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आश्रम छात्रावास के विद्यार्थियों को दैनिक उपयोग की वस्तुएं वितरित

Nilmani Pal
11 Dec 2023 2:46 AM GMT
आश्रम छात्रावास के विद्यार्थियों को दैनिक उपयोग की वस्तुएं वितरित
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महासमुंद। आदिवासी विकास विभाग के अंतर्गत जिले में संचालित छात्रावास/ आश्रमों में छात्रावासी बच्चों को आवश्यक सामग्रियों का वितरण किया जा रहा है | इन सामग्रियों में दैनिक उपयोग की सामग्री, लोअर, टी-शर्ट, ट्रैक सूट, सेनेटरी पैड इत्यादि शामिल है. इस सम्बन्ध में विभाग के मास्टर ट्रेनर व अधीक्षक निलेश खांडे ने जानकारी दी कि इस वर्ष से छात्रावास/ आश्रम में निवास करने वाले बच्चो को विभागीय निर्देशानुसार शिष्यवृत्ति की बचत राशि से बच्चों की जरूरत के सामग्री वितरण करने का निर्देश राज्य कार्यालय से प्राप्त हुआ था, इसके अंतर्गत बच्चों को दैनिक उपयोग की सामग्री साबुन, तेल इत्यादि के अलावा शिष्यवृत्ति से राशि बचत होने पर स्कूल बैग, लोअर, टी शर्ट ट्रैक सूट, पेन्सिल, पेन, कॉपी आदि एवं कन्या छात्रावास/ आश्रमों में सेनेटरी पैड अनिवार्य रूप से देने पर जोर दिया गया था| इस सम्बन्ध में जून के महीने में सभी अधीक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था, कुछ दिनों पूर्व आदिम जाती कल्याण विभाग के उपायुक्त श्री प्रज्ञान सेठ द्वारा भी निरीक्षण के दौरान इस हेतु निर्देशित किया गया था जिसके परिपालन में सहायक आयुक्त सुश्री शिल्पा साय द्वारा सभी अधीक्षकों को इस निर्देश पर कड़ाई से पालन करने हेतु भी दिशा निर्देश दिया गया था.

विभाग द्वारा संचालित छात्रावास/ आश्रमों में दुरुस्त अंचलों के बच्चे आकर निवास कर नजदीकी स्कूलों में पढाई करते है, बच्चों में पढाई एवं छात्रावासों में नियमित उपस्थित रहने को प्रेरित करने हेतु लगातार नवाचार किये जा रहे है | सामग्री वितरण के साथ ही नवाचारो में मोर्निंग वाक, व्यायाम, योगा, सांस्कृतिक गतिविधियाँ, छात्र मिनी बचत बैंक आदि शामिल किया गया है| पिछले वर्ष विभाग द्वारा जिले के 8 छात्रावास और आश्रम को आदर्श छात्रावास के रूप में भी अद्यतन किया गया है | इस वर्ष बजट अनुरूप कुछ छात्रावास आश्रमों में स्मार्ट क्लास की व्यवस्था भी की जा रही है | इन नवाचारो के लिए कलेक्टर श्री प्रभात मलिक के निर्देश पर सहायक आयुक्त शिल्पा साय द्वारा लगातार समीक्षा की जा रही है। ताकि जिले में संचालित सभी छात्रावास एवं आश्रम को एक आदर्श के रूप में विकसित किया जा सके तथा इनमें निवास करने वाले छात्र-छात्राओं के सर्वांगींण विकास पर ध्यान दिया जा सके.

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