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कतरा न हो तो बहर न आए वजूद में, पानी की एक बूंद समुंदर से कम नहीं

5 Jan 2024 12:18 AM GMT
कतरा न हो तो बहर न आए वजूद में, पानी की एक बूंद समुंदर से कम नहीं
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ज़ाकिर घुरसेना/कैलाश यादव  मलाईदार पदों पर रहने की दौड़ शुरू सरकार बदलने के साथ मंत्रियों के विश्वसनीय बनकर मलाईदार पदों पर बैठने की दौड़ में कई अफसर शामिल हो गए हंै। दयानंद पर तो पहले ही मोदी सरकार की दया हो गई, अब चार अपर मुख्य सचिव पदोन्नत होने के बाद जो पद बच गए …

ज़ाकिर घुरसेना/कैलाश यादव

मलाईदार पदों पर रहने की दौड़ शुरू

सरकार बदलने के साथ मंत्रियों के विश्वसनीय बनकर मलाईदार पदों पर बैठने की दौड़ में कई अफसर शामिल हो गए हंै। दयानंद पर तो पहले ही मोदी सरकार की दया हो गई, अब चार अपर मुख्य सचिव पदोन्नत होने के बाद जो पद बच गए उसके लिए होड़ शुरू हो गई है। लोगों का कहना हौ कि कुछ से मलाीदार पद छिन गया तो कुछ को मिल गया। जनता में खुसुर-फुसुर है कि विभाग कोई भी मलाईदार और बिना मलाईदार नहीं होता, वो अधिकारी पर निर्भर होता है मलाई खाए और छाछ पिएं। इसी बात कर किसी शायर ने ठीक ही कहा है कि कतरा न हो तो बहर न आए वजूद में, पानी की एक बूंद समुंदर से कम नहीं ।

कब फिरेंगे शारदा चौक के दिन शारदा चौक चौड़ीकरण सरकार -सरकार के खेल में 16 साल में इतना सकरा हो गया है कि वहां पैदल चलना मुश्किल हो गया है। भूपेश सरकार ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के बाद चौड़ीकरण मद के लिए राशि मंजूर कर दिया था, अब सरकार बदलने के बाद जनता फिर आस लगाए बैठी है कि कभी न कभी वहां के रहवासियों के भाग्य का छीका टूटेगा? जनता में खुसुर-फुसुर है कि शारदा चौक के दिन कब फिरेंगे? पहले भी राजनीति की शिकार हुई है कही इस बार भी भूपेश सरकार के फंड जुगाडऩे का खामियाजा जनता को तो नहीं भुगतना पड़ेगा। 2017 में जब भाजपा सरकार में तो आमापारा से तात्यापारा तक ही चौड़ीकरण हुए उसके बाद से आगे की कार्रवाई राजनीति की भेंट चढ़ चुकी है। जनता को उम्मीद है कि भाजपा के स्लोगन हमने बनाया हम ही संवारेगे, मोदी की गारंटी यानी वादा पूरा होने की गारंटी है। सरकारी संपत्ति आपकी अपनी संपत्ति निवृत्तमान सरकार के मंत्री शिव डहरिया ने अपने बंगले में लगे तमाम लग्जरी सामान निकाल कर ले गए ऐसा बाजपा नेताओं का कहना है। भाजपा सरकार के मंत्री लखनलाल देवांगन ने आरोप लगाया है कि मुझे जो बंगला आवंटित किया है वहां एसी, टीवी, फ्रीजर, सोफा, नल, पाइप, अतिथि कक्ष लगे टीवी, फ्रीज, गिजर निकाल लिया गया है। जनता में ुखुसुर फुसुर है कि डहरिया ने सरकारी संपत्ति को भारत सरकार के स्लोगन के हिसाब से ध्यान लगा कर पढ़ा है कि सरकारी संपत्ति आपकी संपत्ति है।

इसलिए पूरा समेट कर निकल लिए है। नई सरकार बनते ही सुआ नाच शुुरू जो पत्रकार 17-18 में भाजपा सरकार के दौर में सुआ नाचा करते थे, वो फिर से फ्रंट लाइन में आ गए है। भले ही किसी मीडिया हाऊस में काम नहीं करते हो लेकिन अब वो पोर्टल मालिक बनकर दर्जनों पत्रकार संगठन बनाकर सुआ नाच शुरू कर दिए हैं। पिछले एक महीने से सरकार बदलने से लेकर शपथ समारोह और विभागों के आवंटन के बाद मंत्रियों के बंगले और मंत्रालयों में सुआ नाच शुरू कर दिए हैं। वही पत्रकारों के एक खास संगठन के पदाधिकारियों के फोटो जर्नलिस्टों ने सारे सुआ नाचने वालों को पछाड़ते हुए फोटो न्यूज और आईडी लेकर सबसे पहले पहुंच कर बाकी संगठनों के हितों को ठोकर मार रहे हैं। जनता में खुसुर -फुसुर है कि राजधानी में जितने पत्रकार नहीं, उससे डबल पोर्टल वाले हो गए हैं। 900 की सदस्यों वाले प्रेस क्लब में 5 सौ ऐसे पत्रकार है जो किसी मीडिया हाऊस में काम ही नहीं करते है। उनका अपना खुद का पोर्टल चलता है। पहले कांग्रेसी पोर्टल चला रहे थे, अब भाजपाई पोर्टल चला रहे हैं। विजय के फरमान से सटोरिए दुबके गृहमंत्री विजय शर्मा लगातार पुलिस महकमें की बैठक लेकर कानून व्यवस्था बनाए रखने और हर नागरिक को त्वरित न्याय का फरमान दे चुके है। सट्टा-जुआ-शराब और गांजा तस्करों को हर गली मोहल्ले से ढूंढ निकालने के आदेश के बाद सारे अपराधी दुबक गए हैं। पुराने मुंहलगे अफसरों से सेटिंग की बात कर रहे हैं ताकि उनका धंधा चल सके और रोजगार चलता रहे। जनता में खुसुर-फुसुर है कि सरकार-सरकार होती है जो जनता के साथ त्वरित न्याय करती है। किसी का अहित न हो इस बात का ध्यान सरकार ही रखती है। कुछ दिन इंतजार करो ये सरकार क्या करती है।

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