
सचिन पायलट को पहली बैठक में ही आना होगा एक्शन मोड पर सैलजा चापलूसों से घिरी रही, पार्टी के दुश्मनों के मुखबिर की सचिन को करनी होगी पहचान विभीषणों के हाथ कांग्रेस की पतवार, कैसे होगी लोकसभा की वैतरणी पार रायपुर (जसेरि)। वर्षों पुरानी कांग्रेस की दुर्गति के लिए कौन जिम्मेदार, सत्ता और संगठन …
सचिन पायलट को पहली बैठक में ही आना होगा एक्शन मोड पर
सैलजा चापलूसों से घिरी रही, पार्टी के दुश्मनों के मुखबिर की सचिन को करनी होगी पहचान
विभीषणों के हाथ कांग्रेस की पतवार, कैसे होगी लोकसभा की वैतरणी पार
रायपुर (जसेरि)। वर्षों पुरानी कांग्रेस की दुर्गति के लिए कौन जिम्मेदार, सत्ता और संगठन में तालमेल के अभाव के चलते पार्टी विधानसभा हार चुकी है। अब लोकसभा चुनाव की तैयारियों में यदि विभीषणों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी तो ऐसे में तो कांग्रेस प्रदेश की सभी 11 लोकसभा सीट हार जाएगी। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की गुटबाजी और आपसी खींचतान कर अपनी राजनीतिक लाइन बड़ी करने के चक्कर में उठा पटक कर रहे हैं। उसे किसी भी प्रकार कांग्रेस पार्टी को रोकना होगा, अगर इसी तरीके से कांग्रेस के सभी बड़े नेता जो चुनाव हार चुके हैं और जो चुनाव नहीं लड़े कुछएक नेता जो प्रदेश के पदाधिकारी बनकर बैठे हैं ऐसे सभी नेताओं को आपस में तालमेल और कांग्रेस पार्टी के हित में मिलकर कार्य करने के लिए विशेष तौर पर सोचने की जरूरत है।
कांग्रेस के एक बड़े नेता जो खुद चुनाव हार गए हैं आलाकमान में जाकर शिकायत दर्ज कराई कि प्रदेश अध्यक्ष सहित सभी पदाधिकारी कहीं ना कहीं आरएसएस और भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए हैं और उन्हीं लोग के हाथ में फिर से कमान देने का मतलब 11 की 11 लोकसभा सीट कांग्रेस पार्टी हार जाएगी । इस प्रकार की शिकायतें प्रदेश के कई नेताओं ने दिसंबर माह में लगातार आलाकमान से मिलकर अपनी शिकायत दर्ज कराई है कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बनने की दौड़ भी दिल्ली तक लगा रहे हैं लेकिन आलाकमान लोकसभा चुनाव के उपरांत प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष को बदलने की इरादा रखता है ऐसा नेताओं का कहना है जो नेता बड़े नेताओं से मिलकर आए है। अधिकांश बड़े नेताओं में जो चुनाव हार चुके हैं और जो बचे हुए बड़े पदाधिकारी हैं सभी लोग दिल्ली आलाकमान से मुलाकात कर अपनी आपत्ति और शिकायत दर्ज करा चुके है और विधानसभा में चुनाव में हुई कांग्रेस पार्टी की चुनावी हार की संपूर्ण विवरण के साथ बताएं आए ऐसा सभी जानकारी सभी सभी बड़े नेताओं को और आलाकमान के नेताओं को दी गई है । कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने तो स्पष्ट रूप से शिकायत लिखित में दर्ज कराया है । बीजेपी और आरएसएस में लगातार अपनी बैठ मजबूत करने वाले नेताओं को प्रदेश कांग्रेस कमेटी में ही जगह दी गई है जिससे प्रदेश कांग्रेस कमेटी की संपूर्ण गोपनीय बातें विचारधारा चुनाव लडऩे की रणनीति और मेनिफेस्टो की बातें और संपूर्ण जानकारी पल-पल की बीजेपी को बैठे-बैठे मिल जाती है । अगर इसी तरीके से कांग्रेस के सभी पदाधिकारी लड़ते रहे तो यह कहना मुश्किल नहीं होगा कि आगामी लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी 11 की 11 लोकसभा सीट छत्तीसगढ़ में जीत जाएगी । ऐसा कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने अपने बड़े नेताओं से सचिन पायलट से और राहुल गांधी से व्यक्तिगत तौर पर मिलकर शिकायत दर्ज कराई है आगे देखना यह है कि घर का भेदी लंका ढाए की कहावत को चरितार्थ करने वाले नेताओं को कांग्रेस पार्टी पद मुक्त करती है या और पावरफुल बनाकर 11 की 11 लोकसभा सीट हारने का इंतजाम करती है। क्योंकि कहा जाता है कि कांग्रेस को कांग्रेसी ही हरा सकते है बाकी किसी में वो ताकत नहीं जो कांग्रेस को हरा सके। भाजपा के सारे रणनीतिकार कांग्रेस के नक्शे कदम पर चल रहे है। जो काम कांग्रेस केंद्र की सत्ता में थी तब किया करती थी, आज वहीं काम भाजपा कर रही है। कांग्रेसी तो पहले से ही इस काम के हुनरबाज है, इसलिए भाजपा के बड़े नेता कांग्रेस के असंतुष्टों को खोज-खोज कर निकाल रहे ताकि उनके असंतोष का लाभ लोकसभा चुनाव में ले सके। मुखबिरों से रहना होगा सावधान वैसे भी कांग्रेस पार्टी को कांग्रेस से ही ज्यादा खतरा है वरिष्ठ कांग्रेस के नेता ने अपना नाम नहीं छापने की शर्त यह बताया कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बागडोर भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख कार्यकर्ताओं के हाथों में और उन्हीं के मुखबिर होने के कारण आगामी लोकसभा चुनाव में भी पार्टी को कोई सफलता नहीं मिलेगी। परिणाम यह होगा कि 11 की 11 लोकसभा सीटें कांग्रेस पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में हारेगी। प्रभारी की जिम्मेदारी चुनौती पूर्ण कार्य सचिन पायलट के लिए प्रदेश कांग्रेस का प्रभारी बड़़ा चुनौती पूर्ण कार्य है आगामी दिनों में हताश और निराशा से भरे कार्यकर्ताओं को जोश के साथ कार्य करने के लिए पार्टी को सुचारू से चलाने के लिए बड़ी मेहनत करने की आवश्यकता है पूर्व के प्रभारी भी बदनामी और अपने ही निर्वाचन क्षेत्र में हार के कारण कार्यकर्ताओं में उत्साह नहीं बढ़ा पाए जैसे कि पीएल पुनिया अपने बेटे को तीन बार भी हार से बचा नहीं पाए उत्तर प्रदेश राज्य में कांग्रेस की स्थिति लगातार खराब होती गई वैसे ही कुमारी शैलजा का भी हाल रहा अपने राज्य में और खुद चुनाव हार कर रही प्रभारी बनकर छत्तीसगढ़ राज्य में कांग्रेस को वापसी की गारंटी बनने की नाकाम कोशिश की। और बदनामी हो गए अलग ऐसे में सचिन पायलट को फूंक फूंक कर एक-एक कार्यकर्ताओं से पूरे राज्य में चर्चा करने के उपरांत थी संगठन के कार्य को अपने हाथ में लेना चाहिए।
ईडी की तलवार लटक रही
डायरी से खुलेंगी पोल सबसे बड़ी चुनौती पार्टी के लिए ईडी के द्वारा बनाए गए विभिन्न भ्रष्टाचार के नाम पर केस महादेव ऐप का मामला तलवार की तरह लटक रहा है कभी भी रवि उप्पल सौरभ चंद्राकर को दुबई से रायपुर लाकर सभी बड़े आरोपियों को गिरफ्तार ईडी कर सकती है दूसरा सबसे बड़ा मामला है ईडी उस डायरी को खंगाल रही है जिस डायरी में सारे पैसे के लेनदेन सभी के नाम के साथ रकम का खुलासा लिखा हुआ है उस डायरी के आधार पर ईडी आगामी दिनों बड़ी कार्रवाई के मूड में है । ज्ञात रहे के उक्त डायरी को पूर्व मुख्यमंत्री के विशेष अधिकारी के घर से बरामद किया गया था बताया जा रहा है वैसे ही चावल घोटाला भर्ती पीडीएस घोटाला और न जाने आगामी दिनों कितने घोटाले सामने लाकर कांग्रेस पार्टी की मुसीबतें और बढ़ाई जा सकती है पांच साल 13 लोगों ने खाई मलाई कुल 13 लोग पांच साल तक मलाई खाए। कार्यकर्ताओं का काम करना तो दूर मिलना पसंद नहीं करते थे अब बोल रहे हैं कि एक जुट होकर भाजपा को हराना है। ये कैसा संभव है? ये वही लोग हैं जो अजीत जोगी जैसे बुद्धिमान राजनेता को पटखनी दे चूके हैं और अब भूपेश बघेल के चारों खाने चित कर दिए हैं। अब किस मुंह से भाजपा को हराने की बात कह रहे हैं यह हास्यास्पद है। छत्तीसगढ़ के प्रभारी सचिन पायलट इन लोगों से सतर्क रहें वरना पुनिया और शैलजा जैसा हश्र करने में ये फूल छाप कांग्रेसी पीछे नहीं रहेंगे।
