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अंबिकापुर। जिले में शांतिपूर्ण और सुगम निर्वाचन संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन मुस्तैद है। इसी कड़ी में गुरुवार को विधानसभा क्षेत्र अम्बिकापुर के प्रेक्षक आईएएस रूपवंत सिंह के साथ कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी कुन्दन कुमार जिले में उदयपुर विकासखंड के हाथी प्रभावित क्षेत्र के गांवों में पहुंचे। जिले में मतदाताओं की सुविधा के लिए मतदान केंद्रों में आवश्यक मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित की जा रही हैं। इसके साथ ही निर्वाचन के मद्देनजर जिले के हाथी प्रभावित क्षेत्र में ग्रामीणों को किसी तरह की समय ना हो, यहां वन विभाग के समन्वय से जरूरी प्रयास किए जा रहे हैं।
बिलासपुर हाईवे से केदमा मार्ग पर प्रेक्षक सिंह एवं कलेक्टर कुन्दन ने प्रशासनिक अमले के साथ स्वयं पहुंचकर हाथियों के समूह के आवागमन का जायजा लिया। उन्होंने हाथियों के मूवमेंट और विपरीत परिस्थितियों में सुरक्षा उपायों की जानकारी ली। इन क्षेत्रों में शांतिपूर्ण तरीके से मतदान के लिए प्रशासन एवं वन विभाग द्वारा लगातार प्रयास जारी है। वर्तमान में हाथियों का दल इस क्षेत्र में मौजूद नहीं है। उदयपुर के मानपुर गांव में दौरे पर कलेक्टर ने ग्रामीणों से चर्चा की। ग्रामीण महिला चमेली पैंकरा ने बताया कि हाथी के दल ने उनके घर की क्षति की थी जिस पर तुरंत कार्यवाही करते हुए वन विभाग द्वारा क्षतिपूर्ति राशि उनके खाते में भुगतान कर दी गई है।
कलेक्टर कुन्दन ने ग्रामीणों को सुरक्षा और बचाव के उपायों की जानकारी देते हुए गांव के लोगों को सहयोग करने जागरूक किया। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन उनके साथ है और किसी भी प्रकार से डरने की आवश्यकता नहीं है, शांतिपूर्ण परिवेश में अपने मताधिकार का उपयोग अवश्य करें। उन्होंने वन विभाग को निर्देशित किया कि ग्रामीणों को जनधन की हानि होने पर त्वरित कार्यवाही करते हुए उचित क्षतिपूर्ति का आंकलन कर संबंधित लोगों को समय पर प्राप्त हो जाए। इस दौरान लोगों को जो मानसिक क्षति होती है, उसकी भरपाई मुश्किल है, लेकिन मदद के स्वरूप में जो क्षतिपूर्ति दी जाती है, वह उचित आंकलन के साथ लोगों को निर्धारित समय सीमा में भुगतान कर दी जाए।
डीएफओ तेजस शेखर ने बताया कि स्थानीय प्रशासन के साथ वन विभाग की ओर से लोगों को हाथियों के आने पर पटाखे ना जलाने और समूह बनाकर हाथियों को ओर ना जाने की समझाइश दी जा रही है। इनसे हाथी आक्रोशित हो सकते हैं, इसलिए ऐसा ना करने के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि क्षतिपूर्ति के प्रकरणों के निराकरण में तेजी लाई गई है। 15 दिन में क्षतिपूर्ति के प्रकरणों का निराकरण कर संबंधित के खाते में दी जा रही है। इस दौरान आईएफएस (परिवीक्षा) अक्षय भोंसले भी उपस्थित रहे।