हार के बाद बृहस्पत व जयसिंह का फूटा गुस्सा
शीर्ष नेताओं के दबाव में थी प्रभारी
एक ही व्यक्ति चला रहा था सरकार…!
टीएस सिंहदेव छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के चीफ बनाए जा सकते हैं…
रायपुर। प्रदेश में कांग्रेस की करारी हार को लेकर दिल्ली में कोरग्रुप की बैठक से पहले राजधानी रायपुर में पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह ने कुमारी सैलजा और टीएस सिंहदेव पर करारा हमला बोला है। वहीं जयसिंह अग्रवाल ने हार का पूरा ठीकरा भूपेश बघेल पर फोड़ दिया। हालांकि उन्होंने भूपेश का नाम नहीं लिया लेकिन इशारा काफी थी। बृहस्पत सिंह ने प्रदेश प्रभारी सैलजा पर बड़े नेताओं के हाथों बिकने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी से तत्काल उन्हें हटाने की मांग की है। जिसकी तस्दीक सीपत के कांग्रेस नेता अरूण तिवारी और बिलायपुर के मेयर रामशरण यादव के चुनाव से पहले एख वायरल वीडियों ने कर दिया था, जिसमें सैलजा पर लेनदेन का गंबीर आरोप लगाया गया था। यहां तक बोला गया ता कि कांगरेस की टिचकट 4 करोड़ में बेचे गए और पैसा सैलजा के पिता के हरियाणा स्थित स्कूल में हवाला किया गया। (लेकिन जनता से रिश्ता इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता)। चुनाव के बाद बृहस्पत सिंह ने तीखे आरोप लगाए। उन्होंने सीधे तौर पर कहा, बीजेपी को सत्ता में लाने का श्रेय टी. एस. सिंहदेव को जाता है। मेरी भाजपा से मांग है कि, इसके एवज में उन्हें राज्यपाल बनाया जाए। बृहस्पत सिंह ने आगे कहा, छत्तीसगढ़ के बड़े नेताओं पर घमंड सिर चढ़कर बोल रहा था। कांग्रेस जिस पीएम को घेर रही थी, डिप्टी सीएम मंच से उनके लिए कह रहे थे। मोदी जी अच्छा काम कर रहे हैं। ऐसे में जनता और कांग्रेस कार्यकर्ता कैसे समर्थन करेंगे। पूरी पार्टी कहती रही कि, हमने 36 वादे पूरे किए और टीएस सिंहदेव बार-बार दोहराते रहे कि 12 वादे पूरे किए गए हैं। आगे उन्होंने कहा टी। एस। सिंहदेव पूर्णकालिक सीएम बनते तो कांग्रेस की वही हालत होती, जो पांच वर्ष पूर्व रमन सरकार की वजह से भाजपा की हुई। हम 15 में सिमट जाते।
बृहस्पत सिंह ने यह भी कहा कि, संगठन का कामकाज पूरी तरह से पटरी से उतर चुका था। प्रदेश प्रभारी ऐसा लग रहा था टी.एस. सिंहदेव को प्रमोट करने आईं थीं। अंबिकापुर में वह हिरोइन की तरह कार में बैठकर फोटो खिंचवाईं, उस कार को टी।एस। सिंहदेव चला रहे थे। बृहस्पत सिंह ने सैलजा पर सीधा आरोप लगाया कि, प्रदेश प्रभारी टिकट वितरण के मामले में बिक चुकी थी। इसके पहले के प्रभारियों ने बहुत अच्छा काम किया था। मेरी राहुल जी से आग्रह है, मिलकर भी कहूंगा कि तत्काल प्रभारी को बदला जाए। तभी डैमेज कंट्रोल हो पाएगा।
बयान पर मचा बवाल- बृहस्पति सिंह के बयान से भड़क उठे कांग्रेसी विधायक
रामानुजगंज के पूर्व विधायक बृहस्पति सिंह ने प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा को लेकर तीखी बयानबाजी की थी। उन्होंने कुमारी सैलजा पर कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं। ये सब तब हुआ जब छत्तीसगढ़ चुनाव में मिली हार को लेकर दिल्ली में मंथन किया जा रहा था। बृहस्पति सिंह के बयान के बाद अब कांग्रेस के कई नेताओं ने उन्हें पार्टी से निकालने की मांग की है। बृहस्पति सिंह की बयानबाजी शर्मनाक : बृहस्पति सिंह के बयानबाजी को लेकर महिला विधायक कविता प्राण लहरे और विधायक राघवेंद्र ने नाराजगी जाहिर की है। विधायक कविता प्राण लहरे ने बृहस्पति सिंह की बयानबाजी को शर्मनाक बताया है। साथ ही संगठन और महिला के सम्मान को ठेस पहुंचाने की भी बात कही है। वहीं अलकतरा से विधायक राघवेंद्र सिंह ने भी बृहस्पत सिंह के बयान की निंदा करते हुए कहा है कि, ये अनुशासनहीनता है। मैं कुमारी सैलजा के लिए कहे गए शब्दों से काफी दुखी हूं। ऐसे शब्द बिल्कुल स्वीकार नहीं किए जा सकते। बृहस्पति सिंह का बयान घातक : बिलासपुर से पूर्व विधायक शैलेश पांडेय ने बृहस्पति सिंह के बयान को घातक करार देते हुए पार्टी को ठेस पहुंचाने वाला बताया है। किसी को भी संगठन के खिलाफ कोई बात नहीं कहनी चाहिए। साथ ही यह भी कहा कि, पार्टी नेतृत्व को लांछित करने वालों को पार्टी से निष्कासित करना चाहिए। पूर्व मंत्री जयसिंह का फूटा गुस्सा, एक ताकत चला रही थी सरकार : कांग्रेस के हार का जख्म अभी भरा भी नहीं है कि बृहस्पत सिंह के बाद जयसिंह अग्रवाल ने भूपेश पर हार का ठीकरा फोड़ दिया है। एएसा लगता है कि कांग्रेस खेमे में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। बृहस्पत सिंह के बयान के बाद अब पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने हार को लेकर बड़ा बयान दे दिया है। जयसिंह अग्रवाल ने कहा, इस चुनाव में एकजुटता नहीं थी, इस बार का चुनाव सेंट्रलाइज था। पिछले चुनाव में जो जनादेश मिला, उसका सरकार कदर नहीं कर पाई। मंत्रियों को पावर नहीं मिल पाई। एक ताकत सेंट्रलाइज होकर कुछ लोगों के साथ सरकार चलाती रही। मंत्रियों का जो जिले में प्रभाव होता है, उसे बाधित किया गया। विधायकों के परफार्मेंस का फर्जी सर्वे : इतना ही नहीं जयसिंह अग्रवाल ने संगठन के सर्वे पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि, विधायकों के परफार्मेंस का सर्वे सरकार का मुखिया करवाता था। उस सर्वे पर कभी चर्चा नहीं हुई, जो फर्जी सर्वे था। आगे जयसिंह अग्रवाल ने बिना किसी का नाम लिए कहा, खेतों को सुरक्षित रखने के लिए बाड़ा बनाया जाता है। अगर वो बाड़ा ही खेत को खाए तो क्या होगा। जयसिंह अग्रवाल ने इशारों ही इशारों में हार का जिम्मेदार प्रदेश के तात्कालीन मुखिया को बताया है।
छांट-छांटकर अधिकारियों की पोस्टिंग : जयसिंह अग्रवाल ने कहा, प्रशासनिक अधिकारी ने काम में व्यवधान डाला। कोरबा में छांट-छांटकर अधिकारियों की पोस्टिंग की गई। एसपी मीणा ने कोरबा को डुबाया और कलेक्टर रानू साहू ने बर्बाद किया है। भोजराम पटेल को एक सिपाही चलाता रहा। वहीं उदय किरण ने भ्रष्टाचार के सारे रिकार्ड तोड़ दिए। कोयला चोरी और डीजल चोरी को बढ़ावा दिया। माहौल को साढ़े चार साल तक बिगाड़ दिया, इससे सरकार के खिलाफ एंटी इन्कंबेंसी पैदा हुई और सुनियोजित ढंग से अपराध कराए गए, जिससे सरकार की छवि खराब हुआ और उन सबका खामियाजा हम लोगों को भुगतना पड़ा।