ईडी की कार्रवाई का इंतजार, हो सकता है कांग्रेस संगठन में आमूलचूल परिवर्तन शिकायतों के भंवर जाल में फंसी कांग्रेस को कैसे जिताएंगे नए प्रभारी सचिन पायलट जनता से रिश्ता की खबर पर लगी मुहर गुरुवार को जनता से रिश्ता ने बहरूपिए कांग्रेसियों से सचिन रहे सावधान शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था उन्होंने …
ईडी की कार्रवाई का इंतजार, हो सकता है कांग्रेस संगठन में आमूलचूल परिवर्तन
शिकायतों के भंवर जाल में फंसी कांग्रेस को कैसे जिताएंगे नए प्रभारी सचिन पायलट
जनता से रिश्ता की खबर पर लगी मुहर
गुरुवार को जनता से रिश्ता ने बहरूपिए कांग्रेसियों से सचिन रहे सावधान शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था उन्होंने अपने बयान से इस खबर की तस्दीक कर दी। उन्होंने कहा था कि छग में पराजय का लक्षण किसी कांग्रेसी में नहीं दिख रहा है। ये वही बहरूपिए कांग्रेसी है। जिनसे बचने जनता से रिश्ता ने समाचार प्रकाशित किया था…
रायपुर (जसेरि)। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस संगठन शिकायतों के भंवर जाल में फंसी हुई नजर आ रही है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद संगठन की कार्यशैली और निर्णय को लेकर वरिष्ठ नेताओं मोर्चा खोल दिया है। राजधानी रायपुर से लेकर दिल्ली तक शिकायतों की गठरी लेकर असंतुष्ट नेता पार्टी हाई कमान से लेकर प्रदेश प्रभारी से अपनी बात लगातार रख रखे हंै। यैन लोकसभा चुनाव से पहले नए प्रदेश प्रभारी से वरिष्ठ नेता हार के परिणामों को लेकर जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग कर रहे है। शिकायतों का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा : इसके पहले भी असंतुष्ट नेता भूपेश बघेल और संगठन के अन्य नेताओं की शिकायत कांग्रेस आलाकमान से कर चुके है। विश्वसनीय सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि उक्त असंतुष्ट नेतागण कांग्रेस आलाकमान के पास पुख्ता सबूत भी पेश किए है। कांग्रेस में लगातार शिकायत का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुछ विधायकों ने सचिन पायलट से मिलकर वर्तमान प्रदेश कमेटी की शिकायत की। विधायकों को कहना था किसी भी कीमत में दीपक बैज को विधानसभा चुनाव नहीं लडऩा था। दीपक बैज के साथ जो भी इंचार्ज में पदाधिकारी थे, सबनेें पार्टी के साथ जमकर धोखाधड़ी की है और लगातार पार्टी को गर्त में धकेलने का घटिया कार्य किया है, जिसका परिणाम अच्छे खासे 71 सीटों वाली भारी भरकम बहुमत से कांग्रेस की सरकार पर विपरीत असर पड़ा नतीजन कांग्रेस 35 सीटों में अटक गई और वापस सरकार बनाने की उम्मीदों पर पानी फिर गया। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार नहीं बन पाई फिर लोकसभा चुनाव में उसी प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव लडऩे की उम्मीद करना बिल्कुल नाइंसाफी होगी। विधानसभा चुनाव हार चुके पार्टी के अध्यक्ष से उम्मीद जताना कि पार्टी को कुछ सफलता दिला सकती हैं तो पार्टी के हित में बेइमानी होगी। शिकायतकर्ताओं ने तो यहां तक कहा कि चुनाव से पहले किसी अन्य वरिष्ठ नेताओं को पार्टी के अध्यक्ष बनने पर ही कुछ आशाजनक परिणाम देखने मिल सकते हैं । शिकायत कर्ताओं ने सचिन पायलट से मिलकर संपूर्ण प्रदेश राजनीति में भ्रष्ट कांग्रेस पदाधिकारियों की मंशा और उनके बड़े -बड़े सपनों की खबर से सचिन पायलट को अवगत करा दिया है।
श्वष्ठ के अगले कदम का इंतजार
ईडी की कार्रवाई का इंतजार सभी कांग्रेस के वरिष्ठ और असंतुष नेतागण कर रहे ताकि आगे की रणनीति के अनुसार ईडी की कार्रवाई के उपरांत कांग्रेस में बड़े उठापटक और मुखालफत सामने आने की बात बताई जा रही है । ईडी की कार्रवाई सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल को भारत लाते ही ताबड़तोड़ होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता । असंतुष्ट नेता के बयान के अनुसार तत्कालीन पूर्व कांग्रेस सरकार के बड़े पदाधिकारी, पूर्व एमएलए वर्तमान एमएलए और भूपेश के सरकार में रहे बड़े पदाधिकारी सभी लोगों को ईडी गिरफ्तार कर सकती है। जमीन कारोबी सहित राइस मिल के मालिक को भी गिरफ्तार किया जा सकता है।
श्वष्ठ डायरी में मिले नामों का कर सकती है खुलासा
जानकारी अनुसार ईडी की डायरी जिसमें सभी नेताओं के नाम और दिल्ली के बड़े नेताओं के नाम बड़ी-बड़ी रकम का लेनदेन हुआ है इसका खुलासा भी ईडी कर सकती है सूत्रों के अनुसार ईडी ने इस डायरी के अनुसार लगातार सभी जगह छापेमारी की है। अब इस डायरी के पन्ने से राज खुलते ही सभी कांग्रेस के बड़े नेता जिनका नाम उस डायरी में शामिल है वह सभी नेताओं पर ईडी ने उचित कानूनी कार्रवाई करने का मन बना लिया है । वैसे भी ईडी की डायरी खुलने और कार्रवाई का इंतजार सभी को हो रहा है उसके बाद ही कांग्रेस में कुछ परिवर्तन की बातें की जा सकती है ऐसा जानकरों का कहना है। प्रदेश के वर्तमान पदाधिकारी भी ईडी के रडार पर हैं।
कारोबारी सुनील अग्रवाल को वीआईपी सुविधा दे रहे जेल अधिकारी: ईडी
कोयला घोटाले में जेल बंद कारोबारी सुनील अग्रवाल व अन्य को सेंट्रल जेल से हटाकर दूसरे जेल में शिफ्ट करने की मांग ईडी ने कोर्ट से की है। ईडी का आरोप है कि जेल और अस्पताल के अधिकारियों की मिलीभगत से उन्हें जेल और अस्पताल में कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई। इलाज के दौरान उन्हें वीआईपी ट्रीटमेंट दिया गया। ईडी के पास कई तस्वीरें ऐसी हैं जिनके आधार पर दावा किया गया है कि अस्पतालों में इन्हें सामान्य कैदी की तरह जनरल वार्ड में नहीं बल्कि प्राइवेट रूम में रखा गया। इस रूम में एसी-टीवी सबकुछ उपलब्ध कराया गया। ईडी के पास जिन डॉक्टरों का बयान है कि उसके अनुसार दोनों ने कई बार अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान ट्रीटमेंट लेने से भी मना कर दिया था। इससे साफ है कि दोनों केवल सुविधाओं का फायदा लेने अस्पताल पहुंचे थे। ईडी ने कोर्ट में जो आवेदन दिया है उसके अनुसार सुनील अग्रवाल ने स्वास्थ्यगत कारणों का हवाला देकर दिसंबर 2022 से जुलाई 2023 के बीच 170 दिन अस्पताल में गुजारे। एक आरोपी फरवरी 2023 से जुलाई 2023 के बीच करीब 1 महीने तक अस्पताल में रहा। सुनील अग्रवाल ने मेडिशाइन अस्पताल के यूरोलॉजी डिपार्टमेंट में तीन महीने से ज्यादा का वक्त गुजारा है। इसी तरह वह डीकेएस अस्पताल के नेफ्रोलॉजी डिपार्टमेंट में 28 दिन तक भर्ती रहा।