डीजे संचालक को महंगा पड़ा, कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने पर हुई सख्त कार्रवाई
सूरजपुर। उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ द्वारा जनहित में ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम के संबंध में पारित आदेश के पालन में जिला प्रशासन व पुलिस की संयुक्त टीम ने मध्य रात्रि पर तेज आवाज में बजने वाले दो डीजे की जब्ती की। ये दोनों डीजे नवापारा कॉलेज रोड में रात्रि मे 10 बजे से 01 बजे के …
सूरजपुर। उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ द्वारा जनहित में ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम के संबंध में पारित आदेश के पालन में जिला प्रशासन व पुलिस की संयुक्त टीम ने मध्य रात्रि पर तेज आवाज में बजने वाले दो डीजे की जब्ती की। ये दोनों डीजे नवापारा कॉलेज रोड में रात्रि मे 10 बजे से 01 बजे के बीच बहुत ही तीव्र आवाज के साथ बज रहे थे। जिसमें एक डीजे जन्मदिन के लिए और दूसरा अन्नप्राशन के लिये मंगवाया गया था। इससे पड़ोसियों और बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों और आसपास के बीमार व्यक्तियों के लिए बाधा उत्पन्न हो रही थी। जिसकी सूचना मिलते ही ’’हमराह स्टॉप’’ और पेट्रोलिंग दल द्वारा घटनास्थल पर पहुंचकर आयोजनकर्ताओं से अनुमति पत्र प्रस्तुत करने के लिए कहा गया। जब आयोजनकर्ता अनुमति पत्र प्रस्तुत करने में असमर्थ पाये गए तो कोलाहल अधिनियम के उल्लंघन के तहत गवाहों के समक्ष पंचनामा तैयार कर एम्पलीफायर, बॉक्स और अन्य ध्वनि विस्तारक यंत्रों की जब्ती कर न्यायालय सूरजपुर के समक्ष प्रस्तुत कर दिया गया है। दसवीं, बारहवीं बोर्ड परीक्षा एवं कॉलेज की परीक्षाओं को देखते हुए आगे यह कार्रवाई जारी रहेगी।
उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ के आदेश के परिपालन हेतु समय-समय पर उच्च स्तर से जिले को आवश्यक दिशा निर्देश दिए जाते हैं। मुख्य सचिव अमिताभ जैन द्वारा भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ध्वनि प्रदूषण को नग्णय करने की दिशा में आवश्यक कदम उठाने की बात कही गई है। इसके साथ ही सरगुजा संभाग के संभागायुक्त श्री गोविन्दराम चुरेन्द्र द्वारा भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोलाहल अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
आगे भी ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम के लिए सकारात्मक कदम उठाए जाएंगे। ध्वनि प्रदूषण को कैसे नियंत्रित करना है इस बारे में आरटीओ, नगर पालिका परिषद, ट्रैफिक पुलिस व अन्य संबंधित सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं के साथ समन्वय स्थापित कर ध्वनि प्रदूषण के कारकों को अप्रभावित किया जायेगा। ध्वनि प्रदूषण को नग्णय करने की दिशा में जिला प्रशासन द्वारा आमजन को ध्वनि प्रदूषण से होने वाले नुकसान और इससे संबंधित नियमों से जागरूक किया जाएगा और साथ ही नियमों का शक्ति से पालन किया जाना भी सुनिश्चित किया जाएगा।
लाउड स्पीकर, डीजे, वाहनों में प्रेशर हॉर्न इत्यादि जिनमें शासन द्वारा ध्वनि के लिए तय मानकों का उल्लंघन किया जा रहा है, वहां प्रशासन द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी। ध्वनि प्रदूषण मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों को प्रभावित करता है इसलिए प्रत्येक नागरिक इसके दुष्प्रभाव को समझते हुए, इससे दूरी बनाएं। स्वयं को जागरूक करें तथा अपने आसपास लोगों में भी ध्वनि प्रदूषण के उपाय को लेकर जागरूकता का प्रचार प्रसार करें। जन भागीदारी व जन जागरूकता से निसंदेह ध्वनि प्रदूषण के प्रभाव को कम किया जा सकता है।