अजमेर/रायपुर। अजमेर स्थित विश्व प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज़ मुइनुद्दीन चिश्ती की आज छठी शरीफ़ की फातेहा होगी। खादिमे आस्ताना जनाब हाजी अमजद हुसैन चिश्ती ने जनता से रिश्ता के राज.संपादक ज़ाकिर घुरसेना से हुई मुलाकात में बताया कि ख़्वाजा गरीब नवाज़ के 812वें उर्स के मौके पर आज छठी शरीफ़ की फातेहा धूमधाम …
अजमेर/रायपुर। अजमेर स्थित विश्व प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज़ मुइनुद्दीन चिश्ती की आज छठी शरीफ़ की फातेहा होगी। खादिमे आस्ताना जनाब हाजी अमजद हुसैन चिश्ती ने जनता से रिश्ता के राज.संपादक ज़ाकिर घुरसेना से हुई मुलाकात में बताया कि ख़्वाजा गरीब नवाज़ के 812वें उर्स के मौके पर आज छठी शरीफ़ की फातेहा धूमधाम से होगी। छठी शरीफ़ की शब कल मगरिब के बाद से लगने के बाद से ही लोग आस्ताने ख़्वाजा गरीब नवाज़ में गुलाब जल से सीचना चालू हो गया है। छठी शरीफ़ को लेकर जायरीनों में काफी उत्साह है। रायपुर सहित देश विदेश से जायरीन अजमेर शरीफ पहुंच चुके हैं।
रज्जब महीने की 6 तारीख को गरीब नवाज़ की छठी मनाई जाती है तत्पश्चात जायरीन अपने घरों के लिए रवाना होते हैं। वैसे तो हर महीने की 6 तारीख को छठी की फातेहा होती है लेकिन रज्जब महीने के 6 तारीख की छठी की उत्साह अलग ही होती है । दरगाह के खादिम हाजी अमजद हुसैन चिश्ती ने जनता से रिश्ता को बताया कि इस्लामी कैलेंडर के रज्जब महीने मे 1 से 6 तारीख को ख़्वाजा गरीब नवाज़ का उर्स पाक मनाया जाता है । आज दरगाह में सामूहिक रूप से दुआ की जाती है। और जायरीनों को लंगर तकसीम किया जाता है। वैसे तो लंगर रोजाना पूरे साल होता है। ख्वाजा गरीब नवाज़ जिंदगी भर दीन दुखियों और लोगों की भलाई तथा खुदा की इबादत में लगा दिए, इस वजह से उन्हे गरीब नवाज़ कहा जाता है। ख़्वाजा गरीब नवाज़ खुदा से लोगों की भलाई के लिए दुआ करते थे। यही वजह है कि लोगों की जिंदगी खुशियों से भर जाता था यह सिलसिला आज भी जारी है। दूर दराज से लोग यहां उनके दर में हाजिरी लगाने आते हैं और मन की मुरादें लेकर खुश होकर वापस जाते हैं। रायपुर में भी आज हर घर में और जगह जगह लंगर का इंतजाम किया जाता है। ख़्वाजा गरीब नवाज़ रूहानी दुनिया में ही रमे रहते थे। मानव जाति की सेवा को भी वे इबादत मानते थे। यही वजह है कि आज हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई सभी धर्म संप्रदाय के लोग अपनी मुरादें लेकर यहां आते हैं। और सबकी मुरादें पूरी भी होती है।