अतिरिक्त जवानों को तनाव प्रबंधन की रणनीति बताई गई जिसके तहत शारीरिक व्यायाम, गहरी सांस लेना, मानसिक विश्राम, ध्यान करना, योग करना, अपने रोजाना की दिनचर्या से समय निकालकर रचनात्मक शौक को समय देना जैसे गायन, नृत्य, शिल्पकला, बागवानी, खाना पकाना, आर्ट्स एवं क्राफ्ट्स के लिए समय निकालना। जिससे मन को संतोष एवं संतुष्टि प्राप्त हो ऐसे कार्य को अल्प समय करके अपने तनाव के स्तर को कम किया जा सकता है। इसके अलावा समय का नियोजन एवं समय के महत्व को प्राथमिकता देने से तनाव से आसानी से निपटा जा सकता है। प्रभावी सम्प्रेषण कौशल से बातचीत अल्प एवं आसान शब्दों से करना चाहिए जिससे भी तनाव की स्थिति उत्पन्न करने से बचा जा सकता है। तनावपूर्ण स्तिथि संघर्षपूर्ण होती है जिसको स्वीकार करना एवं उनका निदान या ढूंढने के लिए प्रयास की इच्छा व्यक्त करनी चाहिए। इसके साथ ही बताया गया कि किसी भी तरह की मानसिक तनाव की समस्या होने पर जिला अस्पताल के स्पर्श क्लीनिक ओपीडी कक्ष न.09 में विजिट हेतु सलाह दिया गया एवं टेलीमानस टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 18008914416 एवं 14416 में कॉल कर के भी आप अपनी मानसिक समस्या का समाधान अपनी चुनिंदा भाषा मे कार्यस्थल पर ही ले सकते है।