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कांग्रेसी कुषासन के पांच वर्ष का सरगुजा संभाग में हुआ अंत
कोरिया। मिली जानकारी अनुसार कांग्रेसी कुशासन के पांच वर्ष का अंत प्रदेश भर में हो गया, इससे अविभाजित कोरिया भी अछूता नही रहा, यहां की तीनों सीटों पर घटती घटना के पूर्वानुमान के मुताबिक भाजपा ने परचम लहराया, बड़ी हार के पीछे तीनो विधायक भी स्वयं जिम्मेदार थे जो कि अपने समर्थको के साथ क्षेत्र में खुला लूट मचाकर रखे हुए थे, जनता इनके कारनामो से त्रस्त थी और मौके की तलाष में थी। सत्ता का ऐसा नषा चढा था जैसे सत्ता इनकी स्थायी हो, और आजीवन यही विधायक बने रहेंगे। लेकिन जनता ने इन्हे नकार ही दिया, समर्थक जो कि लोगो को परेशान करने का काम किया करते थे वे भी अब भूमिगत हो गए हैं।
अविभाजित कोरिया की तीनों सीटो पर कांग्रेसी विधायको का कार्यकाल सिर्फ इसीलिए याद रखा जाएगा क्योंकि इन्होनें सिर्फ और सिर्फ लोगो को परेषान करने का काम किया, अपने चहेतो को उपकृत किया और पूरे पांच वर्ष सत्ता के नशे में मस्त रहें। भरतपुर सोनहत विधायक तो इतने मस्त हो गए थे कि हर शासकीय आयोजन में भी सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए जबरन डांस करने लगते थे,इन दिनों सोषल मीडिया में भी उनका एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। बेसुर होकर वे सीएम प्रोग्राम में भी गायक बने हुए थे लेकिन जनता ने उनके सत्ता का नशा उतारकर जमीन पर ला ही दिया, इस क्षेत्र में लोगो में उत्साह का माहौल बना हुआ है।
अविभाजित कोरिया समेत संभाग में हुआ सूपड़ा साफ
प्रदेश भर में कांग्रेस की बुरी हार हुई सरगुजा संभाग जहां पर पूरे के पूरे कांग्रेसी विधायक थे उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव समेत सभी की हार हो गई। कोरिया में भी खुद को आजीवन विधायक समझ रहे गुलाब कमरो समेत अंबिका सिंहदेव की हार हुई। अविभाजित कोरिया में हलांकि मनेंद्रगढ से विनय जायसवाल का टिकट काट दिया गया था इसके बाद भी मनेंद्रगढ सीट पर कांग्रेस का प्रयोग काम नही आया। मनेन्द्रगढ़ को जिला बनाने का फायदा भी कांग्रेस को नही मिला और यहां से भाजपा लगभग ११ हजार मतो से विजयी हुई। भरतपुर सोनहत विधानसभा से भाजपा ने लगभग 4800 तो बैकुंठपुर विधानसभा से सर्वाधिक २५ हजार से भी अधिक मतों से भाजपा ने जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया है, हलांकि बैकुंठपुर विधानसभा में अंबिका सिंहदेव के विरोध के कारण भाजपा को अत्यधिक वोट मिला है।
कमरो समर्थकों ने मचाई थी लूट,देते थे स्थानांतरण की धमकी यदि बात प्रदेश की विधानसभा क्रमांक 1 भरतपुर सोनहत के बारे में की जाए तो पूरे पांच वर्ष देखने मे मिला कि यहां गुलाब कमरो समर्थको ने सत्ता का भरपूर फायदा उठाया। वनांचल भरतपुर से लेकर सोनहत एवं मनेंद्रगढ क्षेत्र में गुलाब कमरो से जुड़े कांग्रेसियों ने इस कदर लूट मचाई की पांच वर्ष में ही इनकी लूटिया डूब गई। हर कार्य में हस्तक्षेप,गुंडागर्दी सत्ता का नषा यहां के कांग्रेसियों से सर चढकर बोल रहा था। भरतपुर क्षेत्र में ब्लाक अध्यक्ष रविप्रताप सिंह एवं अंकुर सिंह जैसे समर्थक भी अति कर चुके थे,चुनाव के दौरान भी अंकुर सिंह की दादागिरी का वीडियो वायरल हुआ था,तो वहीं रविप्रताप सिंह खुद सचिव आत्महत्या कांड को आरोपी हैं। रविप्रताप सिंह का एक पुत्र भी हत्या के मामले का आरोपी है। ऐसे लोगो का गुलाब कमरो का खुला संरक्षण प्राप्त था,तो वहीं सोनहत क्षेत्र में भी सुरेष सिंह,राजन पांडेय,अविनाष पांडे आदि समर्थको ने अति मचा रखी थी,जिसका खामियाजा गुलाब कमरो को भुगतना पड़ा है। बतलाया जाता है कि गुलाब कमरो समर्थको ने इतना कर रखा था कि किसी भी शासकीय अधिकारी कर्मचारी पर दबाव डालकर अपना काम कराते थे और ना करने पर स्थानांतरण कराने की धमकी देते फिरते थे। गुलाब कमरो के द्वारा एमसीबी के साथ ही कोरिया जिले के प्रषासन में भी हस्तक्षेप किया जाता था। तो वहीं नए नए ठेकेदार भी उनके कार्यकाल में जन्म ले लिये थे। बैकुंठपुर के एक ठेकेदार जो कि हमेषा सत्ता के विधायको के साथ सट जाते हैं इस बार गुलाब कमरो के साथ सटे हुए थे और भरतपुर क्षेत्र में उन्होने निर्माण कार्यों को अपने कब्जे में ले रखा था। हलांकि कांग्रेस की सत्ता जाने के बाद उक्त ठेकेदार के सहारा भैयालाल राजवाड़े बनेंगे ऐसा ठेकेदार का ही कहना है। वहीं कई ऐसे समर्थक भी थे जो कि विभिन्न शासकीय कार्यालयों में जाकर दबाव बनाकर काम लेते थे। भरतपुर सोनहत से लेकर मनेंद्रगढ एवं बैकुंठपुर के कार्यालयों में इनका खुला हस्तक्षेप देखने को मिलता था। अब सत्ता जाने के बाद और रेणुका सिंह जैसे तेज तर्रार नेत्री के विधायक बन जाने से गुलाब कमरो के तमाम समर्थक अंडरग्राउंड होने की स्थिति में हैं।
रेवड़ी जैसे बांटा था विनय जायसवाल ने पद मनेन्द्रगढ से पिछली बार विधायक रहे विनय जायसवाल को इस बार पार्टी ने तात्कालिक उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव के विरोध के कारण टिकट नही दिया था,पार्टी ने अधिवक्ता रमेष सिंह के रूप में एक नया चेहरा यहां से उतारा था जिसे जनता ने नकार दिया। यहां से विधायक रहे विनय जायसवाल की कहानियां भी अजब गजब हैं पूरे कार्यकाल में उन्होने विभिन्न शासकीय कार्यालयों से लेकर अस्पताल एवं थाना आदि तक में अपना प्रतिनिधी बना नियुक्त कर रखा था,चिरमिरी क्षेत्र में उनके कई समर्थक खासकर षिवांस जैन जैसे प्रतिनिधियों ने तो आतंक का राज स्थापित कर रखा था। कोयले की दलाली से लेकर अनेक गोरखधंधे इस क्षेत्र में फल फूल रहे थे,षराब को लेकर विधानसभा में तक विनय जायसवाल और गुलाब कमरो ने प्रष्न खड़ा कर दिया था। हलांकि एमसीबी को जिला बनाकर भूपेष सरकार ने वर्षो पुरानी मांग को पूरी कर दिया फिर भी जनता कुषासन से मुक्ति चाहती थी,इस क्षेत्र में पूरे पांच वर्ष अस्थिरता का वातावरण बना रहा,जिसका लाभ इस चुनाव में भाजपा को मिला,और श्यामबिहारी एक बार फिर विधायक निर्वाचित हुए।
अंबिका सिंहदेव के निज सहायक ने लूटिया डूबोने में नही की कोई कमी
अब बात यदि बैकुंठपुर विधानसभा क्षेत्र के बारे में की जाए तो सर्वप्रथम यह देखने को मिलता था यहां से कांग्रेस के साथ साथ व्यक्तिगत रूप से अंबिका सिंहदेव की ही हार हुई है। अपने कार्यकाल में जिस प्रकार अषांति का वातावरण उन्होने पूरे विधानसभा क्षेत्र में निर्मित किया वह सदियों तक याद रखा जाएगा। एक विवादित पत्रकार रहे व्यक्ति को अपना निज सहायक बनाया तभी से उनकी हार की कहानी शुरू हो गई थी,पूरे कार्यकाल में निज सहायक ने अपने मित्र मंडली के साथ मिलकर विधायक एवं कांग्रेस संगठन को भी कमजोर करने मे मुख्य भूमिका अदा की। निज सहायक के बहकावे में अनेक कांग्रेसी अंबिका सिंहदेव से दूर होते चले गए,एक संगठित गिरोह के साथ निज सहायक ने हर क्षेत्र में हस्तक्षेप किया। संगठन में कई बार बदलाव किये गए वर्षो से पार्टी के लिए काम करने वाले कांग्रेसी भी हासिए पर रखे गए। विधायक के कार्यकाल में कोरिया जिले का अंसतुलित विभाजन कर दिया गया,कई दिनो के हड़ताल के बाद भी कोई निष्कर्ष नही निकला,चुनाव पूर्व जनता से काका कोरिया कुमार के सपनो को पूरा करने का भरोसा झूठा ही साबित हुआ। जिला विभाजन का मुद्वा इस चुनाव में सर चढकर बोल रहा था। शहर में चैड़ीकरण भी एक प्रमुख मुद्वा बना रहा तो वहीं विधायक की आम जनो से दूरी का खामियाजा भी भुगतना पड़ा। भाजपाई क्या कांग्रेसी भी उनके कार्यकाल में प्रताड़ित होते रहे। अंबिका सिंहदेव के कार्यकाल में कांग्रेस का एक और गुट तैयार हो गया जिसमें गिनती के ही कांग्रेसी बचे थे एक बहुत बड़ा वर्ग जो कि पिछले चुनाव में उनके साथ था वह भी उनसे दूर हो चुका था। यहां तक कि बैकुंठपुर एवं षिवपुर चरचा नगरीय निकायो में बनाये गए एल्डरमैनो को भी बदलवाकर अंबिका सिंहदेव ने इतिहास रच दिया था। संगठन में भी आए दिन बदलाव देखने को मिलता था।चंद ऐसे लोगो से वे घिरे रह गईं जो कि दीदी-दीदी,बुआ-बुआ बोलकर उन्हे दिग्भ्रमित कर रहे थे। विधायक समर्थको का जिला चिकित्सालय में भी भयंकर हस्तक्षेप देखने को मिला,कैंटीन हो या पार्किंग उसे भी गलत तरीके से लेने का मुद्वा सामने आया। तो नगरपालिका के निर्माण कार्यो में भी अंबिका सिंहदेव का हस्तक्षेप था। थाना और विभिन्न शासकीय कार्यालयों में भी जबरन का प्रभाव डाला जाता था। अंबिका सिंहदेव के कार्यकाल में गांव तो क्या शहर के लोग भी उनसे मिलना कठिन मानते थे,यही वजह था कि लोग चुनाव का इंतजार कर रहे थे। अंबिका सिंहदेव ने रेत का काम करने वाले टैऊक्टर चालकों एवं वाहन मालिको भी परेषान करने में कोई कमी नही किया था यहां तक कि पंचायतो के सरपंच सचिव भी परेषान होते रहे। पूरे पांच वर्ष अराजकता की स्थिति बैकुंठपुर विधानसभा में भी निर्मित थी जिसे भांपते हुए घटती घटना अखबार ने काफी पहले ही यह अंदेषा व्यक्त किया था कि अब पैलेस की राजनीति समाप्ति की ओर जा रही है, यह खबर भी अब अंबिका सिंहदेव की हार से सच निकली है,एक लंबे हार के बाद इतना तो तय है कि अब आगामी समय में वे टिकट मांगने के लायक नही रह जाएंगी।
आईना दिखाना हमारा काम आप देखें या ना देखें आपकी मर्जी
पूर्व में प्रकाशित कई खबरें आज सच साबित हुई हैं जिन जिन खबरो को लेकर घटती घटना अखबार ने आषंका जाहिर की थी उन खबरो का सच होना ही अखबार की विष्वसनीयता है,निर्भिकता और निष्पक्षता के साथ हर खबर में आईना दिखाने और वास्तविकता से अवगत कराना ही एक उद्वेष्य है फिर भी सत्ता के नषे में चूर नेताओं एवं समर्थको को वास्तविकता नजर नही आती जो कि काफी हास्यप्रद है। अविभाजित कोरिया के तात्कालिक विधायकों को लेकर भी हमने कई बार खबरो का प्रकाषन किया लेकिन कभी भी विधायको ने इसे गंभीरता से ना लेकर उल्टे पत्रकार को ही निषाने पर रखने की कोषिष की जिसका खामियाजा आज उन्हे हार के रूप में भुगतना पड़ा है। अब सत्ता समेत विधायक भी बदल गए हैं जो नजर आएगा वह निष्चित ही लिखा जाएगा एक बार नही बल्कि बार बार लिखा जाएगा,अब इसमें आपकी समझ है कि इसे किस ढंग से देखते हैं या फिर नजरअंदाज करते हैं।