शीघ्र ही लोगों को मिलेगी जाम से निजात
रायपुर। भाजपा की नई सरकार बनते ही मोदी की गारंटी की तरह तात्यापारा सड़क चौड़ीकरण की गारंटी बढ़ गई है। लोगों का मानना है कि जो काम भाजपा ने शुरूआत की थी उसे वो ही अंजाम तक पहुंचाएंगे। राजधानी के तेज तर्रार नेता बृजमोहन अग्रवाल ने चुनाव से पहले कहा था कि कांग्रेस सरकार तात्यापारा चौड़ीकरण के नाम पर राजनीति कर रही है। उसकी मंशा किसी भी तरह जनता को राहत देने की नहीं है।
जिस तात्यापारा-शारदा चौक के बीच 2008 के बाद से सड़क चौड़ीकरण रुका हुआ था, उसे लेकर नई सरकार से उम्मीद फिर हिलोरे लेने लगी है। चौड़ीकरण की हलचल एक बार फिर तेज हुई है। इससे पहले दो बार सर्वे, नाप-जोख कर निगम के अधिकारी ब्योरा तैयार किए थे। परंतु अभी हाल ही में मुख्यमंत्री के आदेश पर वित्त विभाग से स्वीकृति मिलने के बाद फिर से हिसाब-किताब लगाने में निगम के इंजीनियर लग गए हैं। बताया जाता है कि 4 अक्टूबर से कभी भी विधानसभा चुनाव की आचार संहिता का ऐलान हो जाएगा। जबकि चौड़ीकरण के टेंडर प्रक्रिया में ही दो महीने का समय लगेगा। इसलिए दिवाली के समय तोडफ़ोड़ की संभावना कम है। इससे पहले दो बार के नाप-जोख में 15-15 फीट सड़क के दोनों तरफ की करीब 35 से 40 दुकानें टूटने की सूची निगम के फाइलों में है। तात्यापारा चौक से फूलचौक तरफ जहां तक सड़क चौड़ी है, वहां तोडफ़ोड़ की जरूरत नहीं पड़ेगी। प्रभावितों की मांग मुआवजे की है। इसी संबंध में पिछले महीने महापौर से मुलाकात कर चौड़ीकरण के लिए सहमति दिया था। इसलिए निर्माण शुरू होने से पहले इस दायरे में दुकानों के सामान सड़क तक फैलाने पर निगम सख्ती बरतेगा। बता दें कि इस रोड के चौड़ीकरण में सबसे बड़ी बाधा मुआवजा को लेकर है। राज्य बजट में 10 करोड़ की स्वीकृति मिली है और निगम 20 करोड़ का प्रावधान किया है। खर्चा करीब 54 करोड़ के करीब होने का अनुमान है। वर्तमान में तात्यापारा के 300 मीटर बाद सड़क संकरी होने की वजह से यहां बाटल नेक बन जाता है, जिसके कारण दिन भर हजारों लोगों को रोज जाम में फंसना पड़ता है। सड़क चौड़ी करने के लिए 30 करोड़ का मुआवजा चार साल पहले रखा गया था। अभी इस बजट में यह संभव नहीं है। दरअसल व्यापारी भूमि अधिग्रहण कानून के मुताबिक ही मुआवजा देने की मांग कर रहे है।
ऐसे में बजट से कहीं ज्यादा मुआवजा देना पड़ सकता है। वहीं निगम के अधिकारियों का कहना है कि पुराने सर्वे के अनुसार सड़क चौड़ीकरण के दायरे में आने वाले करीब 20 व्यापारियों, मकान मालिकों को दस करोड़ रुपये मुआवजा देना है। सर्वे का अवलोकन कर मुआवजा देने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।
प्रदेश सरकार और शहर सरकार कांग्रेसी होने के बावजूद इच्छा शक्ति की कमी ने लटकाया शारदा चौक-तात्यापारा सड़क चौड़ीकरण सड़क चौड़ीकरण का सर्वे 2006-07 में हुआ था सर्वे, तात्यापारा से फूल चौक तक लंबाई 600 मीटर योजना में सड़क की संभावित चौड़ाई 80 मीटर। अब भाजपा सरकार चौड़ीकरण के काम को पूरा करेगी। शारदा चौक-तात्यापारा रोड के चौड़ीकरण राजधानी के व्यस्ततम स्थल जयस्तंभ से जुड़ी हुई है। कांग्रेस सरकार से नगर निगम को 30 करोड़ रुपये का बजट मिलते ही चौड़ीकरण का काम शुरू होता उससे पहले आचार संहिता लगने से काम ठप हो गया। पिछले 15 साल से इस रोड के चौड़ीकरण का काम अटका हुआ है। इसे लेकर पिछली भाजपा सरकार में करीब आधा दर्जन बार प्रस्ताव भेजा गया था। निगम स्तर पर भी सड़क चौड़ीकरण के लिए शासन से पैसे की मांग की गई थी पर न पैसा मिला और न ही योजना एक कदम भी आगे बढ़ सकी, लेकिन पिछले महीने नगर निगम के बजट में इसे शामिल कर 30 करोड़ का प्रविधान करने के बाद शहरवासियों को उम्मीद है कि एक-दो महीने के भीतर सड़क चौड़ीकरण का काम शुरू हो जाएगा