प्रदेश को तंबाकू मुक्त बनाने का लक्ष्य पर अधिकारी लगा रहे पलीता
स्कूल-कालेज के सामने पान दुकानें और होटल शैक्षणिक संस्थानों के सामने लगे पान-गुटखा ठेलों पर अधिकारी मेहरबान स्कूल-कॉलेज के पास पान-गुटखा बेचनेे वालों की खैर नहीं,जुमला बन गया होली क्रॉस स्कूल बैरन बॉजार के आस-पास ऐसी दुकाने बहुतायत में हैं जहां मनचलों की जमघट लगी रहती है. रायपुर। खासकर शहर के स्कूल-कालेजों के आसपास और …
स्कूल-कालेज के सामने पान दुकानें और होटल
शैक्षणिक संस्थानों के सामने लगे पान-गुटखा ठेलों पर अधिकारी मेहरबान
स्कूल-कॉलेज के पास पान-गुटखा बेचनेे वालों की खैर नहीं,जुमला बन गया
होली क्रॉस स्कूल बैरन बॉजार के आस-पास ऐसी दुकाने बहुतायत में हैं जहां मनचलों की जमघट लगी रहती है.
रायपुर। खासकर शहर के स्कूल-कालेजों के आसपास और सामने में लगे अवैध चाय ठेला और पान ठेला असामाजिक तत्वों का अघोषित ठिकाना बन गया है। शहर के सारे उठाईगिर यहीं धुआं उड़ाते नजर आ जाते है।जिसका सीधा प्रभाव स्कूल आने वालों बच्चों पर पड़ता है। वो भी देखादेखी के चलते जेब खर्च को धुआं में उड़ाकर फ्रेंडों के साथ इंजाय करते हैं और जब लत लग जाती है तो घर में चोरी करते और पढ़ाई से दूर होते चले जाते हंै। पढ़ाई छूटते ही चोरी, उठाई गिरी में जुड़कर शौक पूरा करने लगते हंै। इसलिए नगर सरकार और प्रशासन को कोटपा एक्ट का गंभीरता से पालन करते हुए कार्रवाई करना चाहिए, ताकि भावी पीढ़ी को सपने में भी पान ठेला दिखाई नहीं दे। नगरीय प्रशासन को सख्त निर्णय लेकर स्कूलों के सामने लगे अवैध पान-गुटखा के ठेलों तत्काल अभियान चलाकर हटाना चाहिए। लेकिन राजनीति और नेता मंत्री के समर्थक होने की वजह से बच निकलते हंै और निगम का अभियान फेल हो जाता है? जिसके कारण कहीं भी कुकुरमुत्त्ते की तरह पान-चाय ठेला उग जाते हैं।
राजधानी के गली मोहल्ले तक से पान ठेलों को हटाया जा रहा है, लेकिन स्कूलों के सामने से ठेला हटाने की बारी आती है तो अधिकारियों को नजर नहीं आता या किसी दबाव में रहते हैं समझ नहीं आ रहा ? राजधानी में चौक चौराहों से अवैध ठेला-गुमटी हटाने की कार्रवाई जोरों से चल रही है। सड़कें अब चौड़ी नजर आ रही है। आये दिन ट्रेफिक की समस्या से जूझ रहे शहर वासियों को अब इस समस्या से निजात मिलते नजर आ रही है। ट्रैफिक के वजह से कभी कभी कार्यालय और स्कूल देर से पहुंचने के वजह से कर्मचारियों को उच्च अधिकारियों और छात्रों को प्रिंसिपल से बात सुननी नहीं पड़ रही है। लेकिन अभी भी स्कूल और कालेजों के सामने अवैध पान ठेला और होटलों को हटाया नहीं जा सका है। गौरतलब है कि शासन द्वारा राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत अब स्कूल-कॉलेज के 200 मीटर के दायरे में पान-गुटखा और सिगरेट बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का स्पष्ट आदेश है उसके बावजूद शिक्षा के मंदिर के सामने नौनिहालों को नशा परोसते है, इन ठेलों को नहीं हटाने के पीछे अधिकारियों की क्या मंशा है, वे ही जाने लेकिन पालकों की मांग पर और ननिहालों के भविष्य को देखते हुए इसे हटाया जाना चाहिए।
नहीं हटाने पर कोटपा एक्ट के तहत चालानी कार्रवाई के साथ ठेला आदि को जब्त भी किया जाएगा ऐसा अधिकारियों का कहना है। ज्ञातव्य है कि वर्ष 2025 तक प्रदेश को तंबाकू मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसी के तहत तंबाकू और सिगरेट बेचने वालों पर फिर से कार्रवाई की जाएगी। शासन स्तर पर इसकी जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग और पुलिस विभाग को सौंपी गई है। उन्हें संयुक्त टीम बनाकर कार्रवाई करने के निर्देश मिले हैं। इसकी पहली कड़ी में स्कूल व कॉलेज के आसपास संचालित होने वाले पान ठेले आदि को बंद कराने के आदेश शासन से मिला है। कोटपा एक्ट के तहत स्कूल व कॉलेज के 200 मीटर के दायरे में पान, सिगरेट की बिक्री प्रतिबंधित है। लेकिन प्रतिबंध के बाद भी खुले तौर पर नशे का सामान शिक्षा संस्थानों के सामने बेचा जा रहा है। इसकी वजह से छात्र नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं। इसके लिए टीम तैयार की जा रही है। आने वाले कुछ दिनों के भीतर ही कार्रवाई के लिए टीम निकलने की जानकारी है।