प्रधानमंत्री मोदी ने जाना मनकुंवारी का मन, कैसे बदल गया जीवन महिला ने बताया
जशपुर। शहर से बहुत दूर घने जंगलों में रहकर कभी घासफूस के आशियानों में, कभी बारिश तो कभी तूफानों को सहने वाले, कभी अंधेरों में साँप बिच्छू के साये में दहशत से रात काटने वाले और कभी स्वच्छ पानी सहित बीमारियों में गरीबी की वजह से उपचार के लिए तरसने वाले और जंगली जानवरों के …
जशपुर। शहर से बहुत दूर घने जंगलों में रहकर कभी घासफूस के आशियानों में, कभी बारिश तो कभी तूफानों को सहने वाले, कभी अंधेरों में साँप बिच्छू के साये में दहशत से रात काटने वाले और कभी स्वच्छ पानी सहित बीमारियों में गरीबी की वजह से उपचार के लिए तरसने वाले और जंगली जानवरों के बीच संघर्ष करने वाले पहाड़ी कोरवाओं का जीवन सदैव विषम परिस्थितियों के बीच गुजरा है। ऐसी ही संघर्ष और चुनौतियों के साथ जीवनयापन करती आई पहाड़ी कोरवा महिला मनकुंवारी बाई ने कभी सोचा भी नहीं था कि एक दिन रस्सी खींचने, अनगिनत बोझ उठाने वाले उनके परिश्रमी हाथों-सिर पर वह माइक- माइक्रोफोन भी आएगी जिससे वह देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से संवाद स्थापित कर अपनी जिंदगी के कठिन सफर को सरल बनने और जीवनशैली में आएं बदलाव को बयां कर पाएगी…।
जशपुर जिले के बगीचा तहसील अंतर्गत ग्राम सलखाडाण्ड(कुटमा ग्राम पंचायत) की रहने वाली विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा मनकुंवारी बाई को जब प्रधानमंत्री जी से बात करने का मौका मिला तो उन्होंने बेझिझक अपनी बातें रखी। प्रधानमंत्री जनमन योजना से मिले लाभ को बताने के साथ ही उन्होंने अपने हाव भाव से उस दर्द को भी अहसास करवाया जो कभी उनकी असलियत थी। इससे पहले मनकुँवारी का नाम पीएम से संवाद के लिए आते ही सबके चेहरे में मुस्कान के साथ तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी। मनकुंवारी के "जय जोहार" करते ही यह मुस्कान और तालियों की गूँज और भी बढ़ गई।
प्रधानमंत्री जनमन योजना से लाभान्वित विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों के लिए आज का दिन बहुत खास था। जशपुर जिले के बगीचा तहसील मुख्यालय में पीएम जनमन योजना के कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने वाली श्रीमती मनकुंवारी बाई से देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद स्थापित किया। उन्होंने पहाड़ी कोरवा मनकुंवारी बाई से जब पूछा कि अपने बारे में बताइए तो उन्होंने खुद को एक जनमन संगी बताते हुए प्रधानमंत्री जनमन योजनाओं से मिले लाभ और पहले तथा अब के हालातों में हुए परिवर्तन को बखूबी बताया। मनकुंवारी ने बताया कि पीएम आवास के रूप में पक्का मकान मिलने के पश्चात बिजली,पानी जैसी सुविधाएं मुहैया हुई है।
प्रधानमंत्री ने जब पहाड़ी कोरवा मनकुंवारी बाई से पूछा कि गैस और पानी कनेक्शन से जीवन में कैसे बदलाव आया है तो उन्होंने बताया कि घर का चूल्हा जलाने के लिए पहले हमेशा जंगल जाना पड़ता था। लकड़िया लाकर खाना बनाना पड़ता था। अब गैस का कनेक्शन मिलने से जंगल जाने की चुनौतियाँ दूर हो गई है। बच्चों को समय पर खाना मिल जाता है। पहले पानी के लिए ढोढ़ी और कुँआ पर निर्भर रहना पड़ता था। एक से दो किलोमीटर दूर तक पानी लाना पड़ता था। गंदे पानी पीने से बीमारी भी हो जाती थी,अब नल लगने से साफ पानी मिलता है। पानी और गैस कनेक्शन की उपलब्धता से समय की बचत हो रही है।
उन्होंने अपनी महिला स्व-सहायता समूह के विषय में बताया कि उनके समूह में कुल 12 महिला सदस्य है और दोना पत्तल बनाने का काम करती है। मनकुंवारी बाई ने प्रधानमंत्री श्री मोदी को बताया कि जनमन संगी के रूप में वह अपने जनजाति समाज के सदस्यों को सरकार की योजनाओं की जानकारी देती है और आयुष्मान कार्ड,राशनकार्ड, जॉब कार्ड,आधार बनाने के लिए प्रेरित करती है। उन्होंने जनमन योजना के लिए पीएम को धन्यवाद देते हुए यह भी बताया कि हम सभी पहाड़ी कोरवा और पिछड़ी जनजातियों को बहुत समस्याओं से जूझना पड़ता था। 75 साल से हमारा समाज विकास से जैसे दूर रहा, लेकिन कुछ दिनों के भीतर अनेक योजनाओं का लाभ मिला, यह हमारे लिए सौभाग्य भी है। प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में शामिल युवतियों को बेटियां कहकर संबोधित करते हुए कहा कि पढ़ाई के साथ खेलकूद से नाता जरूर जोड़कर रखे और शानदार प्रदर्शन करें।
प्रधानमंत्री मोदी ने जनमन योजना के उदघाट्न कार्यक्रम में पहाड़ी कोरवा मनकुंवारी बाई से हुए संवाद और उनसे मिली जानकारी के पश्चात कहा कि मुझे खुशी हुई कि आपको योजनाओं का लाभ मिला और खुद लाभ उठाते हुए दूसरे को भी योजनाओं की जानकारी दे रहे हैं। इससे आप लोगों की जिंदगी आसान हुई,यह जानकर बहुत अच्छा लगा। देश के प्रधानमंत्री से संवाद के पश्चात मनकुंवारी बाई ने बताया कि पीएम से बात करके उनका आत्मविश्वास बढ़ा है और खुशी महसूस होने के साथ समाज को और आगे बढ़ाने के लिए प्रेरणा भी मिली। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय, विधायक श्रीमती रायमुनी भगत और श्रीमती गोमती साय भी उपस्थित थी।