रायपुर। यह तस्वीर भाजपा के वरिष्ठ नेता छगनलाल मूंदड़ा के परिवार की है. 1989 में विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित शिला पुजन कार्यक्रम में अपने वार्ड अरविंद नगर में अपने पुरे परिवार के साथ शोभायात्रा निकालकर शिला पुजन की. आज 34 वर्ष बाद मनोकामना को पुर्ण होते देख पुरा परिवार आनंदीत है. अयोध्या में राम …
रायपुर। यह तस्वीर भाजपा के वरिष्ठ नेता छगनलाल मूंदड़ा के परिवार की है. 1989 में विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित शिला पुजन कार्यक्रम में अपने वार्ड अरविंद नगर में अपने पुरे परिवार के साथ शोभायात्रा निकालकर शिला पुजन की. आज 34 वर्ष बाद मनोकामना को पुर्ण होते देख पुरा परिवार आनंदीत है. अयोध्या में राम मंदिर बनने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद एवं बधाई दी. और जनता से रिश्ता से बातचीत में कहा, करोड़ों भारतवासियों का सपना पुरा हुआ.
1989 की पटकथा
ऐसा नहीं है 1989 नवंबर की 9 तारीख अचानक से ही आ गई थी। 1983 में विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने हिंदुओं को एकजुट करने के उद्देश्य से ‘एकात्म यात्रा’ निकाली। 1984 में धर्म संसद बैठी। लेकिन इंदिरा गाँधी की हत्या से उपजी सहानुभूति ने इस देश पर वंशवाद के एक चिराग को थोप दिया। ‘मिस्टर क्लीन’ की छवि लेकर आए राजीव गाँधी के इस दौर में देश ने मुस्लिम तुष्टिकरण का चरमोत्कर्ष शाहबानो प्रकरण में देखा। बोफोर्स के भ्रष्टाचार ने मिस्टर क्लीन के शासन का नकाब उतार दिया। फिर 1988 आया। जून 1988 में इलाहाबाद उपचुनाव में कॉन्ग्रेस को करारी शिकस्त मिली। फरवरी 1989 में इलाहाबाद में धर्म संसद हुई। उसी साल 9 नवंबर को अयोध्या में भूमि पूजन निश्चित किया गया।
9 नवंबर 1989 को 9 बजकर 33 मिनट पर भूमि पूजन और नींव की खुदाई शुरू हुई। मंत्रोच्चार के बीच स्वामी वामदेव ने भूमि पूजन किया। पहला फावड़ा महंत अवैद्यनाथ ने चलाया। दोपहर के एक बजकर 34 मिनट पर शंखनाद और मुख्य ज्योति के बीच बिहार के दलित कामेश्वर चौपाल था के हाथों नींव की पहली शिला रखी गई।