पूर्व मंत्री अकबर के भाई को मिले 200 करोड़ के ठेके, जांच करेंगे : ओपी चौधरी
आवास एवं पर्यावरण मंत्री ने टेंडर निरस्त करने को लेकर किया खुलासा स्मार्ट सिटी में 9 काम कर रही थी रायपुर कंस्ट्रक्शन कंपनी क्लब हाउस साइकिल ट्रैक सड़क निर्माण सेंध लेक का सौंदर्यीकरण 3 तालाबों का सौंदर्यीकरण सेक्टर 29 और 27 में पार्क बनाना एसटीपी पाइप लाइन को जोडऩे का काम मंत्रालय के चारों तरफ …
- आवास एवं पर्यावरण मंत्री ने टेंडर निरस्त करने को लेकर किया खुलासा
- स्मार्ट सिटी में 9 काम कर रही थी रायपुर कंस्ट्रक्शन कंपनी
- क्लब हाउस
- साइकिल ट्रैक
- सड़क निर्माण
- सेंध लेक का सौंदर्यीकरण
- 3 तालाबों का सौंदर्यीकरण
- सेक्टर 29 और 27 में पार्क बनाना
- एसटीपी पाइप लाइन को जोडऩे का काम
- मंत्रालय के चारों तरफ फेंसिंग और प्लांटेशन
- कब्रिस्तान और श्मशान घाट का निर्माण
रायपुर (जसेरि)। आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी के निर्देश पर नवा रायपुर में 218 करोड़ रुपए के 10 काम छीन लिए गए हैं। इसमें से करीब 200 करोड़ रुपए के 9 काम रायपुर कंस्ट्रक्शन कंपनी कर रही थी बाकी एक काम कल्याण टोल नाम की कंपनी के पास है। रायपुर कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रोपाइटर मोहम्मद असगर हैं। इस मामले की मंत्री ओपी के पास दस्तावेज के साथ शिकायत की गई है। ओपी ने कहा कि यह कंपनी पूर्व मंत्री मो. अकबर के परिवार से जुड़ी हुई है। इसकी जांच की जाएगी। जून में सभी काम पूरे हो जाने थे, उसके बावजूद कंपनी को हर तीन महीने में एक्सटेंशन दे दिया जा रहा था। पड़ताल करने पर यह भी सामने आया कि स्मार्ट सिटी के काम में 50 फीसदी केंद्र और 50 फीसदी शेयर राज्य का होता है। जून में स्मार्ट सिटी का काम बंद हो जाएगा। ऐसे में पूरा खर्च राज्य को ही करना पड़ेगा। इसे देखते हुए ओपी ने काम को तेजी से करने कहा है। असगर को 100 करोड़ का भुगतान भी हो चुका है एनआरडीए के अधिकारियों ने बताया कि 14 काम रायपुर कंस्ट्रक्शन कंपनी के पास है। इसमें से 6 काम कंपनी लगभग पूरा कर चुकी है। बाकी 9 काम की गति बहुत ही धीमी थी।
कंपनी को अब तक करीब 100 करोड़ रुपए का भुगतान भी किया जा चुका है। सख्त कार्रवाई के निर्देश बैठक में आवास एवं पर्यावरण मंत्री ने कहा कि गुणवत्ताहीन कार्य करने वाले ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई व अनुबंध समाप्त किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी परियोजनाएं समय-सीमा में पूरी हो, इसका विशेष रूप से ध्यान रखा जाए। अधिकारियों ने की शिकायत बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया कि बार-बार नोटिस देने के बाद भी कई ठेकेदारों की स्थिति नहीं सुधरी। वहीं, स्मार्ट सिटी के ज्यादातर काम गिने-चुने ठेकेदार ही कर रहे हैं। गुणवत्ता प्रभावित होने के साथ-साथ कार्यों में गति भी नहीं आ रही थी। इसलिए लिया गया निर्णय आला अधिकारियों ने बताया कि स्मार्ट सिटी की समय-सीमा जून 2024 को खत्म हो रही है। ऐसे में प्रोजेक्ट को समय पूरा करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। स्कूल, आंगनबाड़ी, बस स्टाफ, गार्डन, पार्किंग आदि को समय-सीमा पर पूरा करने का दबाव है। स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा अब नए ठेकेदारों से तीव्र गति से काम कराया जाएगा। पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर के भाई को मिला था सारा काम हैरतअंगेज करने वाली बात यह है कि जिन 10 कामों के टेंडर को पर्यावरण एवं आवास मंत्री ओपी चौधरी निरस्त किए हैं। यह सभी 10 कार्य रायपुर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड कंपनी को मिला था। जिसके संचालक मोहम्मद असगर पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर के भाई हैं।
गौरतलब है कि इसके पहले मोहम्मद अकबर के पास ही पर्यावरण विकास मंत्रालय का दायित्व था। बताते हैं कि मोहम्मद असगर को काम भी नियमों को अनदेखी करके दिए गए थे, जिसकी जांच पड़ताल की जा रही है। एक साथ सभी करोड़ों के काम मिलने के कारण काम में धीमी गति होने से जनता भी परेशान थी और जनता को सुविधा समय पर नहीं मिल पा रही थी। ऐसे समझें पूरा विवाद नवा रायपुर विकास प्राधिकरण के अफसरों ने स्मार्ट सिटी में धीमा काम कर रही एजेंसियों से 218 करोड़ रुपए के 10 काम वापस ले लिए। ये एजेंसी मनमाने तरीके से काम कर रही थी। नवा रायपुर स्मार्ट सिटी ने ठेका एजेंसी को आधा दर्जन से अधिक बार नोटिस जारी किया था। नोटिस के बाद भी काम नहीं सुधरा। स्मार्ट सिटी लिमिटेड अब इन कामों के लिए दोबारा टेंडर जारी करेगा।