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जोबी महाविद्यालय में लगी पालकों की पाठशाला

Nilmani Pal
11 Dec 2023 10:06 AM GMT
जोबी महाविद्यालय में लगी पालकों की पाठशाला
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रायगढ़। शहीद वीर नारायण सिंह शासकीय महाविद्यालय जोबी–बर्रा में पेरेंट्स मीटिंग सह विद्यार्थी–शिक्षक सम्मेलन का आयोजन किया गया। परंपरा अनुसार इस कार्यक्रम में पालकों ने भी अपने बच्चों की स्थति से रू–ब–रू होने के लिए रूचिपूर्ण चहल कदमी की। इस दौरान प्राचार्य रवीन्द्र कुमार थवाईत ने सर्वप्रथम पालकों का सम्मान कर आगमन के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। उनकी अध्यक्षता में विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए गंभीरता से चर्चा हुई। थवाईत ने कहा कि इस दिशा में महाविद्यालयीन स्टाफ उच्च शिक्षा विभाग के मानदंड अनुरूप प्रयत्नशील है। किंतु, आज के प्रतियोगी माहौल में बच्चों का भविष्य निखारने के लिए पालकों की भी अहम जिम्मेदारी बनती है कि वे विद्यार्थियों के महाविद्यालय के आने के पहले और जाने के बाद भी उनके उज्जवल भविष्य के लिए मातृत्त्व एवम पितृत्व अभ्यास करते रहें। सफलता के शिखर तक जाने के लिए महाविद्यालय के साथ–साथ पालकों की भी बराबर भूमिका है।

गहराई से हुई चर्चा के दौरान वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक वासुदेव प्रसाद पटेल ने विषय एवम कक्षा वार पालकों और विद्यार्थियों से विचार विमर्श किया। हरेक विद्यार्थी के आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर कुछ को कमजोरियां दूर करने के समझाईश देते हुए अधिकांश को शाबाशी ही मिली। इधर, महाविद्यालय में गुणवत्ता बढ़ाने के उपाय पूछे जाने पर पालक देवचरण सिंह राठिया से पीने के पानी और गुलाब सिंह राठिया एवम् रोहित कुमार निषाद से प्रांगण में साफ–सफाई का स्तर और बेहतर करने के सुझाव मिले। जिसके लिए सहायक प्राध्यापक डॉ. ज्ञानमणी एक्का और सहायक प्राध्यापक योगेन्द्र कुमार राठिया ने सहयोगी कर्मचारियों के साथ समूचे महाविद्यालय का निरीक्षण कर तत्काल प्रभाव से एक्शन लेने की बात कही। वहीं, सम्मेलन में शेष बिंदुओं को लेकर विशेष रूप से मुख्य लिपिक श्री पी.एल. अनंत और प्रयोगशाला तकनीशियन एल.आर. लास्कर ने महाविद्यालय में अद्यतन सेवा विस्तार के लिए प्रयोगशाला और पुस्तकालय व्यवस्था के संदर्भ में आवश्यक कार्यवाही की। अंतिम चरण में सहायक प्राध्यापक डॉ. श्वेता कुम्भज ने अभिभावकों का आभार व्यक्त करते हुए आयोजन निष्कर्ष प्रस्तुति के दौरान कहा कि सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य छात्रहित को ध्यान में रखते हुए समस्याओं का त्वरित निराकरण करना था। जिसमें नवीन उपायों की तलाश की गई। उल्लेखनीय है कि इस दौरान पालकगणों में विद्दमान ओमकेश्वर सिंह राठिया, शिवनाथ राठिया और मेघ सिंह राठिया सहित अन्य ने महाविद्यालय की शैक्षिक और भ्रमण गतिविधियों को ले कर हर्ष जताया।

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